‘जब सवाल कश्मीर का आता है, तो मुझे गुस्सा…’, विरोधी दलों को अमित शाह ने इस अंदाज में दिया जवाब
दरअसल, अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच तीखी बहस हुई थी। इस दौरान अधीर रंजन चौधरी के एक कथन पर गुस्सा जाहिर करते हुए शाह ने आक्रामक अंदाज में कहा था कि कश्मीर के लिए जान भी दे देंगे।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कश्मीर के मुद्दे पर उन्हें गुस्सा आ जाता है बाकी वो कभी गुस्सा नहीं करते हैं। सोमवार को लोकसभा में दण्ड प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए विरोधी दलों द्वारा गुस्सा करने की बात कहने पर जवाब देते हुए शाह ने कहा कि, मैं कभी गुस्सा नहीं करता हूं। कश्मीर का सवाल आता है तो गुस्सा हो जाता हूं, बाकी कभी गुस्सा नहीं होता हूं। अमित शाह ने यह भी कहा, मैं कभी किसी को नहीं डांटता हूं, मेरी आवाज जरा ऊंची है। ये मेरा मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट है।
दरअसल, अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच तीखी बहस हुई थी। इस दौरान अधीर रंजन चौधरी के एक कथन पर गुस्सा जाहिर करते हुए शाह ने आक्रामक अंदाज में कहा था कि कश्मीर के लिए जान भी दे देंगे। सोमवार को विरोधी दलों ने इसी दिन को याद करते हुए शाह के गुस्से का जिक्र किया, जिसका जवाब शाह ने इस अंदाज में दिया।
शाह ने आगे कहा कि जब लोकसभा में हमारे साथी मंत्री अजय मिश्रा टेनी इसे पेश कर रहे थे तो व्यक्तिगत स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देते हुए इसका विरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ सांसदों की चिंता वाजिब है लेकिन इस विधेयक में उनकी चिंताओं की चिंता भी कर ली गई है। शाह ने आगे कहा कि सरकार जेल के कैदियों के लिए भी एक मॉडल एक्ट बना रही है जो राज्य सरकारों को भेजा जाएगा , जिससे कई तरह की चिंताएं दूर हो जाएगी। उन्होंने बिल का विरोध करने वाले सांसदों से कहा कि इस बिल को समग्रता में देखने की जरूरत है क्योंकि बदलाव समय की मांग है।
गृह मंत्री ने सभी से इस विधेयक को अलग दृष्टिकोण से देखने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे जांच एजेंसी को मदद मिलेगी, सजा देने की दर बढ़ेगी और इसके साथ ही आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था भी मजबूत होगी।
आपको बता दें कि, पिछले सप्ताह 28 मार्च को अमित शाह की तरफ से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने लोकसभा में दण्ड प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 को पेश किया था। बिल को पेश करते समय भी विरोधी दलों ने तीखा विरोध किया था और उनकी मांग पर सदन में मत विभाजन भी करवाना पड़ा था। 28 मार्च को सरकार द्वारा विधेयक पेश करने के प्रस्ताव के समर्थन में 120 सांसदों और विरोध में 58 सांसदों ने वोट किया था।