bhind … नपा अवैध निर्माणों को वैध करने के लिए अभियान … शहर में 65% भवन अवैध, वैध कराने पर मिलेगी जुर्माने पर 20% की छूट
- नपा अवैध निर्माणों को वैध करने के लिए 28 फरवरी तक चला रही अभियान…..
शहर में 65 फीसदी भवन अवैध रुप से बने हुए हैं। यानि इनके निर्माण के लिए भवन स्वामियों ने नगरपालिका से अनुमति नहीं ली है। लेकिन अब इन अवैध निर्माणों को वैद्य करने के लिए सरकार अभियान चला रही है। समझौते के रुप में जुर्माना राशि पर 20 प्रतिशत की छूट भी दे रही है। नगरपालिका यह भी दावा कर रही है कि एक मार्च से बिना अनुमति निर्मित भवनों पर वह कार्रवाई भी करेगी। बता दें कि भिंड शहर में 40 हजार से अधिक भवन बने हुए हैं। लेकिन नगरपालिका से भवन निर्माण की अनुमति करीब 14 हजार लोगों ने ही ली है।
यानि 26 हजार के करीब भवन ऐसे हैं, जो कि नगरपालिका की बिना अनुमति के निर्मित हैं । इन भवनों को नगरपालिका कभी भी अवैध निर्माण बता कर ढहा सकती है। लेकिन सरकार ने इन मकानों को वैध करने के लिए अब एक मौका दिया है, जिसके तहत सरकार समझौते के रुप जुर्माना की राशि में 20 प्रतिशत की छूट दे रही है। वहीं नगरपालिका इस अभियान के तहत ऐसे मकानों को चिंहित भी कर रही है, जिन्हें 28 फरवरी तक वैध किया जाना है।
शहर में 26 हजार अवैध मकान, नपा कभी भी ताेड़ सकती है
कैसे ले सकते हैं अनुमति
नगरपालिका की अतिक्रमण एवं भवन अनुज्ञा शाखा के प्रभारी राजेंद्र सिंह चौहान के अनुसार किसी भी भवन निर्माण की अनुमति के लिए सबसे पहले जमीन की रजिस्ट्री, डायवर्सन, नजूल की एनओसी, नगरपालिका में नामातंरण, कर का अदेय प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। इसके बाद रजिस्टर्ड आर्केटेक्ट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जाता है, जिसके उपरांत बिल्डिंग क्लर्क आवेदक के दस्तावेज की जांच करेगा। फिर बिल्डिंग इंस्पेक्टर उसका स्थल निरीक्षण करेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई के उपरांत सीएमओ के यहां से भवन अनुज्ञा जारी होगी।
समझौते में ऐसे मिलेगी 20% की छूट
600 वर्गफीट के प्लॉट पर 9 लाख 99 हजार 999 रुपए तक की लागत के भवन की अनुज्ञा में 1500 से 2 हजार रुपए का खर्चा आता है। वहीं यदि इतने ही क्षेत्रफल में 10 लाख रुपए से अधिक लागत का भवन बना हुआ है तो अनुज्ञा में एक प्रतिशत उपकर ओर बढ़ जाता है। बता दें कि आवेदन का शुक्ल मात्र दो रुपए है। जबकि भवन अनुज्ञा का शुक्ल 1500 रुपए है। इसके अलावा 300 रुपए मलबा शुल्क रहता है।
यदि कोई भवन पुराना है, जिसकी अनुज्ञा(निर्माण की अनुमति) नहीं है। तो उसके निर्माण का वर्तमान वैल्युएशन के आधार पर जुर्माना के रुप में अनुमति का शुल्क पांच गुना अधिक लगेगा। यानि किसी मकान का वैल्युएशन 10 लाख रुपए से कम है तो उस पर अनुमति शुक्ल पांच गुना 7500 रुपए लगेगी। लेकिन सरकार समझौते के रुप में 7500 रुपए में 20 प्रतिशत की छूट इस समय दे रही है।
बिना अनुमति निर्मित मकानों को वैध करने के लिए सरकार इस समय अभियान चला रही है। इसके तहत समझौते में 20% की छूट भी जा रही है। योजना का प्रचार प्रसार करने के लिए शहर में होर्डिंग भी लगवाए गए हैं। साथ ही ऐसे मकानों को चिह्नित भी किया जा रहा है। – सुरेंद्र शर्मा, सीएमओ, भिंड