इंदौर … कितने कमाल के हमारे अफसर … इंदौर में आधे तहसीलदार पासिंग मार्क्स भी नहीं ला पाए, केवल 4 को 50% से ऊपर अंक; शिकायतों के निराकरण के आधार पर हुई रैंकिंग

जनता की शिकायतों को लेकर अफसर कितने गंभीर हैं, इसका खुलासा खुद प्रशासन की एक रिपोर्ट से हुआ है। इंदौर में तहसीलदार, नायब तहसीलदार व राजस्व विभाग के कर्मचारियों के कामकाज की ग्रेडिंग में ज्यादातर अफसरों की हालत पतली मिली है। जिले के 25 तहसीलदारों में से केवल चार को ही 50 प्रतिशत से ऊपर अंक मिले हैं, बाकी तो पासिंग मार्क्स यानी 33 प्रतिशत नंबर भी नहीं ला पाए हैं।

ये तब है, जब कोविड के कारण इस महीने जन शिकायतों की संख्या पिछले महीनों की तुलना में काफी कम है। सबसे ज्यादा अंक हातोद तहसीलदार ममता पटेल को मिले, वहीं दो अफसरों को जीरो मिला है। हालांकि पांच प्रमुख कामों में से चार में प्रशासन का स्कोर 65 से 80 प्रतिशत तक रहा।

पेनल्टी भी लगाई, राशि कम, लेकिन CR के लिए अहम

2021 में कई अधिकारियों के काम में लापरवाही या देरी पर पेनल्टी लगाई गई। हालांकि राशि मात्र 250 से एक हजार रुपए तक ही थी, लेकिन अफसरों की CR के लिए मायने रखती है। सर्वाधिक पेनल्टी निधि राजपूत और ओपी बेड़ा पर 1-1 हजार रुपए लगी, तो ममता पटेल पर 500 का जुर्माना लगा। राजेश सोनी, धीरेंद्र पाराशर, पल्लवी पुराणिक, जयेशसिंह, नीरज प्रजापति आदि पर 250 रुपए की पेनल्टी लगी।

काम की गति बढ़ाने के लिए करते हैं ग्रेडिंग

प्रशासन में काम का आंतरिक अनुशासन बनाए रखने के लिए यह विभागीय ग्रेडिंग होती है। इससे अधिकारी अपने काम का तरीका सुधार ले। इसमें शाबासी भी मिलती है तो दंड भी। जनवरी के कामों की समीक्षा के आधार पर दो RI और पांच तहसीलदारों पर कार्रवाई की गई है। कोई भी अधिकारी जनता के कामों में देरी करेगा तो कार्रवाई होगी।– मनीष सिंह, कलेक्टर

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