नीरा राडिया के छिछोरा ग्रुप की SIT करेगी जांच … राडिया ग्रुप में जुड़े थे एलिड क्लास के लोग, ग्रुप में होती थी छिछोरी बातें

बरेली में 100 करोड़ की कर चोरी में गिरफ्तार मनोज जायसवाल के लिए जो नीरा राडिया उसके लिए अफसरों और राजनैतिक लोगों, बिजनैस मैन और मीडिया हाउस के बीच लाइजनिंग का काम करती थी। उसने इन सभी एलिड क्लास को एक साथ अपने चंगुल में फंसाने के लिए छिछोरा नाम से वाट्सएप ग्रुप बना रखा था। उस ग्रुप में छिछोरे पनती की सारी हदें पार होती थी।

ग्रुप में कई हाई प्रोफाइल महिलाओं के साथ ही कुछ अफसरों के साथ ही राजनेता और बड़े कारोबारी के साथ ही मीडिया हाउस के बड़े नाम भी एड थे। इस ग्रुप में जुड़े सभी लोग रसूखदार थे। खास बात यह है कि इस ग्रुप में शराब माफिया मनोज जायसवाल भी जुड़ा था। जिसकी लाइजनिंग के लिए नीरा राडिया ने यह ग्रुप बनाया था।

बरेली के पुलिस अफसर भी शराब माफिया के मामले में कर रहे मानीटरिंग
बरेली के पुलिस अफसर भी शराब माफिया के मामले में कर रहे मानीटरिंग

लोगों में कौतूहल का विषय बनी बरेली की नीरा राडिया

बरेली की नीरा राडिया यूपी में इस समय चर्चा का विषय इस लिए है कि आज से 10 साल पहले भी नीरा राडिया नाम पूरे देश में चर्चा का विषय था। जिसने पूरे देश की राजनीति को हिला कर रख दिया। यह वही नाम है जिसके चलते 2010 में यूपीए-2 की सरकार में तत्कालीन टेलीकॉम मंत्री ए. राजा को इस्तीफा देना पड़ा था। उस समय 2 जी स्पैक्ट्रम केस में नीरा राडिया के फोन टेप खुलने के बाद पूरा देश हिल गया था।

नीरा राडिया का मुख्य काम ही लॉबिंग करना था। वह नेताओं, अफसरों व बिजनेसमैन के बीच मध्यस्थता कर लाइजनिंग का काम करती थी। अब बरेली में शराब माफिया और राजनेताओं, अफसरों के साथ बीजनेसमैन के लिए भी कमोबेश इसी तरह वाट्सएप ग्रुप के जरिये काम हो रहा था।

SIT की जांच में इस ग्रुप के जांच के घेरे में आने के बाद यह मामला पूरे यूपी में चर्चा का विषय बन गया है। वहीं लोग जानना चाहते है कि आखिरकार बरेली की नीरा राडिया है कौन।

छिछोरे ग्रुप में छिछोरे पनती की हद होती थी पार

इस पूरे प्रकरण में अपनी निगाह बनाए कुछ अफसरों ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की जांच SIT कर रही है। गिरफ्तार शराब माफिया मनोज जायसवाल के साथी अजय जयसवाल की गिरफ्तारी के बाद SIT को पता चाला कि बरेली में नीरा राडिया नाम की ग्रुप एडमिन छिछोरे नाम से भी एक वाट्सएप ग्रुप चला रही है।

जब जांच अधिकारियों ने ग्रुप को चेक किया तो उनके होश उड़ गए। छिछोरे ग्रुप में हंसी मजाक से लेकर ऐसी बातें की जाती थी जो छिछोरे पनती की हद पार कर जाती थी। जिन्हें सामाज में बयां भी नहीं किया जा सकता था।

हालांकि नीरा राडिया को छिछोरे ग्रुप की जांच की बात पता चल गई और उसने यह ग्रुप डिलीट कर दिया लेकिन तब तक SIT के हाथ सभी छिछोरे लोगों के नाम नंबर पता चल चुके थे। अब जांच टीम इन छिछोरे ग्रुप के लोगों की शराब माफिया मनोज जायसवाल के बीच लिंक निकालने में जुटी है।

शराब माफिया के बार में करते थे अय्याशी

इस छिछोरे ग्रुप में जुड़े राजनेता, अफसर, कारोबारी और मीडिया हाउस के बड़े लोग ग्रुप में तो मौज मस्ती करते ही थे, लेकिन अगर उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे महंगे शराब माफिया मनोज जायसवाल के डाउन-टाउन 21 बार में फ्री में अय्याशी करना होता था तो सिर्फ ग्रुप एडमिन नीरा राडिया के इशारे पर चाहे अफसर हो या राजनेता उन्हें उस बार में इंट्री मिलती थी। अब देखना यह है कि SIT की जांच में बरेली की नीरा राडिया कोई धमाका करती है या फिर ठंडे बस्ते में चली जाती है।

शराब माफिया मनोज जायसवाल का फोटो जिस कैफे से वायरल हुआ था उसका उद्घाटन किया था मेयर ने
शराब माफिया मनोज जायसवाल का फोटो जिस कैफे से वायरल हुआ था उसका उद्घाटन किया था मेयर ने

अवैध कैफे का मेयर ने किया उद्घाटन

बता दें कि शराब माफिया मनोज जायसवाल की एक फोटो गांधी उद्यान के सामने बच्चों की लिए बनी एक संस्था छोटी सी आशा के कैफे का एक कार्यक्रम का वायरल हुआ था। जिसमें कार्यक्रम के दौरान शराब माफिया मनोज जायसवाल दिखाई पड़ रहा था। इस कैफे का उद्घाटन 13 अगस्त 2021 को बरेली के भाजपा मेयर उमेश गौतम ने किया था।

शराब माफिया का नाम आने के बाद नगर निगम ने उसी संस्था को अवैध बताकर नोटिया देकर हटवाया
शराब माफिया का नाम आने के बाद नगर निगम ने उसी संस्था को अवैध बताकर नोटिया देकर हटवाया

उन्होंने इस कार्यक्रम का फोटो भी खुद अपनी फेसबुक आईडी पर शेयर किया। मगर जैसे ही बच्चों के लिए बनाए गए इस कैफे के कार्यक्रम में शराब माफिया मनोज जायसवाल का फोटो वायरल हुआ। वैसे ही नगर निगम को अपनी गर्दन फसती दिखी और जिस कैफे का उद्घाटन खुद मेयर ने किया, नगर निगम ने उसे अवैध करार देते हुए नोटिस जारी किया।

जिसके बाद कैफे चलाने वाली समाज सेविका ने कैफे को तत्काल वहां से हटा दिया। सवाल यह उठता है कि अवैध होने के बाद भी मेयर ने उस कैफे का उद्धघाटन क्यों किया था।

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