बल्ला मारने वाला VIDEO कोर्ट में पहुंचा ही नहीं! …जोनल अधिकारी बोले- बयान नहीं बदला, यही कहा कि मुझे पीछे से बैट मारा, आकाश सबसे पास थे

इंदौर के विधायक आकाश विजयवर्गीय का बल्ला कांड में झोनल अधिकारी धीरेंद्र बायस खुलकर मीडिया के सामने आए। उन्होंने ……. से बातचीत में बताया कि मैंने अपने बयान भोपाल में भी दर्ज कराए हैं। मैंने अपना कोई बयान नहीं बदला। मैंने तब जो एफआईआर दर्ज कराई थी, आज भी उसी बात पर कायम हूं। उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा भी किया। वे बोले- बल्ला मारने वाला ओरिजनल वीडियो कोर्ट में है ही नहीं।

मुझसे इंदौर जिला कोर्ट में क्रॉस सवाल-जवाब किये जा रहे हैं। यहां मुझसे पूछा गया था कि क्या आपने आकाश विजयवर्गीय को पैर से मारते हुए देखा था। जिस पर मैंने बयान दिया था कि जिस वक्त ये घटना हुई तब मैं मोबाइल पर बात कर रहा था। लेकिन सबसे नजदीक जो व्यक्ति मेरे पास खड़ा था, वो आकाश विजयवर्गीय थे। धीरेंद्र बायस का कहना था कि वकीलों को जो पूछना था उसके मैंने उत्तर दिये हैं।

झोनल अधिकारी धीरेंद्र बायस से सीधे सवाल –

सवाल – क्या आप कोर्ट के सामने पेश हुए?
जवाब – यहां (इंदौर की जिला कोर्ट में) मेरे बयान हुए थे। उसमें वकील ने मुझसे क्रॉस सवाल किये थे। मेरे बयान भोपाल में हो चुके हैं।

सवाल – 2019 की घटना के बाद क्या आपने कोर्ट में विधायक आकाश विजयवर्गीय को पहचानने से इंकार कर दिया था?
जवाब – मैंने कोर्ट से कहा, मैं मोबाइल पर बात कर रहा था। मेरे पीछे कौन आकर खड़ा था मुझे नहीं मालूम था। मुझे लगी तो मैंने पीछे पलटकर देखा। तब विधायक आकाश विजयवर्गीय बैट लेकर खड़े थे। वे सबसे आगे थे।

सवाल – उनके साथ और भी कोई था।
जवाब – मैंने कोर्ट में कहा कि उनके साथ कुछ अन्य साथी भी खड़े थे, जिनके हाथ में लकड़ी, डंडे थे।
सवाल – आकाश का बैट मारते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था। जिसमें वे आपको मारते हुए दिखाई दे रहे हैं?

जवाब – वीडियो की प्रामाणिकता नहीं है। जो वायरल हो रहा है वह ओरिजनल नहीं है।
सवाल – क्या कोर्ट ने आपसे ओरिजनल वीडियो मांगा है?

जवाब – कोर्ट ने मुझसे ओरिजनल वीडियो मांगा है।
सवाल – क्या आपने पेश किया?

जवाब – मेरे पास ओरिजनल वीडियो नहीं है। यदि कोई पेश कर दे तो बात अलग है। वैसे मैंने भी कोर्ट में वीडियो पेश किए हैं। घटना के वक्त कई मीडिया वाले वीडियो को बना रहे थे। अब उनमें से कौन सा ओरिजिनल है कौन सा नहीं ये तय करना कोर्ट का काम है। मैंने अपनी ओर से कोर्ट में पैन ड्राइव में वीडियो प्रस्तुत कर दिया है।

सवाल – वकीलों का कहना है आप बयान से पलट गए? आपने आकाश विजयवर्गीय को पहचानने से इंकार कर दिया?
जवाब – वकील हैं, वो कहीं न कहीं ऐसे ही सवाल पूछते हैं, जिसमें उनके हिसाब से जवाब मिले।

सवाल – भोपाल में क्या बयान दिये।
जवाब – मेरे साथ जो घटना हुई थी वही बताई। उसी घटना का विवरण दिया है।

सवाल – क्या भोपाल में आपने विधायक आकाश विजयवर्गीय का नाम लिया?
जवाब – हां। बिलकुल लिया था। सबसे नजदीक वही थे। यही बताया था।

यह था मामला –
मामला 26 जून 2019 का है। जब नगर निगम का अमला इंदौर के गंजी कंपाउंड में एक जर्जर मकान समेत अन्य मकानों को तोड़ने पहुंचा था। इस दौरान इंदौर विधानसभा-3 के विधायक आकाश विजयवर्गीय भी समर्थकों के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने निगम अधिकारियों से कहासुनी के बाद निगम के जोनल ऑफिसर धिरेन्द्र बायस की क्रिकेट बैट से पिटाई कर दी। अब इस मामले की जिला कोर्ट में सुनवाई के दौरान निगम अधिकारी ने अपने बयान बदल दिए।

तब दिया था यह बयान
बायस ने मामले की शिकायत MG रोड थाने पर की थी। तब थाने में दिए अपने बयान में बायस ने विधायक और उनके समर्थकों पर मारपीट करने का आरोप लगाया था। इस मामले के वीडियो फुटेज वायरल होने के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार में गृहमंत्री बाला बच्चन ने आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। इसके बाद आकाश और उनके 11 समर्थकों काे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से सभी को 11 जुलाई तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। भोपाल की स्पेशल कोर्ट से 29 जून को उन्हें जमानत मिल गई थी।

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