भिंड में गरीबों के हक पर डाका ..? राशन वितरण में गड़बड़ी …
गरीबों के हक पर डाका:तीन माह में तीन एफआईआर दर्ज फिर भी राशन वितरण में गड़बड़ी
सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार नित्य नए प्रयोग कर रही है। लेकिन जिन लोगों पर राशन वितरण का जिम्मा है, वह भी चोरी के हर रोज नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। आलम यह है कि बीते तीन महीने में राशन वितरण में गड़बड़ी करने वाले तीन दुकानदारों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। वहीं कुछ दुकानदारों को नोटिस भी जारी किए गए। बावजूद यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिले में एक लाख 36 हजार पात्र परिवार है। इन परिवारों के सात लाख 43 हजार सदस्यों के लिए शासन स्तर से हर माह राशन का आवंटन होता है। लेकिन गरीबों के इस हक पर दुकान का संचालन करने वाले डाका डालने से नहीं चूक रहे हैं। आलम यह है कि राशन की चोरी रोकने के लिए सरकार ने कंप्यूटरीकृत सिस्टम अपनाकर पीओएस मशीन से वितरण शुरू करा दिया है। बावजूद गरीबों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। दुकानदार कभी शासनस्तर से राशन का आवंटन न आने का बहाना बनाकर तो कभी किसी अन्य बहाने से पीओएस पर हितग्राहियों अंगूठा लगवाकर राशन की चोरी कर रहे हैं। जब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने मछंड और आलमपुर की शासकीय उचित मूल्य दुकानों से राशन ठीक से वितरण न किए जाने की शिकायत की जांच की तो रिकार्ड में दर्ज राशन की मात्रा और दुकान के भौतिक सत्यापन में मिली मात्रा में अंतर पाया गया। इन दोनों ही मामलों में लहार एसडीएम की ओर से दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है।
ई-केवाईसी के नाम पर लगवाए अंगूठे
मेहगांव जनपद के ग्राम मानपुरा में शासकीय उचित मूल्य दुकान के विक्रेता रामभरोसे गुर्जन ने हितग्राहियों को ई-केवाईसी के नाम पर पीओएस मशीन में अंगूठा लगवाया। बाद में उनका खाद्यान्न खुद निकालकर खुर्दबुर्द कर दिया गया। ऐसे में शासन के रिकार्ड में तो हितग्राही को राशन प्राप्त हो गया। जबकि हकीकत में हितग्राही को मिला ही नहीं। इसीप्रकार से गोरमी के वार्ड क्रमांक 9, 10 एवं 14 की शासकीय उचित मूल्य दुकान के विक्रेता मुकेश यादव ने हितग्राहियों को निर्धारित मात्रा से कम राशन दिया गया। साथ ही निशुल्क मिलने वाले राशन का भी पैसा ले लिया। इन दोनों ही मामलों में दुकानदारों के विरुद्ध प्रकरण बनाकर कार्रवाई की जा रही है।
तीन हजार परिवारों के लिए फिर खुला पोर्टल
इधर जिले की 57 दुकानों के तीन हजार परिवारों को पिछले अक्टूबर महीने से राशन नहीं मिल रहा था। ऐसे में कलेक्टर ने चर्चा की थी, जिसके बाद खाद्य विभाग को पोर्टल पुन: खोला गया है। ऐसे में जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी मनोज वार्ष्णेय ने बताया कि संबंधित दुकानदारों को छूटे परिवारों को चिंहित कर तत्काल दुकान पर बुलाने के लिए कहा है। साथ ही उन्हें अक्टूबर माह का खाद्यान्न निर्धारित मात्रा और दर से अन्न उत्सव में ड्यूटी कर रहे नोडल अधिकारियों के समक्ष देने के निर्देश दिए हैं। वहीं वितरा पीओएस मशीन में आधार सत्यापन के आधार पर ही दिया जाएगा। इसके अलावा विक्रेता को पीओएस मशीन के साथ पृथक से एक पंजी बनाने के लिए कहा है।
इन पर एफआईआर दर्ज
जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले तीन महीने में मेहगांव के मां पथवारा स्वसहायता समूह, गोहद की चंदोखर और डगर की शासकीय उचित मूल्य दुकान के विक्रेता के विरुद्ध संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। मां पथवारा स्वसहायता समूह ने पोषण आहार में प्राप्त होने वाले चावल को बाजार में दिया था। इस मामले की शिकायत की हुई तो जांच में शिकायत सत्य पाई गई। इसीप्रकार से चंदोखर और डगर में कोविड काल के दौरान गरीबों के लिए आए निशुल्क राशन को खुर्दबुर्द कर दिया गया। इन तीनों ही दुकानों के विक्रेताओं के खिलाफ विभाग ने एफआईआर दर्ज कराई है। जबकि लहार के फरदुआ की दुकान से पिछले तीन महीने से राशन नहीं दिया जा रहा था। ऐसे में उक्त दुकान को ही निलंबित कर दिया।