सुनो ना, सुन लो ना…:शुरुआत योगी ने की, फिर राहुल-अखिलेश आए और आप से तुम, तुम से तू होने लगी

सियासत की जब गुफ्तगू होने लगी, आप से तुम,तुम से तू होने लगी। यह चंद लाइनें इन दिनों यूपी के चुनावों में बिल्कुल सटीक बैठ रही हैं। यूपी और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों के बीच अब ट्विटर पर ‘सुनो युद्ध’ शुरू हो गया है। इस युद्ध में कांग्रेस, सपा और दूसरी पार्टियों के नेता भी शामिल होने लगे हैं। सुनो युद्ध की भाषा भी ऐसी है जो ट्विटर पर ट्रेंड करने लगी है। इस युद्ध की शुरूआत योगी ने ‘सुनो केजरीवाल’ के संबोधन से की थी। फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ‘सुनो योगी’ शब्द का इस्तेमाल कर इसका जवाब दिया। बस फिर क्या था, लोग जुड़ते गए कारवां बढ़ता गया।

पहले योगी ने कहा सुनो केजरीवाल
पहले योगी ने कहा सुनो केजरीवाल

पहले योगी ने कहा अपने ट्वीट में, ‘सुनो केजरीवाल’

जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया। छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया।’

आपको मानवताद्रोही कहें या…

फिर केजरीवाल ने भी कहा सुनो योगी
फिर केजरीवाल ने भी कहा सुनो योगी

अरविंद केजरीवाल का जवाब आया

‘सुनो योगी, आप तो रहने ही दो। जिस तरह UP के लोगों की लाशें नदी में बह रहीं थीं और आप करोड़ों रुपए खर्च करके Times मैगज़ीन में अपनी झूठी वाह वाही के विज्ञापन दे रहे थे। आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा।’

आप नेता संजय सिंह भी कूदे 'सुनो युद्ध' में
आप नेता संजय सिंह भी कूदे ‘सुनो युद्ध’ में

फिर संजय सिंह भी इस युद्ध में कूदे, उन्होंने ट्वीट किया..

‘सुनो आदित्यनाथ।

क्या तुमको नही लगता कि तुम्हारी भाषा मुख्यमंत्री के बजाय चौराहा छाप नेता की है?’

कांग्रेस की एंट्री भी हुई
कांग्रेस की एंट्री भी हुई

योगी-केजरीवाल के झगड़े में छत्तीसगढ़ कांग्रेस भी आ गई

बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की तर्ज पर योगी- केजरीवाल के सुनो युद्ध में छत्तीसगढ़ कांग्रेस भी शामिल हो गई। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दोनों को जवाब देते हुए लिखा….

‘सुनो योगी-केजरीवाल,

तुम दोनों ये नूरा कुश्ती करके देश को बेवकूफ न बनाओ।

सच तो ये है कि जनता की दोनों को कोई फिक्र नहीं।

दोनों ही नागपुर वालों के “Arvind Now” और “Yogi Now” हो।’

अखिलेश बोले- मैंने हमारी आंखे भी खुली हैं कान भी खुले हैं

‘सुनो युद्ध’ में अखिलेश यादव अलग ही तरह से खेल रहे हैं। अखिलेश ने सहारनपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान कहा कि दिल्ली वाले मंत्री कह रहे थे कि अखिलेश जरा कान खोलकर के सुन लो, उन्हें पता ही नहीं है कि हम लोगों ने बहुत पहले ही कान खोलकर रखे थे। केवल नाक और मुंह बंद रखे थे। हमारी आंखे भी खुली हैं। कान भी खुली हैं। आपके नाक-मुंह तो बंद थे, लेकिन इस बार 10 मार्च को आपकी आंखे भी खुल जाएंगी और कान भी खुल जाएंगे।

ट्विटर पर ऐसे शुरू हुआ ‘सुनो युद्ध’

दरअसल ट्विटर पर इस सुनो युद्ध की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को लेकर हुई थी, जो उन्होंने संसद में दिल्ली सरकार को लेकर दिया था। मोदी ने लॉकडाउन के समय की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि उस समय दिल्ली में ऐसी सरकार थी, जिसने जीप पर माइक बांध करके दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी में गाड़ी घुमाकर लोगों से कहा कि संकट बड़ा है भागो, गांव जाओ। घर जाओ और दिल्ली से जाने के लिए बसें दी, आधे रास्ते छोड़ दिया और श्रमिकों के लिए मुसीबतें पैदा की और उसका कारण यह हुआ कि यूपी, उत्तराखंड, पंजाब में जिस कोरोना की इतनी गति नहीं थी इस पाप के कारण कोरोना तेजी से फैल गया।

अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बयान को झूठ बताया। मोदी के लोकसभा में दिए इस भाषण की वीडियो क्लिप टैग करते हुए केजरीवाल ने उनके बयान को ट्विटर पर सरासर झूठ बताते हुए ट्वीट किया और लिखा कि प्रधानमंत्री का यह बयान सरासर झूठ है। देश उम्मीद करता है कि जिन लोगों ने कोरोना काल की पीड़ा को सहा, जिन लोगों ने अपनों को खोया, प्रधानमंत्री जी उनके प्रति संवेदनशील होंगे। लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देता।। बस इसी ट्वीट के बाद से ट्विटर पर योगी ने सुनो युद्ध की शुरूआत की।

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