भोपाल : नई गाइडलाइन …! 50 से कम बेड वाले हॉस्पिटल, होटल को कंसल्टेंट देंगे फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट

महीनों कलेक्ट्रेट-नगर निगम के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे …

अब 50 से कम बेड वाले हॉस्पिटल, होटल और 15 मीटर यानी 50 फीट से कम ऊंचाई वाली बिल्डिंग के लिए फायर सेफ्टी प्लान का अप्रूवल सीधे फायर कंसल्टेंट दे सकेंगे। उन्हें फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट भी देने की अनुमति रहेगी। इसके लिए कंसल्टेंट को संबंधित फायर ऑफिसर को सूचना देनी होगी।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने फायर एनओसी के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके मुताबिक फायर ऑफिसर कंसल्टेंट द्वारा दी अनुमतियों की 10% रैंडम जांच कर सकेंगे। गड़बड़ी मिलती है तो कंसल्टेंट पर कार्रवाई होगी।

दरअसल, बीते साल प्रदेश में कई जगह छोटे अस्पतालों व नर्सिंग होम्स में आग के कारण कई मौतें हुईं थीं। इनकी जांच में चौंकाने वाला तथ्य ये मिला कि कई अस्पतालों के पास सिर्फ प्रोविजनल एनओसी थी, लेकिन फायर प्लान के अनुरूप आग बुझाने के इंतजाम नहीं थे। एनओसी की समस्याओं के समाधान के लिए शासन ने हाई लेवल कमेटी बनाई। कमेटी ने पाया कि फायर एनओसी के लिए महीनों नगर निगम और कलेक्ट्रेट के चक्कर काटना पड़ता है।

कंसल्टेंट जो अनुमति जारी करेंगे, उसकी 10% रैंडम जांच फायर ऑफिसर कर सकेंगे

33 किलोवाट से ज्यादा वोल्टेज है तो बिजली अफसर ही जांच करेंगे

03 साल तक चलेगा बिजली इंजीनियर द्वारा जारी किया गया सर्टिफिकेट

एनओसी के लिए…ऊर्जा विभाग का सर्टिफिकेट जरूरी, बिजली का ऑडिट करेंगे इंजीनियर

फायर सेफ्टी प्लान अप्रूव होने के बाद ऊर्जा विभाग के नियमों के तहत बिजली सुरक्षा प्रमाण-पत्र लेने के लिए ऑडिट होगा। 33 किलोवाट या उससे कम वोल्टेज वाली बिजली व्यवस्था की जांच ऊर्जा विभाग द्वारा अधिकृत चार्टर्ड इलेक्ट्रिक सेफ्टी इंजीनियर या फिर पीडब्ल्यूडी के विद्युत एवं यांत्रिकी संकाय में कार्यरत सहायक अभियंता या उससे उच्च स्तर के ऐसे इंजीनियर करेंगे, जिनके पास इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री या डिप्लोमा हो।

इसलिए बनाई गाइडलाइन- जबलपुर में 8 मौतों के बाद सरकार ने बनाई थी हाई पावर कमेटी

अगस्त 2022 में जबलपुर के जिस न्यू लाइफ अस्पताल में आग लगने से 8 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि हॉस्पिटल ने मार्च 2021 में प्रोविजनल फायर एनओसी ली थी। इसकी वैलिडिटी मार्च 2022 में समाप्त हो गई।

बावजूद इसके अस्पताल चल रहा था। नगर निगम के अफसरों ने इसकी सूचना देने की औपचारिकता निभाने के लिए 29 दिसंबर 2021 को सीएमएचओ को चिट्‌ठी लिखी थी। इस घटना के बाद सरकार ने हाई लेवल कमेटी बनाई थी।

दुर्घटनाओं का अध्ययन कर बनाई

गाइडलाइन हमने मप्र की फायर दुर्घटनाओं और अन्य स्थितियों का अध्ययन करके केंद्र सरकार के मॉडल एक्ट के आधार पर गाइडलाइन तैयार की थी।

आयुक्त, नगरीय प्रशासन

गाइडलाइन का पालन जरूरी होगा

सभी नर्सिंग होम संचालकों को नई गाइडलाइन का पालन कराने की हिदायत दी गई है। पालन नहीं होने पर कार्रवाई करेंगे।
– डॉ. सुदाम खाडे, सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

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