विदेशी शोधकर्ता का दावा EVM के नतीजों को रिसीवर सर्किट से बदला जा सकता है, जानें कैसे हो सकता है खेल

up assembly election 2022: मतदान के लिए ईवीएम(EVM) का इस्तेमाल सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में भी किया जाता है। विदेशों में भी ईवीएम(EVM) के इस्तेमाल को लेकर कई बार सवाल खड़े हुए हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद ईवीएम(EVM) को लेकर उठे सवाल के बाद अमेरिका के मिशिगन यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता ने दावा किया था कि ईवीएम के नतीजों को बदला जा सकता है। शोधकर्ता ने दावा किया था कि रिसीवर सर्किट और एक एंटीना को मशीन से जोड़ के नतीजों को प्रभावित किया जा सकता है।

up assembly election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का मतदान पूरा हो गया है। कल यानी 10 मार्च को मतगणना होगी। मतगणना के बाद उत्तर प्रदेश को अपनी नई सरकार मिल जाएगी। इसी बीच राजनीतिक दलों के बीच ईवीएम(EVM) की हैकिंग और चुनाव में धांधली को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। वाराणसी में ईवीएम(EVM) से भरा ट्रक मिलने के बाद समाजवादी पार्टी ने वाराणसी के डीएम पर धांधली के आरोप लगाए हैं। जिसके बाद से यह सवला उठ रहें है कि क्या ईवीएम मशीन में गड़बड़ी कर चुनाव के नतीजों को प्रभावित किया जा सकता है? इलेक्शन कमीशन का कहना है कि ईवीएम(EVM) में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती है।
विदेशों में भी उठे सवाल
मतदान के लिए ईवीएम(EVM) का इस्तेमाल सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में भी किया जाता है। विदेशों में भी ईवीएम(EVM) के इस्तेमाल को लेकर कई बार सवाल खड़े हुए हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद ईवीएम(EVM) को लेकर उठे सवाल के बाद अमेरिका के मिशिगन यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता ने दावा किया था कि ईवीएम के नतीजों को बदला जा सकता है। शोधकर्ता ने दावा किया था कि रिसीवर सर्किट और एक एंटीना को मशीन से जोड़ के नतीजों को प्रभावित किया जा सकता है। हालांकि, शोधकर्ता के दावों को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था। इलेक्शन कमीशन का कहना था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(EVM) में ऐसा कोई पार्ट नहीं होता है जिससे ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सके। ‌
धांधली की आशंकाओं पर लगाम लगाती है वीवी पैट
2019 के चुनाव के बाद ईवीएम को लेकर उठे सवाल सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे थें। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि ईवीएम मशीन के साथ वीवीपैट मशीन को भी जोड़ा जाए। वीवीपैट को मशीन के साथ इसलिए जोड़ा गया है कि इन चर्चाओं को विराम लग सके कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। ईवीएम में वोट के लिए बटन दबाने के साथ ही वीवीपैट पर सात सेकंड के लिए एक पर्ची दिखाई देती है। जिस पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया जाता है उसका चिन्ह होता है। इस चिन्ह को देखकर मतदाता यह सुनिश्चित कर सकता है कि उसे वोट दिया है। वोट के बाद यह पर्ची एक सीलबंद लिफाफे में इकट्ठा हो जाती है। आरोप लगने पर ईवीएम मशीन के आंकड़ों की वीवीपैट की पर्टी से मिलान कर यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि मतदान में कोई धांधली नहीं हुई।
‌क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि ईवीएम मशीन इस तरह से काम करती है कि जिस में धांधली की संभावनाएं बहुत कम होती हैं। वीवीपैट जुड़ जाने के बाद काफी हद तक यह कहा जा सकता है कि ईवीएम से चुनाव कराना बेहतर व आसान है। 2019 के बाद यह सवाल खड़े हुए थे कि ईवीएम मशीनों को हैक किया गया लेकिन अब ईवीएम मशीन के साथ वीवीपैट जोड़ दिया गया है ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक मतदान के साथ भौतिक रूप से पर्ची भी ईवीएम मशीन के वीवीपैट में मौजूद रहती है। ऐसे में यह कहना कि ईवीएम मशीन को हैक कर किसी दूसरे के पक्ष में मतदान कराया गया है संभव प्रतीत नहीं होता है। वीवीपैट में छपने वाली हर पर्ची पर कोड नंबर होता है जो इलेक्शन कमिशन के पास होता है ऐसे में पर्ची बदलने की संभावना ही भी न के बराबर होती है।

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