भिंड : भिंड नगर पालिका पर खड़े हो रहे सवाल…!

खड़े हो रहे सवाल:पहले 7 फीसदी कम में लिया निर्माण कार्य का ठेका काम पूरा करने के बाद 8 प्रतिशत कराया रिवाइज

शहर में होने वाले निर्माण कार्याें को करने की होड़ में ठेकेदार जहां पहले शासन से स्वीकृत दर से कम में काम करने के लिए टेंडर डाल रहे हैं। वहीं निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अब ठेकेदार एस्टीमेट (प्राक्कलन) रिवाइज करा रहे हैं, ताकि वे मुनाफा कमा सकें। हाल ही संपन्न हुई नगरपालिका परिषद की बैठक में कुछ ऐसी सड़कों के रिवाइज एस्टीमेट स्वीकृति के लिए एजेंडे में रखे गए। हालांकि बैठक में शुरुआत में हंगामा होने की वजह से इन पर चर्चा ही नहीं हो सकी।

बता दें कि नगरपालिका द्वारा शहर में कराए जाने वाले निर्माण कार्याें की गुणवत्ता को लेकर शुरू से ही सवाल खड़े होते रहे हैं। वहीं शहर में होने वाले निर्माण कार्याें को करने की होड़ में ठेकेदारों ने एसओआर (शेड्यूल ऑफ रेट) से कम दर में टेंडर डालने की नई परंपरा शुरू कर दी है। आलम यह है कि ठेकेदार पहले तो 10 से 30 प्रतिशत ब्लो में निर्माण कार्य पूरा करने का जिम्मा लेते हैं। वहीं निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद गुपचुप तरीके से इनके एस्टीमेट को रिवाइज किया जा रहा है। ऐसे ही कुछ मामले हाल में निकलकर सामने आए हैं, जिनमें निर्माण कार्य का ठेका तो ब्लो में हुआ। लेकिन बाद में उन्हीं निर्माण कार्याें को रिवाइज कर दिया गया।

सड़क-बाउंड्रीवाल 1. शहर के गौरी सरोवर किनारे अंहिसा पार्क से लेकर माता मंदिर पेट्रोल पंप तिराहा तक बीटी रोड और बाउंड्रीवॉल निर्माण का ठेका 2.99 करोड़ रुपए में ठेकेदार सौरभ भदौरिया दिया था। ठेकेदार ने 6.87 प्रतिशत ब्लो में ठेका लिया था। वहीं निर्माण कार्य के दौरान इसका एस्टीमेट दो बार में 7.98 रिवाइज हुआ।

सीसी- नाली निर्माण 2. शहर के वार्ड क्रमांक 11 महावीर नगर विभिन्न गलियों में सीसी रोड मय नाली निर्माण का ठेका नगरपालिका ने 31.22 प्रतिशत ब्लो में यानि 1.84 करोड़ रुपए में दिया था। वहीं अब निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 4.34 प्रतिशत एस्टीमेट रिवाइज कर दिया गया है। यानि अब निर्माण कार्य की लागत 1.92 करोड़ रुपए हो गई है।

सीसी सड़क 3वार्ड कमांक 39 में अटेर रोड से चंदनपुरा स्कूल से रुप सिंह से डॉ सीएल जयंत तक सीसी रोड मय नाली निर्माण के के लिए नगरपालिका नीरज द्विवेदी को ठेका दिया था। ठेकेदार से 10.60 प्रतिशत ब्लो यानि 23.25 लाख रुपए में निर्माण करने का जिम्मा लिया। वहीं निर्माण के बाद अब इसका एस्टीमेट 9.67 प्रतिशत रिवाइज कर दिया गया है। यानि लागत अब 25.50 लाख हो गई है।

नगर पालिका में अभी भी खुल रहे ब्लो में टेंडर
जानकारों की मानें तो नगरपालिका में ब्लो में खुलने वाले अधिकतर टेंडर के एस्टीमेट बाद में रिवाइज होते हैं। यह बात जिम्मेदार अफसर भी समझते हैं। बावजूद ब्लाे में टेंडर लेने वालों के एस्टीमेट को रिवाइज किया जा रहा है। हाल में नगरपालिका में नए निर्माण कार्याें के लिए जो टेंडर लगाए गए हैं, उनमें भी 3.33 प्रतिशत से 24.51 प्रतिशत ब्लो में टेंडर खुले हैं। इससे पहले सितंबर महीने 30 निर्माण कार्याें के टेंडर खुले, जिसमें दो कार्य शासन से निर्धारित दर से 12.50 से 19.21 प्रतिशत कम में निर्माण कार्य करने के लिए ठेकेदार तैयार हुए थे। जबकि नौ कार्याें के लिए 22.50 से 28.74 प्रतिशत कम दर में ठेकेदारों ने हामी भरी है। जबकि 19 कार्याें के लिए ठेकेदार ने एसओआर से 30.74 प्रतिशत कम में टेंडर खुले थे।

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