ट्रैफिक पुलिस की नाकामी:सड़क हादसों में कमी की 8 कैटेगरी, लेकिन हमारी पुलिस सिर्फ हेलमेट के चालान में आगे

राजधानी में बढ़ रहे सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौत को रोक पाने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई 8 कैटेगरी में से साल 2021 में भोपाल पुलिस केवल हेलमेट न पहनने वालों पर कार्रवाई करने में ही आगे निकल पाई है। सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी राज्यों में होने वाले सड़क हादसों के एनालिसिस (विश्लेषण) के बाद 6 प्लस 2 की 8 कैटेगरी तय की थीं।

नतीजा ये है कि भोपाल में साल 2020 के मुकाबले 2021 में सड़क हादसे में करीब 7% ज्यादा मौत हुई हैं। भोपाल पुलिस के पास बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और बल होने के बाद भी इंदौर ने खुद को 5 कैटेगरी में पहले स्थान पर रखा है। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने सड़क हादसे और उनमें होने वाली मौत का ग्राफ कम करने के निर्देश सभी राज्यों को दिए हैं।

इसके तहत हर जिले की पुलिस को इन आठ कैटेगरी में चालानी कार्रवाई बढ़ानी है, क्योंकि सबसे ज्यादा सड़क हादसे इन्हीं 8 नियमों का ध्यान न रखने पर होते हैं। भोपाल पुलिस ने इन सभी कैटेगरी में कार्रवाई तो की, लेकिन इतनी नहीं कि सड़क हादसे और मौत कम कर पाए।

इन्हीं 8 नियमों का पालन नहीं करने पर ही होते हैं एक्सीडेंट

सबसे ज्यादा सड़क हादसे इन्हीं 8 नियमों का पालन न करने पर होते रहे हैं, इसलिए 6 प्लस 2 की 8 कैटेगरी में कुल 9 शीर्ष तैयार किए गए हैं। इनमें बगैर हेलमेट और बगैर सीट बेल्ट वाहन चलाने वालों को कैटेगरी 2 में रखा है। बाकी सातों शीर्ष को कैटेगरी 6 में रखा है। इनमें ओवर लोडिंग यात्री वाहन-माल वाहन को एक कैटेगरी माना गया है।

सीट बेल्ट का चालान काटने में सीधी टॉप पर

आठ में से पांच कैटेगरी में सबसे ज्यादा कार्रवाई करने वाला इंदौर अकेला शहर है। सीट बेल्ट का चालान काटने में सीधी टॉप पर है।

एक्टिव वॉयलेशन की कैटेगरी में लगातार कार्रवाई की जा रही है। बीते दो महीनों के भीतर भी हमने काफी सुधार किया है। सड़क हादसों में कमी लाने की कोशिशें जारी हैं। -हंसराज सिंह, डीसीपी ट्रैफिक भोपाल

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