इंदौर …. यहां नि …संतान दंपती की गोद में गूंजेगी मुफ्त में खुशियों की किलकारी
शहर के ऐसे नि:संतान दंपती जिनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं है और वह माता-पिता बनना चाहते हंै, तो उन्हें ज्यादा दिन तक यह दु:ख झेलना नहीं पड़ेगा। ऐसे दंपतियों की गोद में जल्द ही खुशियों की किलकारी गूंजने वाली है। दरअसल, जल्द ही नवनिर्मित एमटीएच महिला अस्पताल में एक आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) सेंटर शुरू होगा।
इंदौर. यहां निसंतानता का इलाज मुफ्त में होगा। जहां, निजी अस्पतालों में इसका खर्च 2 से 5 लाख रुपए तक आता है। शासकीय एमटीएच महिला अस्पताल में यह इलाज आयुष्मान भारत उपचार योजना के तहत मुफ्त में हो सकेगा।
प्रदेश सरकार छह मेडिकल कॉलेजों में यह सुविधा शुरू की जा रही है, लेकिन एमजीएम मेडिकल कॉलेज का दावा है कि सबसे पहले यहां पर यह सुविधा एमटीएच महिला अस्पताल में शुरू की जाएगी।
प्रदेश सरकार छह मेडिकल कॉलेजों में यह सुविधा शुरू की जा रही है, लेकिन एमजीएम मेडिकल कॉलेज का दावा है कि सबसे पहले यहां पर यह सुविधा एमटीएच महिला अस्पताल में शुरू की जाएगी।
यह होता है आइवीएफ
आइवीएफ गर्भधारण की एक आर्टिफिशियल प्रक्रिया है। इसके माध्यम से पैदा हुए बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है। आइवीएफ ट्रीटमेंट में प्रयोगशाला में कुछ नियंत्रित परिस्थितियों में महिला के एग्स व पुरुष के स्पर्म को मिलाया जाता है। जब संयोजन से भ्रूण बन जाता है, तब उसे वापस महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है।
आइवीएफ गर्भधारण की एक आर्टिफिशियल प्रक्रिया है। इसके माध्यम से पैदा हुए बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है। आइवीएफ ट्रीटमेंट में प्रयोगशाला में कुछ नियंत्रित परिस्थितियों में महिला के एग्स व पुरुष के स्पर्म को मिलाया जाता है। जब संयोजन से भ्रूण बन जाता है, तब उसे वापस महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है।
प्रदेश में कहीं यह सुविधा नहीं
आयुष्मान योजना के तहत हाल ही में संतानहीनता को शामिल कर कृत्रिम गर्भधारण का इलाज मुहैया कराया जा रहा है। फिलहाल प्रदेश में अब तक किसी सरकारी अस्पताल में यह इलाज उपलब्ध नहीं है। इंदौर में जरूर दो निजी मेडिकल कॉलेज समेत एक निजी आइवीएफ सेंटर में यह सुविधा उपलब्ध है।
तीन वर्ष पहले डेढ़ करोड़ मंजूर: जनवरी 2018 में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में हुई कार्यपरिषद बैठक में एमवाय अस्पताल में आइवीएफ की सुविधा शुरू करने के लिए डेढ़ करोड़ का बजट स्वीकृत कर महिला रोग व प्रसूति विभाग को काम शुरू करने के लिए निर्देश तत्कालीन एसीएस राधेश्याम जुलानिया ने दिए थे, लेकिन अधिकारियों के तबादलों के साथ मामला अटक गया।
आयुष्मान योजना के तहत हाल ही में संतानहीनता को शामिल कर कृत्रिम गर्भधारण का इलाज मुहैया कराया जा रहा है। फिलहाल प्रदेश में अब तक किसी सरकारी अस्पताल में यह इलाज उपलब्ध नहीं है। इंदौर में जरूर दो निजी मेडिकल कॉलेज समेत एक निजी आइवीएफ सेंटर में यह सुविधा उपलब्ध है।
तीन वर्ष पहले डेढ़ करोड़ मंजूर: जनवरी 2018 में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में हुई कार्यपरिषद बैठक में एमवाय अस्पताल में आइवीएफ की सुविधा शुरू करने के लिए डेढ़ करोड़ का बजट स्वीकृत कर महिला रोग व प्रसूति विभाग को काम शुरू करने के लिए निर्देश तत्कालीन एसीएस राधेश्याम जुलानिया ने दिए थे, लेकिन अधिकारियों के तबादलों के साथ मामला अटक गया।
