शिवराज को घेरने वाले पं. प्रदीप मिश्रा …… … सवाल-CM आपके निशाने पर रहते हैं? पं.मिश्रा- मेरे शंकर कष्ट में, दर्द तो होगा ही; जानिए और क्या कहा…

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज हैं और उनके राज्य में शिव कैद में हैं, तो फिर उनका राज किसी काम का नहीं है… रायसेन में दो दिन पहले व्यासपीठ से कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने यह बात कहकर मप्र की सियासत में एक बार फिर भूचाल ला दिया है। यह दूसरा मौका है जब शिवराज सरकार को पं. मिश्रा ने मुश्किल में डाला। इससे पहले वे सीहोर में रूद्राक्ष महोत्सव रद्द होने पर रो पड़े थे। सवाल उठ रहे थे कि क्या पंडित मिश्रा शिवराज सरकार से नाराज हो गए हैं। इन विवादों के बाद पहली बार पं. मिश्रा ने अपनी बात  …. के जरिए रखी। जानिए सिलसिलेवार सवाल और उनके जवाब…

– आपने कहा शिवराज के राज में शिव कैद में है तो ऐसा राज किसी काम का नहीं… शिवराज को क्यों निशाने पर ले रहे हैं आप इन दिनों?

जवाब– मैंने जो कहा वो व्यासपीठ से कहा। व्यासपीठ से जो कहा जाता है, वो जनहित की बात होती है। किसी पार्टी या व्यक्ति के लिए व्यासपीठ से कोई बात नहीं की जाती। कोई व्यक्ति अपने ऊपर ले तो बात दूसरी है। मेरे शिव यदि कष्ट में हैं, तो मुझे दर्द तो होगा। इसलिए कह दिया। मैंने सरकार से आह्वान किया है कि शिव को आजाद कराएं। मुझे पूरी उम्मीद है कि सरकार मेरे इस आग्रह को स्वीकार करेगी।

– आपको नहीं लगता कि आपकी बात से सरकार मुश्किल में फंस जाती है?

शिवराज जी यशस्वी मुख्यमंत्री हैं। लोग उनसे खुश हैं। मुझे नहीं लगता कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मेरी वाणी से संशय में आएं। मैंने तो वही कहा जो जनता ने मुझे पत्र लिखकर बताया। शिवराज सरकार से भी केवल निवेदन किया है कि आप आएं और बाबा का दरबार जो अंग्रेजों के काल से बंद पड़ा है, इसे आजाद कराएं।

– क्या आप भाजपा के लिए हिन्दुत्व का एजेंडा सेट करने में मदद कर रहे हैं?

जवाब– मेरा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं। न भाजपा से न कांग्रेस से। मैं सनातनी हूं। मैं बस ये कहता हूं कि जो राष्ट्रहित की बात करेगा, हम उसका साथ हमेशा देते रहेंगे। ये सही है कि लाखों लोग हमारे साथ जुड़े हैं, लेकिन ये सब शिव की कृपा है। इसका राजनीति से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है।

– आप शिवराज के लिए बोलते हुए सख्त दिखते हैं, जबकि अन्य मंत्रियों के लिए साफ्ट कॉर्नर क्यों रखते हैं?

जवाब– मैंने आज तक व्यासपीठ से किसी एक व्यक्ति के लिए कभी संबोधन नहीं किया। मैं शिवराज जी के ही क्षेत्र का हूं। मैं बहुत पहले से उनको जानता हूं।

– क्या जादू करते हैं आप अपने श्रोताओं पर… हजारों की भीड़ उमड़ती है आपको सुनने के लिए?

जवाब– ये सब शिव की कृपा है। लोग भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं। शिवमहापुराण के माध्यम से अब आम जनमानस शिव तत्व को पहचान रहा है। अब लोग समझ रहे हैं कि शिव की आराधना कैसे करनी है।

– रायसेन में शिव को आजाद कराने का आगे क्या अभियान होगा?

जवाब– ये अभियान नहीं है। मेरे पास भक्तों के पचासों पत्र आए। बाबा ने ही व्यासपीठ से बुलवाया है तो ये दरवाजा जरूर खुलेगा।

– ये भी कहा जा रहा है कि आयोजन समिति ने आपको मोहरा बनाया?

जवाब– ये पत्र आयोजन समिति के नहीं है। ये आसपास के लोगों के पत्र है। मैंने अपने दिल की बात कही।

– आपके बयानों से ऐसा लगता है तो आपकी शिवराज जी से या सरकार से कोई नाराजगी है, क्या वजह है?

जवाब– बिल्कुल नहीं। मैं फिर दोहरा रहा हूं कि मेरी किसी से कोई नाराजगी नहीं है।

– आपको क्या लगता है कि रायसेन किले में शिव कैद से बाहर आ पाएंगे?

जवाब– मुझे पूरा विश्वास है कि मामाजी यहां आएंगे और आकर ताला जरूर खुलवाएंगे। मैं उन्हें मामा कहता हूं बहुत पहले से। वे भले ही केंद्र सरकार से बात करें। मामा बुलडोजर हो गए हैं, इसकी भी बड़ी प्रसन्नता है मुझे।

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