सपा-कांग्रेस का समझौता सिर्फ दो-दो VVIP सीटों पर ही …. पहले दो चरणों की 113 सीटों पर भाजपा से 4 गुना ज्यादा नुकसान सपा को दे रही कांग्रेस
अखिलेश यादव की करहल और शिवपाल यादव की जसवंतनगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारा है। इस फैसले के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि दोनों के बीच अप्रत्यक्ष रूप से समझौता है। कांग्रेस प्रदेश महासचिव ने भी यह साफ कर दिया है कि रायबरेली और अमेठी में सपा के उम्मीदवार न उतारने के फैसले के बाद कांग्रेस ने यह फैसला लिया, यानि कि समझौता सिर्फ दो सीटों पर ही है।
क्या वाकई, इस बात पर कोई वजन है कि दोनों पार्टियों के बीच अप्रत्यक्ष रूप से समझौता है, इसके लिए दैनिक भास्कर ने पश्चिम उत्तर प्रदेश की शुरुआती दो चरणों की 113 सीटों का विश्लेषण किया। इनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिले आते हैं। विश्लेषण के हिसाब से जातीय समीकरण देखें तो कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार सपा के उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचाते दिख रहे हैं। 113 में से 60 सीटों पर कांग्रेस किसी को नुकसान पहुंचाती तो नहीं, लेकिन अपना ही सियासी समीकरण बैठाती दिख रही है।
पिछली बार 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने सपा के साथ चुनाव लड़ा था। इस बार कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ रही है। आइए विस्तार से जानते हैं, इस विश्लेषण के बारे में…
पश्चिम उत्तर प्रदेश की 113 सीटों पर कांग्रेस का रोल
- कांग्रेस ने 33 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। इससे सपा को नुकसान होगा।
- 10 सीटें ऐसी हैं, जिसमें कांग्रेस ने सपा उम्मीदवार की ही जाति का उम्मीदवार उतारा है, इससे भी सपा को नुकसान होगा।
- 10 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार के सामने उसी जाति के उम्मीदवार को उतारा है। इसे भाजपा के उम्मीदवार के वोट कटेंगे।
- 60 सीटें ऐसी हैं, जिसमें कांग्रेस ने भाजपा-सपा और बसपा से अलग जाति के उम्मीदवार को टिकट दिया है। इसमें महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।
इन 43 सीटों पर सपा को नुकसान
देवबंद, कैराना, शामली, चरथावल, मीरापुर, बरहापुर, धामपुर, बिजनौर, कांठ, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद, मुरादाबाद नगर, कुंदरकी, असमोली, संभल, चमरौआ, रामपुर, अमरोहा, हसनपुर, सिवालखास, हस्तिनापुर, मेरठ, मेरठ साउथ, लोनी, मुरादनगर, गढ़मुक्तेश्वर, जेवर, सिकंदराबाद, अनूपशहर, शिकारपुर, अलीगढ़, गोवर्धन, फतेहपुर सीकरी, बाह, सहसवान, शेखूपुर, दातागंज, मीरगंज, भोजीपुरा, बरेली कैंट, आंवला, ददरौल।
इन 33 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे
कैराना, शामली, देवबंद, मीरापुर, बरहापुर, धामपुर, कांठ, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद ग्रामीण, मुरादाबाद नगर, कुंदरकी, चरथावल, असमोली, संभल, चमरौआ, रामपुर, अमरोहा, हसनपुर, सरधना, मेरठ साउथ, लोनी, सिकंदराबाद, शिकारपुर, अलीगढ़, शेखूपुर, दातागंज, बरेली कैंट, ददरौल, मीरगंज, भोजपुरा, छपरौली, बिजनौर, नजीबाबाद।
इन 10 सीटों पर भाजपा को नुकसान
मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, बरौली, मांट, एत्मादपुर, आगरा साउथ, आगरा नॉर्थ, कटरा।
यह है कांग्रेस का सियासी गणित
- कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 125 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी।
- सबसे ज्यादा 19 टिकट मुस्लिमों को दिए, जबकि 18 ब्राह्मण समाज के प्रत्याशी उतारे।
- दलित सुरक्षित सीटों में 10 पासी और 15 जाटव समुदाय के उम्मीदवार उतारे।
- कांग्रेस ने मुरादाबाद मंडल की 19 सीटों में से 10 सीटों में से 8 पर मुस्लिम कैंडिडेट उतारे।
- मुरादाबाद जिले की छह सीटों में से नगर से रिजवान कुरैशी और मुरादाबाद देहात से मुहम्मद नदीम को उतारा है।
- सम्भल की चार सीटों में से दो पर सम्भल से निदा अहमद और असमौली से हाजी मगरूफ आलम को उतारा है।
- अमरोहा की चार सीटों में से अमरोहा सीट से सलीम खान को प्रत्याशी बनाया है।
- रामपुर की पांच सीटों में शहर से काजिम अली, स्वार से हैदर अली, चमरौहा से अली युसूफ को टिकट दिया है।
- छपरौली से यूनुस चौधरी, लोनी सीट से यामीन मलिक को टिकट दिया है।
- अलीगढ़ सीट पर मोहम्मद सलमान इम्तियाज, मीरगंज से मोहम्मद इलियास, ददरौली से तनवीर सफदर को टिकट दिया है।