मिलिए योगी आदित्यनाथ के परिवार से …. पिता फॉरेस्ट रेंजर थे, बड़ी बहन की चाय-नाश्ते की दुकान, जानिए तीनों भाई क्या करते हैं?

योगी आदित्यनाथ का जन्म 1972 में उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था। पिता आनंद सिंह बिष्ट एक फॉरेस्ट रेंजर थे। संन्यास धारण करने से पहले योगी का नाम अजय सिंह बिष्ट था। अजय सिंह सात भाई-बहन हैं। इनमें तीन बहनें और चार भाई शामिल हैं। 

योगी आदित्यनाथ का पूरा परिवार।
योगी आदित्यनाथ का पूरा परिवार।

महंत योगी आदित्यनाथ जिन्हें संन्यास धारण करने से पहले लोग अजय सिंह बिष्ट के नाम से जानते थे। कल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। संन्यासी योगी नाथ संप्रदाय की पीठ गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। इसलिए अपने मूल परिवार को त्याग चुके हैं।

योगी आदित्यनाथ का जन्म जिस परिवार में हुआ था, वो उत्तराखंड में रहता है। जिले का नाम पौड़ी गढ़वाल और गांव का नाम पंचुर है। पांच जून 1972 को यहीं पर योगी जन्मे थे। पिता आनंद सिंह बिष्ट एक फॉरेस्ट रेंजर थे। मां सावित्री देवी गृहिणी हैं। योगी सात भाई-बहन हैं। इनमें तीन बहनें और चार भाई शामिल हैं। योगी पांचवें नंबर पर हैं।

बहनें क्या करती हैं?

योगी आदित्यनाथ और उनकी बहन
योगी आदित्यनाथ और उनकी बहन – फोटो : अमर उजाला

योगी आदित्यनाथ की तीन बहनें हैं। शशि पयाल और दो अन्य बहनें हैं। शशि ही ज्यादातर मीडिया के सामने आती हैं। पौड़ी गढ़वाल में शशि माता भुवनेश्वरी देवी मंदिर के पास चाय-नाश्ते की दुकान चलाती हैं।

एक इंटरव्यू में शशि से पूछा गया कि अब तो आपका भाई मुख्यमंत्री है। देश का इतना बड़ा नेता है। फिर भी आप लोग ऐसी हालत में क्यों रहती हैं? इसका जवाब देते हुए शशि ने कहा था, ‘हर पार्टी के नेता के घरवाले भी राजनीति में आ जाते हैं। हमारे यहां ऐसा नहीं है। अगर हम भी उन्हीं के तरह बन जाएंगे तो ये परिवारवाद हो जाएगा। हम नहीं चाहते और भाई (योगी आदित्यनाथ) का भी यही बोलना है कि अपना कमाओ और खाओ…. मेहनत करो।’

भाई क्या करते हैं?

योगी आदित्यनाथ और उनके सभी भाई।
योगी आदित्यनाथ और उनके सभी भाई। – फोटो : अमर उजाला

योगी के बड़े भाई का नाम मानवेंद्र मोहन है। वह एक कॉलेज में काम करते हैं। मानवेंद्र के बाद योगी आदित्यनाथ का नंबर आता है। इसके बाद दो लोग उनसे छोटे हैं जिनका नाम शैलेंद्र मोहन और महेंद्र मोहन है। शैलेंद्र सेना में सूबेदार हैं। उनकी तैनाती भारत-चीन बॉर्डर पर है। महेंद्र भी एक स्कूल में काम करते हैं।

सेना में सूबेदार पद पर तैनात शैलेंद्र से एक न्यूज चैनल ने पूछा था कि क्या उन्हें अपने बड़े भाई से मिलने का वक्त मिल जाता है? तब उन्होंने जवाब दिया था, ‘मैं उनसे एक बार दिल्ली में मिला था, जब वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे।’

शैलेंद्र ने आगे कहा, ‘महाराज जी (योगी आदित्यनाथ) ने मुझसे कहा कि अपनी क्षमता के हिसाब से देश की सेवा करनी चाहिए।’ शैलेंद्र बताते हैं कि वो और उनका पूरा परिवार मुख्यमंत्री योगी को महाराज जी कहता है।
शैलेंद्र कहते हैं, किसी बड़े नेता की ऐसी पारिवारिक विरासत लोगों को हौसला देती है। हौसला इस बात का कि अब भी ईमानदारी की कोई कीमत नहीं है। हौसला इस बात का कि बड़े होने से कुछ नहीं होता, बड़ा काम आपको बड़ा बनाता है और हौसला इस बात का भी कि सत्ता की ताकत का दुरुपयोग करने से अब भी लोग बचे हुए हैं।

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