चुनाव से छह माह पहले ही दक्षिण विधानसभा सीट पर भाजपा के दावेदारों की बयानवाजी को लेकर जयेष्ठ मास की उमसभरी गर्मी दक्षिण की राजनीति तप रही है। भाजपा की परंपरा रही है कि विवाद की स्थिति निर्मित होने पर किसी नये चेहरों को सामने लाकर खड़ा कर देती है। भाजपा की राजनीति से जुड़े करीबी जानकारों का मानना है कि दक्षिण से भाजपा विवादों में उलझे तीनों की टिकिट की दावेदारी को किनारा कर नये चेहरे पर पार्टी दांव लगा सकती है। इसी उम्मीद के साथ दक्षिण में नये दावेदार भी सक्रिय हो गये। दक्षिण में पूर्व मंत्री एवं महाराष्ट्र के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया ने भी दक्षिण में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। संगठन की गतिविधियों की आड़ में जिलाध्यक्ष अभय चौधरी पहले से सक्रिय हैं। अब संगठन के पास दक्षिण में कई विकल्प मौजूद है। दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायक प्रवीण पाठक ने अपना टिकिट फाइनल मानते हुए चुनाव की तैयारी तीन माह पहले से शुरु कर दी है। वो समूची विधानसभा क्षेत्र में घर-घर दस्तक देकर युवाओं से मेल जोल बढ़ा रहे हैं।

पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा भितरवार विधानसभा क्षेत्र से दो बार पराजित होने के बाद नये और सुरक्षित क्षेत्र की तलाश थी। उनकी तलाश दक्षिण विधानसभा पर जाकर टिकी। अनूप मिश्रा ने अपनी शैली में दक्षिण से विधानसभा चुनाव लड़ने का एक तरफ एलान कर दिया। इस घोषणा के बाद से पार्टी के अन्य दावेदार भी सक्रिय हो गये। और संगठन की कार्यशैली से विपरीत बयानवाजी शुरु हो गई। गौर करने वाली बात यह है कि यह बयान भी वे लोग दे रहे हैं। जो कि दो पीढ़ियों से भाजपा से जुड़े हैं।

किसने क्या दावे किये

1- अनूप मिश्रा – दक्षिण विधानसभा से ही चुनाव लड़ुगा

2- समीक्षा गुप्ता- टिकिट के लिये दावेदारी हर कार्यकर्ता कर सकता है। मैं भी टिकिट के लिए परीक्षा देने को तैयार।

3- नारायण सिंह कुशवाह- तीन बार इस क्षेत्र से चुनाव जीत चुके पूर्व मंत्री ने भी एलान कर दिया कि वे समीक्षा के लिए काम नहीं करेंगे।

अब तीनों का टिकिट खतरे में …

पार्टी की रीति नीति के अनुसार माना जा रहा है कि विवादों के कारण पार्टी इन तीनों नामों को छोड़कर चौथे विकल्प पर विचार कर सकती है। इसी आधार पर दक्षिण में नये चेहरे दावेदारी के लिए सक्रिय हो गये हैं। कुशवाह समाज से धर्मेंद्र कुशवाह भी दावेदारी करने के लिए आगे आये हैं। क्योंकि इस सीट पर कुशवाह समाज का दबदवा माना जाता है।

पवैया भी हुए सक्रिय

पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया को चुनाव लड़ने के लिए नये विधानसभा क्षेत्र की तलाश है। क्योंकि अनका परंपरागत विधानसभा क्षेत्र समझौते में बलि चढ़ गया है। पवैया ने दक्षिण में सक्रियता बढ़ाते हुये सोमवार को वरिष्ठ कार्यकर्ता सम्मेलन में शिरकत की। और कार्यकर्ताओं देव तुल्य मानते हुए उन पर पुष्प वर्षा की।

अध्यक्ष की दावेदारी कमजोर – जिला अध्यक्ष अभय चौधरी में दक्षिण में अधिक सक्रिय नजर आ रहे हैं। नगर में तीन विधानसभा हैं। क्योंकि संगठनात्मक कार्यक्रमों में दक्षिण में ही नजर आते हैं। हालांकि पार्टी की स्पष्ट गाइड लाइन है कि अध्यक्ष पद पर आसीन टिकिट के लिये दावेदारी नहीं कर सकते हैं।

नामों की दौड़ सांसद पुत्र भी

दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में अभी सिर्फ नामों की दौड़ चल रही है। इस दौड़ में सांसद पुत्र प्रभांशु शेजवलकर नाम है। किंतु पार्टी की गाइड लाइन के अनुसार बेटे के टिकिट के लिए सासंद विवेक नारायण शेजवलकर को कैलाश विजयवर्गीय की तरह स्वयं को टिकिट की दौड़ से बाहर करना पड़ा।

कांग्रेस विधायक ने जमीनी तैयारी शुरु की

एक तरफ भाजपा में दावेदारी को लेकर घमासान मचा हुआ है। दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए तीन माह पहले घर-घर जाकर मेलजोल बढ़ा रहे हैं। युवा वर्ग को जोड़ने के लिये दक्षिण कौन बनेगा चैंपियन एप पर प्रतिमाह प्रतियोगिता कर रहे हैं और आकर्षक पुरुस्कार भी दे रहे हैं।