UP की पहली जीरो डिस्चार्ज सिटी होगी नोएडा … यहां भूमिगत जल का नहीं होगा प्रयोग, 416 MLD पानी को किया जाएगा ट्रीटेड

जुलाई 2022 से नोएडा प्रदेश का पहला जीरो वाटर डिस्चार्ज सिटी बन जाएगा। यहां भूजल का प्रयोग नहीं किया जाएगा। सिंचाई, फाउंटेन से लेकर कंस्ट्रक्शन कार्यों में एसटीपी का पानी प्रयोग में लाया जाएगा। इसके लिए 2 बड़े एसटीपी प्रोजेक्टों पर काम किया जा रहा है। पहला प्रोजेक्ट मई 2022 और दूसरा जुलाई 2022 में पूरा कर लिया जाएगा। इनकी क्षमता 180 एमएलडी है।

वर्तमान में 135 एमएलडी ट्रीटेड पानी का हो रहा प्रयोग

रोजाना 135 एमएलडी भू-जल दोहन रोका जा रहा है। इसकी जगह 135 एमएलडी ट्रीटेड पानी का प्रयोग किया जा रहा है। वर्तमान में 236 एमएलडी पानी को ट्रीट किया जा रहा है। 259.02 करोड़ की लागत से सेक्टर-168 और सेक्टर-123 में दो एसटीपी का निर्माण जारी है। इन दोनों के क्रियाशील होते ही शहर जीरो डिस्चार्ज सिटी के नाम से जाना जाएगा।

नोएडा शहर को एसटीपी के लिहाज से 4 जोन ए, बी, सी, डी में बांटा गया है।
नोएडा शहर को एसटीपी के लिहाज से 4 जोन ए, बी, सी, डी में बांटा गया है।

4 भागों में बांटा गया है शहर, 119 सेक्टरों को मिलेगा लाभ

प्रतिवर्ष 2 से 5 मीटर तक भू-जल स्तर गिर रहा है। इसमें सुधार के लिए शहर को एसटीपी के लिहाज से 4 जोन ए, बी, सी, डी में बांटा गया है। ए जोन में 53 सेक्टर और 8 गांव शामिल हैं। इसी तरह बी में 18 सेक्टर और 4 गांव, सी में 28 सेक्टर और 9 गांव व डी में 91 सेक्टर और 33 गांव शामिल हैं।

जोन के अनुसार, इन चारों का सिवरेज सेक्टर-50, सेक्टर-54, सेक्टर-123, सेक्टर-168 में बने एसटीपी में शोधित किया जा रहा है। इसमें सेक्टर-123 और 168 की क्षमता को बढ़ाकर 180 एमएलडी किया जा रहा है। यानी चारों एसटीपी प्लांट से कुल 416 एमएलडी पानी शोधित किया जा सकेगा।

मास्टर प्लान के अनुसार सीवरेज नेटवर्क किया गया पूरा

प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया, सेक्टर-80, 81, 82, 83, 84, हौजरी कांप्लेक्स के सिस्टम को पूरा किया गया। यहां एसपीएस की लाइन को मास्टर एसपीएस-1 सेक्टर-136 से जोड़ दिया गया। यह सीवरेज सेक्टर-168 को जाएगा। यहां सीवरेज को शोधित किया जाएगा। इसी तरह सेक्टर-74, 75, 76 व 77 का नेटवर्क भी मास्टर प्लान-2021 के अनुसार पूरा कर लिया गया है। इन सभी सेक्टरों से उत्सर्जित होने वाले सीवरेज को शोधित किया जा सकेगा। इसका प्रयोग विभिन्न कार्यों में किया जा सकेगा।

एक नजर में एसटीपी प्लांट

  • सेक्टर-168 एसटीपी प्लांट
  • क्षमता 100 एमएलडी
  • तकनीक एसबीआर
  • लागत 143.58
  • काम पूरा हुआ 65 प्रतिशत
  • डेड लाइन मई 2022

सेक्टर-123 एसटीपी प्लांट

  • क्षमता 80 एमएलडी
  • तकनीक एसबीआर
  • लागत 115.44 करोड़
  • डेड लाइन जुलाई 2022
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