सीएम योगी के शहर में लोगों को पुलिस पसंद नहीं … सबसे फिसड्डी गोरखपुर शहर की पुलिस
पब्लिक पोल में पहली पसंद बलरामपुर पुलिस, फिर श्रावस्ती; सबसे फिसड्डी गोरखपुर शहर की पुलिस
योगी 2.0 में यूपी पुलिस की ताबड़तोड़ एनकाउंटर वाली छवि लोगों को खूब पसंद आ रही है। लेकिन, खुद सीएम योगी के शहर (गोरखपुर) की पुलिस को वहीं के लोगों ने नकार दिया है। उनकी पसंद की फेहरिस्त में सबसे पहले बलरामपुर और श्रावस्ती पुलिस शामिल हुई है। ये फैक्ट गोरखपुर जोन में 7 दिन में हुए पब्लिक पोल में सामने आया है। गोरखपुर जोन के ADG अखिल कुमार ने पब्लिक पोल के आधार पर रैंक जारी की है।
अगर टॉप टेन के बाकी जिलों के बारे में बात करें तो तीसरे पायदान पर बस्ती पुलिस, फिर चौथे पायदान पर महाराजगंज, पांचवें नंबर पर बहराइच की पुलिस आती हैं। इसके बाद छठवें नंबर पर सिद्धार्थनगर, सातवें नंबर पर देवरिया, आठवें पायदान पर संतकबीरनगर और नौवें नंबर पर गोरखपुर की पुलिस है। दसवें पायदान पर कुशीनगर, जबकि 11वें नंबर पर गोंडा की पुलिस आई है।
अब आपको बताते हैं कि ये पब्लिक पोल आखिर कैसे पूरा किया गया…
फोन करके पूछा गया-आप संतुष्ट हैं?
दरअसल, पुलिस तक शिकायतें 5 तरीकों से पहुंचती हैं। पहला IGRS, दूसरा ट्विटर, तीसरा थाने में दर्ज होने वाली एफआईआर, चौथा तरीका पीआरवी पुलिस तक आने वाली शिकायतों का होता है। फिर पुलिस द्वारा जारी वाट्सएप नंबर के जरिए भी लोग अपनी समस्याएं अधिकारियों तक पहुंचाते हैं। ऐसे वादियों से ही फोन के जरिए 3 बिंदुओं पर सवाल पूछे गए। जिसके जवाबों के आधार पर रैंक जारी की गई।
बिंदु 1 : पुलिस के व्यवहार
बिंदु 2 : विवेचना से संतुष्टि
बिंदु 3 : रेस्पांस टाइम
अगर पसंद आया, तो स्टेट में ऐसे ही रैकिंग बन सकती है
जिस शहर के लोगों ने पुलिस के कामों को सबसे कम पसंद किया। उस गोरखपुर के बारे में भी पढ़िए। यहां 181 मुकदमों के वादियों से फोन करके पूछा गया कि पुलिस के कामों पर उनकी राय क्या है? इसमें 55 वादियों ने गोरखपुर पुलिस के कार्यों को अति उत्तम बताया। 43 लोगों ने उत्तम, 59 ने साधारण तो 25 ने खराब बताया।
अब अगर गोरखपुर पुलिस में पीआरवी के रिस्पांस टाइम की बात करें तो डायल 112 पर शिकायत कराने वाले 2527 लोगों से फीडबैक लिया गया। जिसमें से 1910 संतुष्ट हैं। जबकि 617 असंतुष्ट हैं। पुलिस पर हुए इस पोल को लोग पसंद कर रहे हैं। इसलिए पूरे स्टेट में ऐसे ही पोल कराने के लिए शासन को भी एक रिपोर्ट भेजी गई है। अगर स्वीकृत होती है तो सभी जिलों की पुलिस के लिए ऐसी ही रैंकिंग जारी की जाएगी।