कहीं मंत्रियों के काफिले पर हमले तो कहीं किसी को हत्या का डर, तीसरे चरण में पहुंचते-पहुंचते बहुत कठिन हो गयी सत्ता की डगर

उत्तर प्रदेश की सत्ता पाने के लिए साल 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रमुख सियासी दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है। नेताओं के बीच एक-दूसरे पर आरोप लगाने का दौर भी तेज होता जा रहा है। नेताओं के काफिले पर हमले भी हो रहे हैं। कुछ लोग इसे वोटरों की सहानुभूति पाने की साजिश बता रहे है, तो कुछ लोग इसे चुनाव प्रभावित कराने की घटना मान रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए दो चरणों का मतदान हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच संपन्न हो चुका है। इस दौरान जहां सियासी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी खूब चला। इसके साथ ही कहीं मंत्रियों के काफिले पर हमले हो रहे हैं, तो कहीं किसी नेता को अपनी हत्या का भी डर सता रहा है। हाल ही में इस तरह की घटित हुई कुछ घटनाओं से साबित हो रहा है जैसे-जैसे मतदान के चरण बीतते जायेंगे, वैसे-वैसे ही सियासी दलों के लिए उत्तर प्रदेश की सत्ता की डगर कठिन होती जायेगी। सियासी जानकारों का मानना है कि 20 फरवरी को होने वाले तीसरे चरण के मतदान के बाद काफी कुछ स्थिति भी स्पष्ट होने की संभावना है। सियासी जानकारों के मुताबिक तीसरे चरण में जिन जिलों में चुनाव होने हैं, उन जिलों में भाजपा और सपा बराबर की लड़ाई में है, जबकि बसपा को भी किसी से कम नहीं आंका जा सकता है।

 

हमले का सबसे बड़ा आरोप सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने लगाया है। राजभर ने दावा किया कि सोमवार को जब वे लोग वाराणसी की शिवपुर विधानसभा सीट से अपने बेटे अरविंद राजभर के नामांकन के लिए पहुंचे तो उनपर हमला किया गया। ओपी राजभर ने आरोप लगाते हुए कहा कि योगी जी मुझे मरवाना चाहते हैं और इसीलिए बीजेपी और योगी के गुंडे वहां काले कोट में भेजे गए थे। मंगलवार को राजभर ने लखनऊ में कहा कि योगी आदित्यनाथ मेरी हत्या कराना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इसे लेकर उनकी पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है।

करहल में एसपी बघेल के काफिले पर हुआ हमला
नेताओं पर हमले का दूसरा बड़ा मामला मैनपुरी जिले में घटित हुआ। इस जिले की करहल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार व केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल के काफिले पर मंगलवार को पथराव और हमले का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इसके लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं मैनपुरी पुलिस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। इसके साथ ही भाजपा सांसद गीता शाक्य पर भी हमले का मामला सामने आ चुका है।
इससे पहले 3 फरवरी को एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया था कि यूपी स्थित पिलखुवा के पास उन पर हमला हुआ था। ओवैसी के अनुसार उनकी गाड़ी पर गोलियां चलाई गयी थी। उन्होंने बताया था कि 4 राउंड फायर हुए। 3-4 लोग थे, सब के सब भाग गए और हथियार वहीं छोड़ गए। ओवैसी ने इसे बड़ी साजिश बताते हुए जांच की मांग की है। फिलहाल पुलिस हमले के आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की जांच कर रही है।
सपा के रोशन लाल वर्मा ने जताई हत्या की आशंका
दूसरे चरण के मतदान को दौरान सोमवार को शाहजहांपुर में तिलहर विधानसभा के निगोही थाने में हंगामे का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। अब समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रोशन लाल वर्मा ने आरोप लगाया है कि बीजेपी प्रत्याशी सलोना कुशवाहा के समर्थकों ने उनके आवास पर फायरिंग और पथराव किया और जब उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की तो पुलिस ने उनके और उनके बेटों और समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया। फिलहाल रोशन लाल वर्मा ने अपनी जान को खतरा बताया है। वहीं बीजेपी प्रत्याशी सलोना कुशवाहा ने पुलिस प्रशासन से रोशन लाल वर्मा और उनके बेटों की गिरफ्तारी की मांग की है।
मॉर्फ्ड तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेलिंग
यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में से एक पंखुड़ी पाठक ने मंगलवार को ऑनलाइन उत्पीड़न और जबरन वसूली का दावा किया है। पंखुड़ी के दावे के बाद नोएडा पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पंखुड़ी का कहना है कि उनकी मॉर्फ्ड तस्वीरें ट्विटर पर एक अकाउंट के जरिए शेयर की जा रही हैं। जिसमें भोजपुरी स्टार से बीजेपी सांसद बने रवि किशन का नाम और प्रोफाइल पिक्चर है। इस ट्विटर हैंडल के जरिए एक व्यक्ति ने पाठक की मॉर्फ्ड तस्वीरों को आगे शेयर न करने के लिए एक लाख रुपये की मांग की है। पंखुड़ी नोएडा विधानसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं।

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