हमले की आशंका … रूस की फौज ने यूक्रेन को तीन तरफ से घेरा, फाइटर जेट्स के साथ हैवी टैंक्स और आर्टिलरी मौजूद
दुनिया के तमाम दबावों से बेफिक्र रूस अब भी यूक्रेन पर हमले की तैयारियों में जुटा हुआ है। उसने तीन तरफ से यूक्रेन को घेर लिया है। हालिया सैटेलाइट इमेजेस से पता चलता है कि बेलारूस, क्रीमिया और पश्चिम सरहद पर रूसी सेनाएं तमाम असहले के साथ हमले की तैयारियां कर रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक, यूक्रेन से लगती पश्चिमी सरहद पर ही करीब एक लाख रूसी सैनिक मौजूद हैं। बेलारूस में 13 हजार रूसी सैनिकों की मौजूदगी की बात पहले ही सामने आ चुकी है। क्रीमिया में भी रूसी सैनिक दस्ते मोर्चा संभाल चुके हैं।





बातचीत बेनतीजा
विवाद शांत करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से फोन पर बात की थी, जो बेनतीजा रही। बातचीत के दौरान बाइडेन ने पुतिन से युद्ध टालने की अपील की और चेतावनी भी दी कि अगर युद्ध हुआ तो रूस को करारा जवाब मिलेगा। वहीं, रूस ने अमेरिका को सनकी तक कह डाला। बातचीत के कुछ देर बाद ही अमेरिका ने यूक्रेन स्थित अपने दूतावास को खाली करने का निर्देश भेज दिया। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि दोनों शीर्ष नेताओं के बीच हालात स्थिरता को लेकर बात नहीं बन पाई है।



यूक्रेन से रूस का विवाद क्या है?
यूक्रेन का पूर्वी भाग रूस के बॉर्डर से लगा हुआ है। सोवियत संघ के विघटन के बाद अधिकांश रूसी मूल के लोग यूक्रेन में बस गए। इस वजह से दोनों देशों के बीच आपसी तालमेल बेहतर था, लेकिन 2014 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के करीबी विक्टर यानुकोविच की सत्ता चली गई। यानुकोविच के हटने के बाद से रूस और यूक्रेन में सियासी टशन शुरू हो गया।
रूस ने इसके बाद यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर हमला कर कब्जा लिया। यूक्रेन को 1954 में सोवियत संघ के सर्वोच्च नेता निकिता ख्रुश्चेव ने क्रीमिया गिफ्ट में दिया था। क्रीमिया पर रूसी कब्जे के बाद यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से मित्रता बढ़ानी शुरू कर दी। ताजा विवाद यूक्रेन के नॉर्थ अटलांटिक ट्रिटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) में शामिल होने की खबर से शुरू हुई। यूक्रेन के NATO में शामिल होने की अटकलों से नाराज रूस ने सीमा पर लाखों सैनिकों की तैनाती कर दी।


