5 गलतियों की वजह से भयावह हुई थी लपटें … दो बिल्डर पर मुकदमा दर्ज

वाराणसी में लापरवाहियों के चलते अन्नपूर्णा अपार्टमेंट में विकराल हुई थी आग; दो बिल्डर पर मुकदमा दर्ज

अन्नपूर्णा ग्रैंडयोर अपार्टमेंट में आग लगने की घटना के बाद जिले के पुलिस और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया था। आग पर जब काबू पा लिया गया था तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली थी।

वाराणसी के सिगरा क्षेत्र स्थित 11 मंजिला अन्नपूर्णा ग्रैंडयोर अपार्टमेंट के चौथे तल के फ्लैट में लगी आग की भयावहता के पीछे बिल्डरों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई हैं। अग्निशमन विभाग, वीडीए, जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम की जांच जारी है और जिलाधिकारी को रिपोर्ट रविवार को सौंपी जाएगी। लेकिन, उससे पहले ‘दैनिक भास्कर’ ने जांच में शामिल अफसरों से इस संबंध में बातचीत की तो उन्होंने अपार्टमेंट प्रबंधन की 5 लापरवाही बताई।

साथ ही, कहा कि बहुमंजिला इमारतों से जुड़े हर पहलू को को लेकर हमें गंभीरता हर हाल में बरतनी ही होगी। अन्यथा ऐसी दुर्घटनाओं की आशंका बनी ही रहेगी। वहीं, इस पूरे प्रकरण को लेकर पीड़ित फ्लैट मालिक राकेश कुमार गुप्ता की तहरीर के आधार पर अन्नपूर्णा ग्रैंडयोर अपार्टमेंट के बिल्डर आरसी जैन और प्रभात ढंढानिया के खिलाफ सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। राकेश का कहना है कि यदि अपार्टमेंट में आग से सुरक्षा के उपाय होते तो उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान नहीं होता।

अपार्टमेंट में आग लगने के बाद यहां रहने वाले लोगों में बिल्डर के प्रति खासा आक्रोश है। सभी का कहना है कि आग से सुरक्षा के उपायों की बिल्डर ने अनदेखी की। गुस्साए लोगों ने लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की मांग लेकर सिगरा थाने में तहरीर भी दी है।
अपार्टमेंट में आग लगने के बाद यहां रहने वाले लोगों में बिल्डर के प्रति खासा आक्रोश है। सभी का कहना है कि आग से सुरक्षा के उपायों की बिल्डर ने अनदेखी की। गुस्साए लोगों ने लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की मांग लेकर सिगरा थाने में तहरीर भी दी है।

अपार्टमेंट प्रबंधन से हुई यह 5 लापरवाही

  • हर फ्लोर पर हौज कैबिनेट बंद था। उसकी चाबी वहीं लगी होनी चाहिए थी। यदि सभी फ्लोर का हौज कैबिनेट काम करता रहता तो आग इतनी भयावह नहीं होती।
  • अपार्टमेंट में कोई पंप ऑपरेटर नहीं था। पंप चालू करने के लिए कोई अन्य प्रशिक्षित आदमी भी नहीं था। इस वजह से आग लगने के बाद अपार्टमेंट का पंप अग्निशमन विभाग के कर्मी खोजते हुए लगभग 25 मिनट बाद स्टार्ट कर पाए।
  • अपार्टमेंट की छत का दरवाजा बंद किया गया था। ऐसा किसी भी सूरत में नहीं होना चाहिए।
  • अपार्टमेंट कैंपस में ही बिल्डिंग मैटेरियल पड़ा हुआ था। अपार्टमेंट कैंपस में इतनी जगह नहीं थी कि अग्निशमन विभाग की गाड़ियां आसानी से घूम सकें। अपार्टमेंट कैंपस के इंट्री प्वाइंट में भी बाधाएं थीं और इसी वजह से अग्निशमन विभाग की गाड़ियों को प्रवेश करने के लिए मशक्कत करनी पड़ी।
  • अपार्टमेंट में आग से सुरक्षा के बारे में भलीभांति जानकारी रखने वाला कोई प्रशिक्षित आदमी नहीं था। अपार्टमेंट के गार्ड और उसके प्रबंधन से जुड़े अन्य लोग भी इस संबंध में पूरी तरह से अप्रशिक्षित थे।

अपार्टमेंट प्रबंधन को यह करना चाहिए

  • आग से सुरक्षा के उपाय में भलीभांति जानकारी रखने वाले दो या तीन लोगों की शिफ्ट में रोजाना ड्यूटी लगाना चाहिए। गार्ड वगैरह को भी इस संबंध में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
  • आग से सुरक्षा के उपाय के सभी उपकरणों को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए।
  • अपार्टमेंट की छत का दरवाजा हमेशा खुला होना चाहिए।
  • एन्युअल मेंटेनेंस कांट्रैक्ट होना चाहिए। अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों की सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं की जांच होनी चाहिए।
अपार्टमेंट में रहने वालों का कहना है कि जब आग लगी तो बिल्डर द्वारा यहां नियुक्त किए गए लोगों में से कोई सामने नहीं आया। और तो और, प्रशासन की टीम आग की भयावहता के पीछे के कारणों की पड़ताल करने आई तब भी बिल्डर मौके पर नहीं आया।
अपार्टमेंट में रहने वालों का कहना है कि जब आग लगी तो बिल्डर द्वारा यहां नियुक्त किए गए लोगों में से कोई सामने नहीं आया। और तो और, प्रशासन की टीम आग की भयावहता के पीछे के कारणों की पड़ताल करने आई तब भी बिल्डर मौके पर नहीं आया।

आग लगने की 2 वजह समझ में आई

अग्निशमन विभाग का कहना है कि अपार्टमेंट के चौथे तल स्थित फ्लैट में लगी आग के पीछे अब तक की दो वजह सामने आई है। या तो शॉर्ट सर्किट हुआ है या फिर दीये से आग लगी है। कारण कि, आग लगने के लगभग 20 मिनट बाद एसी ब्लॉस्ट हुआ। इसी के बाद गैस सिलेंडर फटा। ऐसे में आग लगने के पीछे की दो ही अहम वजह हैं और उन्हें रविवार तक स्पष्ट कर दिया जाएगा।

7 अप्रैल की रात लगी थी आग

बीती 7 अप्रैल की रात अन्नपूर्णा ग्रैंडयोर अपार्टमेंट के चौथे तल स्थित राकेश कुमार गुप्ता के फ्लैट नंबर B-401 में आग लग गई थी। आग इतनी भयावह थी कि राकेश की पूरी गृहस्थी जल कर राख हो गई और अगल-बगल के फ्लैट भी उसकी चपेट में आ गए। इस दौरान 50 से ज्यादा बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों को दमकल कर्मियों और पुलिस कर्मियों ने बड़ी ही मुश्किल से सुरक्षित बाहर निकाला था। लगभग 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका था।

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