हमका माफी दइदो…हमसे भूल हो गई:सोरांव विधानसभा से ग्राउंड रिपोर्ट … विधायक को जनता जनार्दन ने कराया भूल का एहसास तो मांगने लगे माफी
- बेरोजगारी, महंगाई, खराब लिंक मार्ग सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा
सोरांव विधानसभा से 2017 में भाजपा और अपना दल (एस) के गठबंधन प्रत्याशी जमुना प्रसाद सरोज एक बार फिर मैदान में हैं। क्षेत्र की जनता उनसे इस बात से नाराज है कि जीतने के बाद विधायक जी पांच साल दर्शन नहीं दिए। अब जब वोट मांगने की बारी आई तो फिर चले आए। अब विधायक जी करें भी तो क्या? जहां-जहां विरोध हुआ वहां विधायक जी ने राम बलराम फिल्म के गीत ‘अच्छा कहो..बुरा कहो..सच्चा कहो..झूठा कहो..हमको सब कुबूल..हमका माफी दइदो हमसे भूल हो गई..हां जी माफी दइदो…गाने को मजबूर हैं। दैनिक भास्कर की टीम जब सोरांव विधानसभा क्षेत्र पहुंची तो कई ऐसी रोचक बातों और जमीनी मुद्दे सामने आए। पेश है अमरीश शुक्ल की ग्राउंड रिपोर्ट।
मुख्य मांर्ग तो बन गए पर गांव के लिंक मार्ग और नाली नहीं बनी
सोरांव विधानसभा क्षेत्र अलावलपुर गांव के रहने वाले आशुतोष चंद्र कहते हैं कि गांव में बेरोजगारी और शिक्षा एक बड़ा मुद्दा है। गांव की मुख्य सड़क तो सरकार ने ठीक बनवा दी पर नाली व लिंक मार्ग आज भी बदहाल हैं। इन सबके बावजूद योगी सरकार ने काफी अच्छा काम किया है, लेकिन गांव में विकास की धारा नहीं पहुंच पाई है। हम फिर से चाहेंगे कि योगी सरकार एक बार फिर आए क्या पता गांव के भी हालत सुधर जाए। योगी को एक और मौका देना चाहते। जमुना प्रसाद पटेल जीतने के बाद कभी क्षेत्र में नहीं आए। क्षेत्र की जनता उनसे इस बात को लेकर अच्छी खासी नाराज हैं। अब घूम-धमतकर जनता से माफी मांग रहे हैं। योगी और मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं। अगर उन्होंने परेशानियां सुनी होतीं तो और बेहतर काम हो सकता था। गठबंधन प्रत्याशी को वोट देने के सवाल पर आशुतोष कहते हैं कि अभी हम संशय में हैं किसे वोट देंगे पता नहीं। हम तो योगी सरकार को चाहते हैं पर प्रत्याशी को लेकर नाराजगी है।
…तो यूपी में सबसे ज्यादा वोटों से जीतती भाजपा
महमदपुर गांव के रहने वाले व पेशे से एडवोकेट गौरी शंकर पटेल का कहना है कि यदि बीजेपी ने इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतारा हाेता तो उसकी जीत पक्की होती। जीत बड़े अंतर से होती। गडबंधन प्रत्याशी भी जीतेंगे पर जीत का अंतर बड़ा नहीं होगा। गठबंधन के प्रत्याशी जमुना प्रसाद सरोज के साथ सर्व समाज के लोग खड़े हैं। उन्होंने जनता के लिए काम किया है। जाति और धर्म देखकर काम नहीं किया है। चाहे बांका जलालपुर की बात करें या महमदपुर की सभी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में उन्होंने काम किया है।
सोरांव विधानसभा क्षेत्र के मोहम्मदपुर सराय अली गांव के आशीष पटेल कहते हैं कि जीत को गठबंधन प्रत्याशी जमुना प्रसाद की ही होगी। उन्होंने काम किया है।
इस बार मुसलमानों के वोट बंटे
मोहम्मदपुर सराय अली के रहने वाले अब्दुल अब्बास हुक्के पर कश मारते हुए कहते हैं कि इस बार चुनावी माहौल बहुत अजीब है। मुसलमानों के वोट बंटते नजर आ रहे हैं। कोई असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम को वोट देने की बात कर रहा है तो कोई राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल को वोट देने की बात कह रहा है। हालांकि मुसलमानों का ज्यादातर वोट समाजवादी पार्टी को जाएगा। यहां दो ही दलों में सीधी लड़ाई है। सपा की गीता पासी और भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी जमुना प्रसाद के बीच सीधी टक्कर है। एक तरफ भाजपा के विकास कार्य हैं तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा घोषित किए गए लोकलुभावन वादे हैं। भाजपा ने इस गांव की सड़क बनवा दी । यह बहुत बड़ा काम हुआ है। यहां कभी चार से पांच फीट के गडड्ढे हुआ करते थे। बिजली भी पर्याप्त मात्रा में मिल रही है। इसका असर भी कुछ वोटों पर पड़ेगा। हालांकि मुसलमानों के वोट बहुत कम बीजेपी को जाएगा। सपा की सरकार में गुंडई बढ़ जाती है इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। हमारे क्षेत्र में तो कोई गुंडा नहीं है। यह बीजेपी का चुनावी जुमला है।
रोड बनने से पेट नहीं भरता, बेरोजगारी और महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा
मोहम्मदपुर सराय अली के रहने वाले करीमुद्दीन का कहना है कि हमने अपनी 63 साल की उम्र में पंडित जवाहरलाल नेहरु अटल बिहारी वाजपेई जैसे प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल देखे हैं। कभी इतनी महंगाई नहीं रही। केवल रोड बना देने से गरीब व्यक्ति का पेट नहीं भरता। बीजेपी के आने के बाद हमारा ही नहीं किसी भी धर्म का व्यक्ति या नहीं कह सकता कि किसी का भला हुआ हो। कोई कहता है रोड बन गया कुआं बन गया। रोड बनने से पेट नहीं भरता है। आज रोजगार चाहिए। पेट भरने के लिए अनाज चाहिए। सिलेंडर गैस जो 300-400 रुपए की मिलती थी आज हजार रुपए का हो गया। पेट्रोल कहां सत्तर रुपए का मिलता था अब 100 ऊपर पहुंच गया है। इससे हर आदमी दुखी है।
इस बार चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो समय बताएगा पर इस सीट पर गठबंधन प्रत्याशी जमुना प्रसाद सरोज की राह इतनी आसान भी नहीं है। यहां सपा उम्मीदवार गीता पासी विधायक जमुना प्रसाद को कड़ी टक्कर दे रही हैं। हार और जीत का अंतर बहुत कम रहने वाला है।
एक नजर 2017 के चुनाव पर
भाजपा और अपना दल एस के कैंडीडेट जमुना प्रसाद सरोज को कुल 77814 मत मिले थे। उन्होंने सपा उम्मीदवार गीता पासी को 17735 मतों से हराया था। गीता को कुल 60079 मत मिले थे। जमुना प्रसाद को कुल पड़े मतों का 36.6 फीसद मत मिले थे जबकि गीता को 28.3 प्रतिशत मत मिले थे। इस तरह राजनीतिक पंडित इस बार के चुनाव को करीबी होने और हार और जीत के अंतर को बहुत कम होता देख रहे हैं। कौन जीतेगा यह तो 10 मार्च को पता चलेगा पर सभी अपने अपने जीत के दावे कर रहे हैं।