करौली दंगों पर ? इन्वेस्टिगेशन …..छतों पर जमा किए गए थे कई टन पत्थर, लाठी-सरिए; चाकू-तलवारें लेकर भीड़ में घुसे थे नकाबपोश
2020 में हुए दिल्ली दंगे की तर्ज पर शनिवार को राजस्थान के करौली में हुआ उपद्रव पहले से ही प्लांड था। छतों से सैकड़ों टन पत्थर और दर्जनों लाठी-सरिए, चाकू की बरामदगी इसकी गवाही दे रहे हैं। नवसंवत्सर पर निकाली गई बाइक रैली पर पथराव-आगजनी, लाठी, चाकू, तलवार और सरियों से हमला…।
यह सब एक दिन के विवाद के कारण नहीं हुआ है। माहौल खराब करने की ये साजिश पिछले कई दिनों से रची जा रही थी। शर्मनाक ये कि पुलिस को पता था कि ऐसा हो सकता है। फिर भी पुलिस ने कोई जरूर कदम नहीं उठाए।
पुलिस की लापरवाही का नतीजा
उपद्रव में 1 मकान और 35 दुकानें जला दी गईं। 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए। 4 पुलिसकर्मी घायल हैं, 1 की हालत गंभीर है और वह जयपुर आईसीयू में भर्ती है। उपद्रवियों ने 30 से ज्यादा बाइक तोड़ दीं। शनिवार को यहां जो कुछ भी हुआ, वो कैसे और क्यों हुआ? इस सवाल का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम 2 दिन से करौली में है। चप्पे-चप्पे पर जाकर पड़ताल कर रही है। टीम उपद्रव के 20 से ज्यादा चश्मदीदों और घायलों से मिली। पुलिस से बात की। घटना के 10 से ज्यादा फुटेज खंगाले। 2 दिन की इनवेस्टिगेशन में जो कुछ भी सामने आया, वो चौंकाने और डराने वाला था
मैंनें चीखते-रोते बच्चों को घर में शरण देकर बचाई जान
उपद्रव के दौरान मची भगदड़ में कई ऐसे लोग भी फंस गए, जो बच्चों के साथ खरीदारी करने आए थे। हमारे घर के बाहर भी एक महिला और उसके बच्चे थे। मैंने उनको अपने घर में लिया और गेट बंद कर लिया। खिड़की से देखा तो उपद्रवी आसपास की दुकानों और बाइक में आग लगा रहे थे। उपद्रव के 2 दिन बाद भी इलाके में दहशत है। लोग जरूरत का सामान लेने के लिए बाहर नहीं जा पा रहे हैं।
-इलाके में रहने वाली महिला (नाम न बताने की शर्त पर) ……
अचानक आए नकाबपोश और लाठी-सरियों से हमला कर दिया
करौली में नवसंवत्सर के अवसर पर शनिवार को बाइक रैली निकाली जा रही थी। रैली में 2 हजार से ज्यादा लोग थे। रैली फूटाकोट से गणेश गेट के बीच से गुजर रही थी। उसी दौरान मस्जिद के पास पहुंचते ही लोगों ने मकानों की छतों से पथराव शुरू कर दिया। हर तरफ से बड़े-बड़े पत्थर लोगों के ऊपर आकर गिरने लगे। ऐसा लग रहा था, जैसे आसमान से पत्थर बरस रहे हों।
हर तरफ अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इसी अफरा-तफरी में कुछ नकाबपोश लोग हाथों में लाठियां, तलवार, सरिए व चाकू लेकर आए और लोगों पर हमला कर दिया। एक युवक ने सरिए से मुझ पर हमला किया। मेरा हाथ दो जगह से फ्रैक्चर हो गया। इसके बाद पीछे से आए एक युवक ने मेरी पीठ पर चाकू से हमला कर दिया। खून इतना बह गया कि मैं बेहोश होकर गिरने लगा, तभी कुछ लोग पर पकड़ कर अस्पताल ले गए।
– वीपी शर्मा, उपद्रव में घायल
मकानों से करीब दो ट्रॉली पत्थर निकाले
बाइक रैली पर पथराव किया जाएगा, ये पहले से तय था। उपद्रव के 24 घंटों बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया तो उन्हें कई घरों की छत पर पत्थरों के ढेर मिले। सांसद मनोज राजोरिया ने बताया- ‘मैंने कलेक्टर व एसपी के साथ मौके का दौरा किया। जहां कई मकानों पर पत्थरों के ढेर मिले हैं। मकानों से करीब दो ट्रॉली पत्थर निकाले गए। इनमें एक मकान के ऊपर जिम संचालित हो रहा था।’
भीड़ में घुस गए नकाबपोश हमलावर
