बुंदेलखंड का गढ़ बचाना भाजपा के लिए चुनौती … 19 में से 13 सीटों पर 20 फरवरी को मतदान, सबसे ज्यादा 31 जनसभाएं कर BJP ने झोंकी ताकत, मायावती ने सिर्फ एक की
राजधानी लखनऊ से लेकर बुंदेलखंड तक तापमान के तेवर जरा तीखे हो गए हैं, लेकिन ये गर्मी सिर्फ मौसम में नहीं है, बल्कि मौसम की गर्मी से ज्यादा तपिश उत्तर प्रदेश के चुनावों में महसूस हो रही है। खासकर बुंदेलखंड में। यहां के 7 जिलों की 19 सीटों में से 5 जिलों की 13 सीटों पर तीसरे चरण में 20 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। 2017 में भाजपा ने सभी सीटों पर परचम फहराया था, लेकिन इस बार बुंदेलखंड का गढ़ बचाना भाजपा के लिए चुनौती बन गया है।
आचार संहिता लगने के बाद भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर अन्य दिग्गज नेता करीब 31 जनसभा व रोड शो कर चुके हैं। वहीं, सपा-कांग्रेस ने 5-5 रैलियां की। जबकि सबसे कम मायावती ने सिर्फ एक रैली जालौन में ही है।
13 में 5 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला
13 सीटों में से 5 सीटों ललितपुर, महरौनी, माधोगढ़, कालपी और महोबा में त्रिकोणीय मुकाबला है, जबकि 8 सीटों झांसी सदर, गरौठा, बबीना, मऊरानीपुर, उरई, राठ, चरखारी और हमीरपुर सदर पर सीधी टक्कर है। तीसरे चरण में झांसी और जालौन राजनीति का केंद्र बना हुआ है। करीब एक माह में दोनों जगह 16-16 जनसभाएं हो चुकी हैं तो झांसी में सीएम योगी रोड शो कर चुके हैं।
ललितपुर में दो सीट हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद यहां भाजपा के दिग्गज नेताओं ने 4 रैलियां की। सपा, बसपा और कांग्रेस का कोई दिग्गज नहीं पहुंचा। यहां इतिहास रहा है कि दोनों सीट पर कभी भी सपा नहीं जीती। वहीं झांसी सदर सीट से भी सपा कभी नहीं जीती।
28 घंटे में योगी ने की ताबड़तोड़ 8 जनसभा व एक रोड शो
दो चरणों के मतदान संपन्न होने के बाद भाजपा ने बुंदेलखंड में अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए दिग्गजों को उतारा है। 14 को अमित शाह ने झांसी में तीन जनसभा की। वहीं, सीएम योगी ने मात्र 28 घंटे में पांचों जिलों में ताबड़तोड 8 जनसभा कर झांसी में रोड शो किया। वहीं, अखिलेश ललितपुर को छोड़कर बाकी 4 जिलों में रैलियां करने पहुंचे। प्रियंका गाधी जालौन व हमीरपुर में कांग्रेस के पक्ष में महौल बनाने के लिए मैदान में उतरी हैं।
13 में हैं 3 हॉट सीट: पूर्व सांसद की पत्नी और पहली पत्नी का साला मैदान में
जालौन की उरई विधानसभा सीट पर दिग्गजों की फौज चुनावी मैदान में उतरी है। इस सीट पर भाई-बहन एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं, जिसमें पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी की दूसरी पत्नी उर्मिला सोनकर खाबरी कांग्रेस से टिकट लेकर चुनावी मैदान में उतरी हैं। जबकि पूर्व सांसद खाबरी की पहली पत्नी के भाई सतेंद्र सिंह उर्फ श्रीपाल ने बीएसपी से ताल ठोकी है। जबकि पूर्व सांसद खाबरी महरौनी से चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा के वर्तमान विधायक गौरीशंकर वर्मा फिर से चुनावी मैदान में है, जबकि 3 बार के विधायक पूर्व मंत्री दयाशंकर वर्मा ने सपा से चुनावी मैदान है। यहां के चुनाव जबरदस्त रोमांचित है।
मंत्री मन्नू कोरी की प्रतिष्ठा दांव पर
यूपी सरकार के श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहरलाल पंथ उर्फ मन्नू कोरी ललितपुर जिले के महरौनी सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने बीएसपी की किरण रमेश खटीक और सपा प्रत्याशी रामविलास रजक मैदान में उतरे हैं। बता दें कि रमेश खटीक ने 2012 और 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन दानों बार हार गए थे। दिसंबर 2021 में उन्हें जमीन के मामले में जेल हो गई। तब बीएसपी ने उनकी पत्नी को टिकट दे दिया। वहीं, जालौन निवासी पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी भी कांग्रेस से चुनावी मैदान में हैं।
दो बार की विधायक के लिए आसान नहीं राह
2012 में बुंदेलखंड से भाजपा के इकलौते विधायक रवि शर्मा हैट्रिक लगाने के लिए इस बार भी झांसी सदर सीट से मैदान में उतरे हैं। लेकिन उनकी राह आसान नहीं है। सपा के प्रत्याशी सीताराम कुशवाहा उन्हें सीधी टक्कर दे रहे हैं। सीताराम दो विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। दोनों बार उन्हें रवि शर्मा ने ही हराया है। जबकि बीएसपी के कैलाश साहू और कांग्रेस के राहुल रिछारिया का जोश भी कम नहीं है।
20 फरवरी को इन जिलों में है मतदान
झांसी जिले में सदर, गरौठा, बबीना और मऊरानीपुर, ललितपुर में ललितपुर और महारौनी, जलौन में माधौगढ़, कालपी और उरई, महोबा जिले में महोबा और चरखारी व हमीरपुर जिले में हमीरपुर और राठ विधानसभा सीट पर 20 फरवरी को मतदान होना है।