ग्वालियर : न ई-रिक्शा चले, न रॉन्ग साइड वाहन पकड़ने के लिए कैमरे लगे ?

कागजी निर्देशों तक सिमटी बैठक…:न ई-रिक्शा चले, न रॉन्ग साइड वाहन पकड़ने के लिए कैमरे लगे

मैं पालन प्रतिवेदन लेकर स्थिति देखूंगा: सांसद

सांसद भारत सिंह कुशवाह का कहना है कि सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में जो निर्णय हुए थे। उनका पालन प्रतिवेदन लेकर स्थिति जानूंगा, साथ ही शहर में निकल कर हकीकत भी देखी जाएगी। यदि बैठक के निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन स्तर पर चर्चा की जाएगी।

9 हजार… ई-रिक्शा बिना पंजीकृत हैं जो शहर में धड़ल्ले से चल रहे हैं

5 हजार… ई-रिक्शा का ही अब तक शहर में पंजीयन हो सका है

6 अगस्त… तक ई-रिक्शा की होनी थी कलर कोडिंग

जानिए… बैठक में तय मुद्दे-निर्देशों का क्या है हाल

ई-रिक्शा... 1528 रजिस्ट्रेशन, फिर बंद की प्रक्रिया: बैठक में तय हुआ था कि ई रिक्शा की कलर कोडिंग कर 15 अगस्त से पहले उन्हें दो शिफ्ट में चलाया जाएगा। ये कलर कोडिंग 1 से 6 अगस्त तक की जानी थी, जो कि 5 अगस्त को शुरू हुई और 2-3 दिन बाद फिर इसे बंद कर दिया गया। अब अधिकारी एक-दो दिन में फिर इसे शुरू करने का दावा कर रहे हैं। अब तक 5 हजार पंजी​कृत ई-रिक्शा में से 1528 पर ही कलर कोडिंग हो सकी है। वहीं बिना पंजीयन के चल रहे करीब 9 हजार ई रिक्शा पर कोई कार्रवाई भी परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने नहीं की।

{गड्ढे… सांसद की चेतावनी के बाद और बढ़ गए गड्ढे: सांसद भारत सिंह कुशवाहा ने बैठक में निर्देश दिए थे कि अभियान चलाकर सड़कों की पेंच रिपेयरिंग करें और गड्ढे भरवाएं। यदि किसी गड्ढे से कोई हादसा हुआ और मौत हुई तो अफसर जिम्मेदार होंगे। इस चेतावनी के बाद भी पेंच रिपेयरिंग तेजी नहीं पकड़ सकी। बल्कि शहर की सड़कों पर गड्ढे बढ़ गए। फूलबाग गुरुद्वारा-पड़ाव चौराहा, एसकेवी-फूलबाग मैदान, नदी गेट समेत तमाम सड़कें ऐसी हैं, ​जहां पर गड्डे से लोग परेशान हैं।

रॉन्ग साइड… 2 प्वाइंट तय, कैमरे तो दूर सर्वे तक नहीं: सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यों ने मुद्दा उठाया था कि कई रूट, जिन्हें वन-वे कर दिया गया है। उनमें लोग गली और दूसरे रास्तों से रॉन्ग साइड घुस रहे हैं। जिससे हादसे हो रहे, इस समस्या पर गौर करते हुए बैठक में तय किया गया कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 2 प्वाइंट पर आईटीएमएस कैमरे लगाए जाएंगे। ये प्वाइंट दौलतगंज का सूर्य नारायण मंदिर तिराहा और ऊंट पुल के पास तय हुए थे। लेकिन यहां कैमरे लगना तो दूर, अब तक सर्वे भी नहीं हुआ।

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