ग्वालियर का नया एयर टर्मिनलः मुख्य भवन की टेंडर प्रक्रिया शुरू, दिखेगी अंचल की संस्कृति की झलक
नए एयर टर्मिनल की बाउंड्रीवाल का काम शुरू होने के बाद मुख्य भवन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है।
नए एयर टर्मिनल की बाउंड्रीवाल का काम शुरू होने के बाद मुख्य भवन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के दिल्ली मुख्यालय स्तर से टेंडर लगाए गए हैं, जिसमें पहले चरण का टेंडर 274 करोड़ का एक अप्रैल को खोला जाएगा। टेंडर का दूसरा चरण 12 अप्रैल को रहेगा। नए एयर टर्मिनल के प्लान में ग्वालियर के एतिहासिक वैभव को खासतौर पर शामिल किया गया है। इसमें यात्रियों को ग्वालियर-चंबल की संस्कृति की झलक भी दिखेगी।
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसको लेकर विशेष निर्देश दिए हैं, जिस क्रम में यह कवायद की जा रही है। ज्ञात रहे नए एयर टर्मिनल के लिए केंद्रीय आलू अनुसंधान की 143 बीघा जमीन को लिया गया है। एयर टर्मिनल के पूरे हिस्से की बाउंड्रीवाल का निर्माण पहले ही शुरू कर दिया गया था, जो कि जारी है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 450 करोड़ रुपये है, जिसे दो फेज में पूरा किया जाएगा। सितंबर 2023 तक एयरपोर्ट विस्तार का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रोजेक्ट में हैंगर, पार्किंग सहित अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। नया टर्मिनल विश्वस्तरीय बनाने का दावा किया गया है।
पहले चरण में 10 बोइंग, फिर 20 हो सकेंगे खड़ेः नया टर्मिनल का काम शुरू होने के बाद पहले चरण दस बोइंग विमान यहां खड़े हो सकेंगे। दूसरा चरण पूरा होने के बाद 20 बोइंग विमान खड़े हो सकेंगे, अभी सिर्फ चार विमान खड़े होते हैं। आलू अनुसंधान केंद्र की 143.20 एकड़ जमीन मिल जाने से एयरपोर्ट का विस्तार लगभग 190 एकड़ जमीन पर होगा। नया एयर टर्मिनल भवन 30 हजार वर्ग फीट से बढ़ाकर दो लाख वर्गफीट क्षेत्रफल में किया जाएगा। नए प्लान में एयरपोर्ट पर 700 वाहनों की पार्किंग क्षमता रहेगी। इसके अलावा आवासीय परिसर भी तैयार किया जाएगा।
नए एयर टर्मिनल के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह मुख्यालय स्तर से की जा रही है, क्योंकि परियोजना बड़ी है। इसमें नागरिक उड्डयन मंत्री के निर्देश पर विशेष तौर पर ग्वालियर चंबल अंचल की विरासत-संस्कृति की झलक भी यात्रियों को दिखेगी, जिसे डिजाइन में शामिल किया गया है।
अजय श्रीवास्तव, डायरेक्टर, एयरपोर्ट