जबरन की टोल वसूली … भोपाल-देवास रोड 339 करोड़ में बनी थी, सरकार ने कमा लिए 1124 करोड़

प्रदेश में टोल के नाम पर चल रही ‘लूट’ पर शुक्रवार को कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पता चला है कि भोपाल-देवास, लेबड़-जावरा, जावरा-नयागांव सहित 61 मार्ग ऐसे हैं, जिनके निर्माण के लिए बने डीपीआर, टेंडर और प्रशासकीय मंजूरी में ढेरों गड़बड़ियां हुईं। विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक इन मार्गों की डीपीआर तैयार करने के लिए 17 करोड़ रु. की फीस सिर्फ कंसल्टेंटों को दी गई।

सड़क निर्माण में घाटा दिखाकर भोपाल-देवास रूट के लिए 81 करोड़, दमोह-जबलपुर के लिए 82.71 करोड़ और खंडवा-बुरहानपुर रोड के निर्माण में 66.36 करोड़ रु. की ग्रांट दे दी गई। इससे सड़कों की लागत कम हो गई। अकेले भोपाल-देवास सड़क की लागत 339 करोड़ रु. आई, जबकि इस रोड से अब तक टोल टैक्स के रूप में 1124 करोड़ रु. कमाए जा चुके हैं।

सदन में कांग्रेस विधायक हर्ष विजय गेहलोत और कुणाल चौधरी इस पर सवाल उठाया तो मंत्री गोपाल भार्गव ने लिखित जवाब दिया। कहा- टोल टेंडर की शर्तों के हिसाब से तय किया गया है। इसके अनुसार टोल अवधि में लागत का 20 गुना टोल वसूला जाएगा। तीनों सड़कों की डीपीआर में पूर्ण में लागत का तीन से चार गुना ज्यादा टोल बताकर अवधि 25 साल तय की गई है। टोल शर्तों की धारा 29 के हिसाब से वास्तविक टोल राशि से अवधि तय की जाए तो इक्विटी डेबिट रेशो के अनुसार 2019 में ही ये टोल समाप्त कर जनता को राहत दी जा सकती थी।

लेबड़-जावरा रोड : अभी 11 साल और वसूली होगी

लेबड़-जावरा मार्ग की डीपीआर में लागत 420.71 करोड़ रु. बताई, जबकि टेंडर में 471 करोड़ और प्रशासकीय लागत 605.45 करोड़ रु. बताई गई। इस मार्ग पर 31 जनवरी 2022 तक 1484.15 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं। टोल अवधि 27 अप्रैल 2033 तक है। टोल अवधि के हिसाब से अगले 11 साल में इस सड़क मार्ग पर टोल वसूली 2900 करोड़ रुपए हो जाएगी।

सरकार के जवाब में एक सड़क के निर्माण की अलग-अलग लागत

भोपाल-देवास सड़क निर्माण में डीपीआर के हिसाब से लागत 463.40 करोड़ आई। जबकि सरकारी प्रतिवेदन में इसे 640 करोड़ रुपए और टेंडर में 420 करोड़ 64 लाख रुपए बताया गया है। इस मार्ग पर 31 जनवरी 2022 तक 1124 करोड़ रुपए यानी मूल लागत के साढ़े तीन गुना वसूल किए जा चुके हैं।

इस सड़क पर 1 फरवरी 2021 से 31 जनवरी 2022 के बीच 172.14 करोड़ रुपए टोल वसूला गया। टोल शर्तों के हिसाब से इस सड़क पर 19 अक्टूबर 2033 तक यानी 11 साल और टोल वसूला जाना है यानी यह राशि 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा होगी। इस तरह सड़क निर्माण में खर्चा 420.63 करोड़ और कमाई 2324 करोड़ रुपए होगी।

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