औरैया के DM सुनील कुमार वर्मा सस्पेंड…..

विजिलेंस करेगी आय से अधिक संपत्ति की जांच, योगी सरकार का 5 दिन में तीसरा बड़ा एक्शन….

औरैया के डीएम सुनील कुमार वर्मा को लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। उनकी लगातार शिकायतें मिल रही थीं। अब विजिलेंस टीम आय से अधिक संपत्ति की जांच करेगी। इससे पहले 31 मार्च को सोनभद्र के डीएम टीके शिबू और गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को भी काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सस्पेंड कर दिया गया था।

सुनील कुमार वर्मा पर खनन से लेकर जिला पंचायत के घटिया निर्माण के बाद भी भुगतान करने और कोरोना काल में घोटाले को रफा दफा करने के आरोप लगे हैं। इसके अलावा असलहा बनवाने में रुपए लेने के आरोप लगते रहे हैं। इतना ही नहीं, वह खुद को सीएम योगी आदित्यनाथ का खास बताकर जनप्रतिनिधियों में भी रौब रखते थे। सीएम के साथ की फोटो भी अपनी वॉट्सएप प्रोफाइल पर लगाई थी।

दो दिन पहले कमिश्नर राजशेखर ने की थी जांच
जनवरी 2021 को सुनील वर्मा औरैया के डीएम नियुक्त किए गए थे और पहली बार उन्हें डीएम का चार्ज मिला था। औरैया में आने के कुछ दिन बाद ही वह नेताओं की तरह कुर्ता पायजामा में घूमने लगे। बताया जा रहा है कि कोरोना काल में जिले में व्यवस्था करने में भी वह फेल साबित हुए।

वहीं चर्चा यह भी रही कि कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच को डीएम सुनील वर्मा ने रफा दफा कर दिया। इसके बाद असलहा बनाने के नाम पर रुपए लेने की भी खूब शिकायत हुई। जिला पंचायत कार्यकाल पूरा होने पर पुराना बिल भुगतान करने व नया टेंडर जारी करने में तगड़ा कमीशन लेने का भी आरोप लगा था। सुनील वर्मा पर यह भी आरोप लगा कि उन्होंने देवकली ट्रस्ट बनाकर खनन माफियाओं से रुपए लिए, इसके बदले उन्होंने अवैध खनन कराया।

सुनील कुमार वर्मा खुद को सीएम का खास बताकर रौब झाड़ते थे। वह सीएम के साथ के फोटो को अपनी डीपी पर लगाकर रखते थे।
सुनील कुमार वर्मा खुद को सीएम का खास बताकर रौब झाड़ते थे। वह सीएम के साथ के फोटो को अपनी डीपी पर लगाकर रखते थे।

खनन माफिया को औरैया रत्न दिया
चर्चा यह भी रही कि सुनील वर्मा ने खनन माफिया मखलू पांडेय और हरी तिवारी से मोटी रकम वसूली और उन्हें औरैया रत्न से सम्मानित कर दिया। आरोप है कि औरैया रत्न मनमाने तरह से बांटे गए और जमकर वसूली हुई।

जब सांसद का पत्र वायरल हुआ और डीएम डटे रहे
सांसद रामशंकर कठेरिया ने डीएम सुनील वर्मा की शिकायत शासन से की थी। कई घोटाले के साथ ही देवकली चौकी पर ओवरलोड ट्रक निकलने और खनन सहित कई घोटालों का आरोप था। शासन से कार्रवाई नहीं हुई और वह पत्र कुछ महीने बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। सांसद के पत्र के बाद भी कार्रवाई न होने पर डीएम पूरे रौब में आकर काम कर रहे थे।

उल्टा तिरंगा फहरा दिया था
15 अगस्त को डीएम सुनील वर्मा ने कलेक्ट्रेट पर उल्टा झंडा फहरा दिया था। मामला सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो डीएम सुनील ने बेतुका बयान दिया था कि झंडारोहण का ट्रायल था। अछल्दा ब्लॉक में बनी दुकानों को गिराने में भी रुपए मांगने का आरोप लगा था।

2013 बैच के हैं आईएएस
सुनील कुमार वर्मा जनपद एटा और आगरा में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रह चुके हैं, जबकि वाराणसी और सोनभद्र में मुख्य विकास अधिकारी रह चुके हैं। इसके अलावा विधिक वैप विज्ञान के कंट्रोलर भी रह चुके हैं। औरैया में ज्वाइनिंग से पहले वह खाद्य एवं रसद आपूर्ति विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात थे। वह 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। सुनील रायबरेली के रहने वाले हैं।

यह अधिकारी भी हो चुके हैं सस्पेंड
प्रतापगढ़ जिले में तहसीलकर्मी की हत्या के आरोपी एसडीएम को सोमवार को सस्पेंड कर दिया गया है। राज्य सरकार ने प्रतापगढ़ में तैनात सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह को नायब नजीर की हत्या के आरोप में निलंबित करने का आदेश दिया था।

इससे पहले सरकार ने सोनभद्र के डीएम और गाजियाबाद के एसएसपी पवन पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया था। टिके शिब्बू पर अवैध खनन के साथ-साथ चुनाव में बतौर जिला निर्वाचन अधिकारी लापरवाही से काम करने का आरोप था। गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को कर्तव्यों का पालन ना करने के आरोप में निलंबित किया गया था।

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