इंदौर … बात जमीन की, भाव आसमान पर …
- गाइड लाइन पर दावे-आपत्ति आज दोपहर 12 बजे तक ही, अब तक 25 आपत्तियां….
IDA स्कीमों में दो गुना वृद्धि का प्रस्ताव, क्योंकि 56 हजार रु./वर्गमीटर के प्लॉट बिके 2.32 लाख में…..
पंजीयन विभाग द्वारा तैयार किए गए कलेक्टर गाइड लाइन बढ़ाने के प्रस्ताव पर मंगलवार दोपहर 12 बजे तक ही दावे-आपत्तियों का आखिरी समय है। इसके बाद आपत्तियों की समीक्षा और अन्य विभागों से मिले प्रस्ताव को जोड़कर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। जिला पंजीयन समिति की मंजूरी के बाद इसे राज्य शासन को भेजा जाएगा। 1 अप्रैल से नई गाइड लाइन लागू हो जाएगी।
इस पूरी प्रक्रिया में सबसे चौंकाने वाली जानकारी आईडीए की स्कीमों से मिली है, जहां कलेक्टर के आदेश पर अब गाइड लाइन बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। आईडीए ने पंजीयन विभाग को जो रिपोर्ट दी है, उसमें 10 से 200 प्रतिशत तक गाइड लाइन बढ़ाने का प्रस्ताव है। इसका प्रमुख कारण आईडीए की स्कीमों में मिली प्लॉटों की कीमत है।
आईडीए की कई स्कीम ऐसी हैं, जहां कलेक्टर गाइड लाइन या आरक्षित मूल्य जो रखा गया था, उससे चार से पांच गुना तक कीमत आईडीए को मिली है। इसलिए अब इसे बैलेंस किया जा रहा है। हालांकि इसका असर 20 से ज्यादा स्कीमों पर होगा। नई गाइड लाइन के हिसाब से पुरानी योजनाओं के प्लॉटधारकों को भी लीज रेंट भरना होगा। वरिष्ठ जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे ने बताया कि कुल 25 आपत्तियां आई हैं। इनके निराकरण के बाद अंतिम प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
आपत्तियां इस तरह की
- मास्टर प्लान में शामिल गांवों की जमीन आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक ही रहेगी, कृषि भूमि, हरित भूमि आरक्षित नहीं होगी। ग्रीन बेल्ट व आवासीय जमीन की समान दर क्यों?
- टीएंडसीपी में मंजूर प्लॉट अगर व्यावसायिक है तो ही व्यावसायिक दर लगेगी, इसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा?
- इंदौर में तीन मंजिल से ऊंची मल्टी बन रही है तो चौथी, पांचवीं आदि का भाव तीसरी के बराबर ही क्यों?
- कृषि जमीन दर क्यों परिवर्तित नहीं की जा रही है। जो सरकारी योजना के तहत अधिग्रहित होना है, सरकार की नीयत स्पष्ट नहीं?
- आपत्तियों का निराकरण प्रत्यक्ष सुनवाई के आधार पर हो।
आपत्तियां इस तरह की
- मास्टर प्लान में शामिल गांवों की जमीन आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक ही रहेगी, कृषि भूमि, हरित भूमि आरक्षित नहीं होगी। ग्रीन बेल्ट व आवासीय जमीन की समान दर क्यों?
- टीएंडसीपी में मंजूर प्लॉट अगर व्यावसायिक है तो ही व्यावसायिक दर लगेगी, इसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा?
- इंदौर में तीन मंजिल से ऊंची मल्टी बन रही है तो चौथी, पांचवीं आदि का भाव तीसरी के बराबर ही क्यों?
- कृषि जमीन दर क्यों परिवर्तित नहीं की जा रही है। जो सरकारी योजना के तहत अधिग्रहित होना है, सरकार की नीयत स्पष्ट नहीं?
- आपत्तियों का निराकरण प्रत्यक्ष सुनवाई के आधार पर हो।
टेंडर में मिले दाम : 9200 रुपए प्रति वर्ग मीटर का प्लॉट 42 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर में बिक गया
- आनंदवन हाइराइज : 56 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर की गाइड लाइन, प्लॉट बिका 2.32 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर में
- स्कीम 134 एमआर-10 : कमर्शियल प्लॉट की गाइड लाइन 38,400 रुपए, बिका 1.42 लाख रु. प्रति वर्गमीटर
- स्कीम 140 : कमर्शियल प्लॉट की गाइड लाइन 64 हजार रु., बिका 1.20 लाख रु. प्रति वर्गमीटर
- स्कीम 78 पार्ट-2 : आवासीय गाइड लाइन 9200 रु., प्लॉट बिका 42 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर
- स्कीम 139 सुपर कॉरिडोर: कमर्शियल की गाइड लाइन
- 36 हजार रु., हाइएस्ट टेंडर रहा 76 हजार रु.
- स्कीम 134, एमआर-10 : आवासीय प्लॉट की गाइड लाइन
- 28 हजार रु., बिका 76 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर
- स्कीम 78 : इंडस्ट्री प्लॉट की गाइड लाइन 14 हजार 400 रु., बिका 39 हजार रु. प्रति वर्गमीटर
- स्कीम 136, निरंजनपुर : कमर्शियल प्लॉट की गाइड लाइन
- 56 हजार रु., बिका 96 हजार रु. वर्गमीटर
- स्कीम 51 : 15 हजार रु. वर्गमीटर की गाइड लाइन, टेंडर गया 40 हजार रु. वर्गमीटर