नाले पर स्टेडियम, बाउंड्री ढह गई वर्ना पिच तक पहुंच जाता पानी

नाले पर स्टेडियम, बाउंड्री ढह गई वर्ना पिच तक पहुंच जाता पानी
शंकरपुर स्‍टेडियम में भारत बांग्‍लादेश का मैच होने वाला है। लेकिन मैच से 17 दिन पहले ही बारिश की वजह से उफने नाले का पानी स्‍टेडियम में भर गया। गनीमत यह रही कि पिच पर पानी नहीं पहुंचा। अन्‍यथा और मुश्किल हो जाती। इस जलभराव में स्‍टेडियम बनाने के दौरान बरती गई इंजीनियरिंग चूक मानी जा रही है।
India Bangladesh T20 Match: नाले पर स्टेडियम, बाउंड्री ढह गई वर्ना पिच तक पहुंच जाता पानीशंकरपुर स्‍टेडियम में गेंदबाजी एंड की ओर से लबालब साइड स्‍क्रीन एरिया।
  1. 210 करोड़ क्रिकेट ग्राउंड हुआ जलमग्न, मुश्किल में पड़ सकता है मैच
  2. 6 अक्टूबर को होने वाला है भारत-बांग्लादेश टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच
  3. अंतरराष्ट्रीय मैच से पहले एमपीसीए की बड़ी लापरवाही उजागर

ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योदिरादित्य सिंधिया के ड्रीम प्रोजेक्ट 210 करोड़ का नवनिर्मित श्रीमंत माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण में बड़ी इंजीनियरिंग खामी उजागर हुई है। जिस जगह पर स्टेडियम बनाया गया है वहां से बरसात का एक नाला निकलता है। इसे उचित ढंग से मोड़ने या अंडर ग्राउंड करने की बजाए उसको पार्किंग की बाउंड्री बनाकर रोक दिया गया। नतीजा यह हुआ कि बुधवार को जब तेज बारिश हुई तो नाला अपने मूल स्वरूप में बहने लगा। स्टेडियम की पार्किंग लबालब करने के बाद पानी ग्राउंड में घुस गया।

देखें चूक.. कैसे लगा करोड़ों के प्रोजेक्ट को पलीता
  1. मूल रूप से इस नाले की निकासी वीआइपी पार्किंग से होते हुए जनरल पार्किंग को ओर थी, लेकिन इसे नजर अंदाज करते हुए उसे सिर्फ बाउंड्री बानकर मोड़ दिया गया जो की एक बड़ी इंजीनियरिंग चूक है।
  2. अब जब-जब भी बारिश होगी पार्किंग का जलमग्न होना तय है। वीआइपी पार्किंग और खिलाड़ियों के आने जाने वाले गेट को बंद करना पड़ सकता है।
  3. सप्ताह पहले मूसलधार बारिश से पार्किंग (गेट सात-आठ के बीच) में जलभराव से पावर हाउस फूंक गया।
  4. बड़े-बड़े जनरेटर भी पावर हाउस के बाहर ही रखे हैं ऐसे में जनरेटर भी नहीं बैठ जाए तो उसे चालू नहीं किया गया है।
तेज बहाव से ढह गई बाउंड्री

उपरोक्त नाला स्टेडियम के करीब आधा किमी दूर से हाइवे क्रास करके आता है। यह नाला उंचाई से नीचे की ओर बहता है इसलिए इसका बेग काफी अधिक होता है। यही कारण रहा कि जब पूरे स्टेडियम परिसर में पानी भर गया तो नाले को निकलने की कहीं जगह नहीं मिली। इसी दौरान उसके प्राकृतिक रूट ( फ्लड लाइट टावर नंबर 5) पर बनी बाउंड्री बाल तेज बहाव से ढह गई और नाला का फ्लो पार्किंग से होते हुए हो गया।

मैं बचपन से देख रहा हूं नाला

ये स्टेडियम तो अभी बना है, मैं तो बचपन से देख रहा हूं कि बरा गांव समेत आस-पास के बारिश का पानी इस नाले (अब स्टेडियम में बने अभ्यास पिच के एरिये की बाउंड्री) से निकलकर शंकरपुर की ओर जाता रहा है। दो-चार साल से अपने यहां तेज बारिश नहीं हुई तो बड़े-बड़े लोगों ने नाले को पाट कर बड़ी-बड़ी गाड़ियां खड़ी करने के लिए पार्किंग बना दी। अब पोल खुल गई। – जैसा एक कर्मचारी ने बताया

इसलिए मैच तैयारियों की बैठक स्टेडियम छोड़कर होटल में

मैच की तैयारियों को लेकर बड़ी और आफलाइन पहली बैठक मैच की आयोजन समिति के चेयरमैन व केंद्रीय मंत्री ज्योदिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता में शंकरपुर स्टेडियम में प्रस्तावित थी। लेकिन दो-दिन से बैठक के स्थान और समय में कई बार परिवर्तन होता रहा। अब यह बैठक होटल रेडिसन में गुरुवार दोपहर चार बजे होना सुनिश्चित हुआ है।

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