सात प्रतिशत महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या
प्रदेश में इंनफर्टिलिटी रेट तेजी से बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा 40 हजार से ज्यादा महिलाओं की शिविरों में जांच की गई थी। इनमें से 7 प्रतिशत से ज्यादा में इनफर्टिलिटी की समस्या सामने आए थी,द जबकि 5 प्रतिशत महिलाएं ऐसी मिली थीं, जो एक बार भी मां नहीं बन पाई थी। वहीं, 2 प्रतिशत महिलाएं गर्भवती तो हुई, लेकिन किसी कारणवश मां नहीं बन पाई। फिलहाल 4.8 प्रतिशत महिलाओं में इनफर्टिलिटी सामने आ रही है।
प्रदेश में इंनफर्टिलिटी रेट तेजी से बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा 40 हजार से ज्यादा महिलाओं की शिविरों में जांच की गई थी। इनमें से 7 प्रतिशत से ज्यादा में इनफर्टिलिटी की समस्या सामने आए थी,द जबकि 5 प्रतिशत महिलाएं ऐसी मिली थीं, जो एक बार भी मां नहीं बन पाई थी। वहीं, 2 प्रतिशत महिलाएं गर्भवती तो हुई, लेकिन किसी कारणवश मां नहीं बन पाई। फिलहाल 4.8 प्रतिशत महिलाओं में इनफर्टिलिटी सामने आ रही है।
आयुष्मान के तहत होगा इलाज
हाल ही में गरीब परिवारों को 5 लाख तक का केशलैस इलाज मुहैया कराने की आयुष्मान भारत योजना में 1350 की जगह 1399 बीमारियों को कवर किया गया। नई सूची में संतानहीनता का इलाज भी शामिल है। इसमें एक बार आइवीएफ तकनीक के इस्तेमाल के लिए 50 हजार तक का प्रावधान है।
हाल ही में गरीब परिवारों को 5 लाख तक का केशलैस इलाज मुहैया कराने की आयुष्मान भारत योजना में 1350 की जगह 1399 बीमारियों को कवर किया गया। नई सूची में संतानहीनता का इलाज भी शामिल है। इसमें एक बार आइवीएफ तकनीक के इस्तेमाल के लिए 50 हजार तक का प्रावधान है।
इन शहरों में आइवीएफ का इतना खर्च
मुंबई – 2 से 3 लाख रुपए
बैंगलूरू – 1.60 से 1.75 लाख रुपए
चेन्नई – 1.45 से 1.60 लाख रुपए
दिल्ली – 90 हजार से 1.25 लाख रुपए
नागपुर – 75 हजार से 90 हजार रुपए
हैदराबाद – 70 हजार से 90 हजार रुपए
पुणे – 65 हजार से 85 हजार
कोलकाता – 65 हजार से 80 हजार
(उक्त अनुमानित राशि एक बार प्रक्रिया की है)
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एमटीएच अस्पताल में आइवीएफ सेंटर शुरू किए जाने को लेकर राज्य शासन से मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए व्यवस्थाएं जुटाना शुरू कर दी हैं। हमारी कोशिश है कि आगामी दो से तीन माह में इसका संचालन शुरू कर दिया जाए।
– डॉ. संजय दीक्षित, डीन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज
मुंबई – 2 से 3 लाख रुपए
बैंगलूरू – 1.60 से 1.75 लाख रुपए
चेन्नई – 1.45 से 1.60 लाख रुपए
दिल्ली – 90 हजार से 1.25 लाख रुपए
नागपुर – 75 हजार से 90 हजार रुपए
हैदराबाद – 70 हजार से 90 हजार रुपए
पुणे – 65 हजार से 85 हजार
कोलकाता – 65 हजार से 80 हजार
(उक्त अनुमानित राशि एक बार प्रक्रिया की है)
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एमटीएच अस्पताल में आइवीएफ सेंटर शुरू किए जाने को लेकर राज्य शासन से मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए व्यवस्थाएं जुटाना शुरू कर दी हैं। हमारी कोशिश है कि आगामी दो से तीन माह में इसका संचालन शुरू कर दिया जाए।
– डॉ. संजय दीक्षित, डीन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज