लोकतंत्र की परीक्षा में वोटों की मोहताज हुई कांग्रेस, 97 प्रतिशत उम्मीदवार की जमानत जब्त

देश के सबसे बड़े प्रदेश में कभी सरकार चलाने वाली कांग्रेस अब सूबे में वोटों की मोहताज हो गई है। अठारहवीं विधान सभा के चुनाव में 399 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस के 387 यानी 97 प्रतिशत उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। गौरतलब है कि विधान सभा चुनाव में प्रदेश में कुल 4442 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे जिसमें से 3522 उम्मीदवार यानी 79.28 प्रतिशत अपनी जमानत नहीं बचा पाए।

विधान सभा चुनाव में महज दो सीटें जीतने वाली कांग्रेस सिर्फ चार सीटों पर दूसरे स्थान पर रही। चुनाव में पार्टी के सभी 399 प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 21,51,234 वोट मिले जो कि कुल पड़े मतों का 2.33 प्रतिशत है। इस हिसाब से कांग्रेस के हर उम्मीदवार को औसतन 5391 वोट मिले। वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी के साथ हुए गठबंधन के तहत कांग्रेस ने 114 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे जिन्हें कुल 54,16,540 यानी 6.25 प्रतिशत वोट मिले थे। तब कांग्रेस के प्रत्येक प्रत्याशी को औसतन 47,513 वोट मिले थे। यह इस बात का सुबूत है कि पिछले चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी सपा के जनाधार की बैसाखी के सहारे थी। इस चुनाव में वह बैसाखी हटते ही कांग्रेस धड़ाम हो गई। कांग्रेस से ज्यादा वोट प्रतिशत तो राष्ट्रीय लोक दल का रहा जो सिर्फ 33 सीटों पर चुनाव लड़ी। रालोद को 2.85 प्रतिशत वोट मिले।

बसपा का प्रदर्शन भी रहा निराशाजनक : बहुजन समाज पार्टी का प्रदर्शन भी बेहद निराशाजनक रहा। प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लडऩे वाली बसपा 290 सीटों पर जमानत नहीं बचा पाई। पार्टी की झोली में मात्र एक सीट आई जबकि वह सिर्फ 14 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही। अन्य सीटों पर वह सीधी लड़ाई से बाहर थी।

तीन सीटों पर भाजपा, छह सीटों पर प्रत्याशियों की जमानत जब्त : सत्ता में धमक के साथ वापसी करने वाली भाजपा के भी तीन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई। भाजपा प्रत्याशियों की जमानत प्रतापगढ़ की कुंडा, जौनपुर की मल्हनी और बलिया की रसड़ा सीटों पर जब्त हुई। भाजपा ने 376 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिसमें से 255 को विजयश्री मिली जबकि 115 प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे। सत्ता की लड़ाई में भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी रही सपा के 347 प्रत्याशियों में से छह की जमानत जब्त हुई। सपा 111 सीटें जीतने में कामयाब रही जबकि 231 सीटों पर उसके प्रत्याशियों को दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। वहीं भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) के किसी भी प्रत्याशी की जमानत जब्त नहीं हुई। अपना दल (एस) ने 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। वहीं सपा के साथ गठबंधन करने वाले रालोद के 33 में से तीन उम्मीदवार जमानत नहीं बचा सके।

जमानत बचाने को 16.66 प्रतिशत वोट पाना जरूरीः विधान सभा चुनाव में जमानत बचाने के लिए कुल पड़े वैध मतों का कम से कम 16.66 प्रतिशत हिस्सा हासिल करना पड़ता है। अनुसूचित जाति व जनजाति के उम्मीदवारों के लिए जमानत राशि 5000 रुपये और अन्य प्रत्याशियों के लिए 10,000 रुपये होती है।

        पार्टी –   चुनाव लड़े – जमानत जब्त – प्रतिशत

  • कांग्रेस – 399 – 387 – 97
  • बसपा – 403 – 290 – 72
  • निर्दलीय – 1,021 – 1,016 – 99.7
  • सपा – 347 – 06 – 1.7
  • भाजपा – 376 – 03 – 0.8
  • अपना दल (एस) – 17 – 0 – 0
  • निषाद – 10 – 0 – 0
  • सुभासपा – 17 – 5 – 29.4
  • जनसत्ता दल लोकतांत्रिक – 16 – 14 – 87.5

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