भास्कर ने घटना के कई चश्मदीदों से बात की। उन्होंने बताया कि पथराव के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया और लोग जान बचाने के लिए भागे। अचानक भीड़ में मुंह पर नकाब बांधे युवक घुस आए। उनके हाथ में लाठी-सरिए और चाकू थे। उन्होंने भागते लोगों पर हमला बोल दिया।
अब पाकिस्तानी चैनल पर मस्जिद पर हमले की झूठी खबरें
जिन्होंने उपद्रव की साजिश रची, वे अब भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। करौली में इंटरनेट बंद हैं, लेकिन राजस्थान और देश के बाकी हिस्सों में पाकिस्तानी चैनल के हवाले से झूठी खबरें वायरल की जा रही हैं। एक टीवी चैनल की क्लिप वायरल की जा रही है, जिसमें बताया जा रहा है कि एक मस्जिद पर लोगों ने पथराव कर दिया। एक पक्ष के लोगों के खिलाफ पथराव, आगजनी की झूठी खबर दिखाई जा रही है।
पुलिस ये 4 गलतियां नहीं करती तो नहीं होता उपद्रव
रैली का रूट डाइवर्ट नहीं किया : करौली शहर में पहले भी दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। ऐसे में रैली की परमिशन देते समय पुलिस रैली का रूट डाइवर्ट कर उपद्रव को रोक सकती थी।
सिर्फ 30 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी : विवाद भड़कने की आशंका के बावजूद अधिकारियों ने रैली के लिए महज 30 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई। नतीजा- जब उपद्रव बढ़ा तो पुलिस रोक नहीं पाई।
ड्राेन से निगरानी नहीं कराई : सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने ड्रोन से निगरानी नहीं कराई। ऐसा कराते तो छत पर रखे टनों पत्थरों और दर्जनों लाठी-सरियों के बारे में पहले पता चल जाता और उपद्रव को रोका जा सकता था।
मौके पर पहुंचकर भी उपद्रव नहीं रोक पाए : उपद्रव के महज आधे घंटे बाद पुलिस अधिकारी व जाब्ता मौके पर पहुंच गया। इसके बावजूद उनके सामने ही उपद्रवी पथराव करते रहे और दुकानों में आग लगाते रहे।
1 दिन पहले पीएफआई ने जारी किया था लेटर
शुक्रवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ ने एक प्रेस बयान जारी कर बताया था कि कि 2 से 4 अप्रैल तक प्रदेश के विभिन्न जिलों, तहसीलों और कस्बों में हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में निकाली जाने वाली रैली के दौरान बाहरी लोग माहौल बिगाड़ सकते हैं।
……….. दो रिपोर्टर उसी जगह खड़े हैं, जहां शनिवार शाम उपद्रव भड़कने के बाद एक मकान और कई दुकानों को उपद्रवियों ने जला दिया। 3 दिन बाद भी आग पूरी तरह नहीं बुझी है। अब भी राख के ढेर से धुआं निकल रहा है।
प्रशासन की ओर से अब घर को गिराने की प्लानिंग की जा रही है, क्योंकि ऐसा नहीं किया तो आग में तबाह हो चुके इस मकान के गिरने से आसपास के मकानों और दुकानों को भी खतरा है। करौली में पिछले दो दिनों से शांति है, लेकिन तनाव से भरी हुई। कर्फ्यू के कारण सड़कें सूनी हैं। जगह-जगह पुलिस तैनात है। बैरिकेडिंग की गई है। सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन नजर आ रहे हैं।
अब तक 46 उपद्रवी गिरफ्तार
शहर में अमन-चैन बनाए रखने के लिए पुलिस व प्रशासन दो पक्षों से बातचीत कर शांति बनाए रखने का प्रयास कर रही है। उपद्रव करने वाले बदमाशों की पहचान कर गिरफ्तारियां कर रही हैं। पुलिस ने अब तक 46 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।
लोग बोले- करौली में कायम रहेगा सौहार्द्र
भास्कर ने करौली में दोनों पक्षों के कई लोगों से बात की। उनका कहना था कि करौली सौहार्द के लिए जाना जाता है। कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, लेकिन वो अपने इरादे में कामयाब नहीं होंगे। प्रशासन और पुलिस के साथ मीटिंग कर शांति व्यवस्था पर बात की जा रही है।