ग्वालियर ..? महिलाओं के लिए शहरों से ज्यादा गांव सुरक्षित, शहर और ग्रामीण थानों में दर्ज प्रकरणों के विश्लेषण में खुलासा
महिला सुरक्षा के मामले में शहर से ज्यादा गांव अच्छे हैं। शहर और ग्रामीण थानों में दर्ज महिला अपराधों का विश्लेषण करने पर यह तथ्य सामने आए हैं। जिले के शहरी क्षेत्र के 20 थानों में वर्ष 2022 के पहले 3 महीने में महिलाओं की हत्या, दुष्कर्म, छेड़छाड़, आत्महत्या के लिए मजबूर करना और दहेज प्रताड़ना के 117 मामले दर्ज किए गए। इसी अवधि में देहात क्षेत्र के 19 थानों में यह आंकड़ा महज 49 है।
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, पिछले तीन साल की पहली तिमाही के आंकड़े भी यही कहते हैं कि महिलाएं शहर से ज्यादा गांवों में सुरक्षित हैं। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण महिलाओं में जागरूकता की कमी भी एक वजह है।
थानों तक कम पहुंचते मामले
ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं में कानून संबंधी जागरूकता कम है, शहर में महिलाएं जागरूक हैं, इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र की सामाजिक परिवेश की महिलाएं सामने नहीं आती इसलिए शिकायत लेकर थानों में कम ही पहुंचती हैं।-दीपक भार्गव, रिटायर्ड डीएसपी
महिला अपराधों में कमी आई है
ग्रामीण की अपेक्षा शहरी क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं और छात्राओं की संख्या ज्यादा है इसलिए अपराध की घटना ज्यादा आती हैं। पुलिस प्रत्येक घटना की रिपोर्ट दर्ज कर अपराधियों पर कार्रवाई करती है। पिछले 3 साल में महिला अपराधों में कमी भी आई है। -अमित सांघी, एसएसपी, ग्वालियर
महिला थाने में दहेज प्रताड़ना के मामले ही ज्यादा
महिला थाने में वर्ष 2020 की पहली तिमाही में 117 मामले दर्ज किए गए थे इनमें 115 दहेज प्रताड़ना तथा 2 मामले दुष्कर्म के थे। वहीं वर्ष 2021 मार्च तक 97 मामले दर्ज हुए इनमें 96 दहेज प्रताड़ना और 1 छेड़छाड़ का था। 2022 में 81 मामले दर्ज किए गए हैं सभी दहेज प्रताड़ना के हैं।