शराब की दुकान पर खुला ऑफर, दो बोतल खरीदो और एक फ्री ले जाओ
कई शराब ठेकेदारों ने शुरू की स्कीम, सेल बढ़ाने के लिए चल रहा है खेल, पेटी लेने पर 50 प्रतिशत तक का कर रहे है डिस्काउंट….
इंदौर। सरकार की नई नीति का असर ये हुआ कि शराबियों के मजे हो गए हैं। 20 प्रतिशत कीमत सरकार ने कम कर दी तो ठेकेदारों की आपसी प्रतियोगिता में जमकर डिस्काउंट चल रहा है। कोई भी ब्रांड लो दो बोतल पर एक फ्री दी जा रही है। वहीं पेटी लेने पर 40 से 50 प्रतिशत का छूट मिल रही है।
शराब की दुकान पर खुला ऑफर, दो बोतल खरीदो और एक फ्री ले जाओ……
मध्यप्रदेश सरकार ने आबकारी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए बड़े-बड़े शराब ठेकेदारों को मोनोपाली खत्म कर दी। इसके साथ 20 प्रतिशत शराब की कीमतों को कम कर दिया तो ठेकेदारों को देशी व अंग्रेजी साथ में बेचने की छूट भी दे दी। नए ठेके में एक बड़ी शर्त ये भी रख दी कि ठेकेदारों को 85 प्रतिशत माल उठाना अनिवार्य है। ये सब बदलाव के बाद में इंदौर के शराब कारोबार में प्रतियोगिता शुरू हो गई, जमकर खींचतान चल रही है।
कई ठेकेदारों ने अपने यहां की सेल को बढ़ाने के लिए कीमतें तेजी से कम कर दी हैं। अंग्रेजी शराब के कोई भी ब्रांड की दो बोतल लेने पर एक फ्री दी जा रही है। देखा जाए तो सीधा-सीधा 33 प्रतिशत का डिस्काउंट हो गया। खरीदार पूरी पेटी उठाएगा तो आधी कीमत में भी मिल सकती है। नियमित पीने वालों के लिए बल्ले -बल्ले हो गई है। वे खरीदकर घर ले जा रहे हैं।
हालांकि ये डिस्काउंट ङ्क्षसगल बोतल या छोटी बोतल लेने पर नहीं दिया जा रहा है। आमतौर पर शराब दुकान पर सेल ऐसे ही लोगों की होती है जो एक बोतल लेकर अहाते में बैठ जाते हैं। ये बंफर डिस्काउंट इंदौर की 80 प्रतिशत शराब की दुकानों पर चल रहा है। गलाकाट प्रतियोगिता करना ठेकेदारों की एक तरह से मजबूरी भी हो गई है, क्योंकि उसे 85 प्रतिशत माल जो उठाना है। नहीं उठाएगा तो ठेका निरस्त हो जाएगा और सरकार के पास जमा कराया गया पैसा भी जब्त हो जाएगा। कुछ दुकानों पर तो पोस्टर भी लगे हैं, जिसमें लिखा है भाव में भारी कमी।
देशी शराब पर भी असर
सरकार की घोषणा के बाद देशी शराब की कीमत भी कम कर दी थी। इसके अलावा ठेकेदारों ने अपनी तरफ से भी कीमतों को कर करना शुरू कर दिया है। एक दूसरे की ग्राहकी खिचने के लिए सारा खेल रचा जा रहा है। अंग्रेजी के साथ देशी दुकान होने से भी कारोबार पर ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। मजेदार बात ये है कि देशी शराब ज्यादातर मजदूर तबका पीता है। कम कीमत करने पर दूर-दूर जाने में भी हिचक नहीं रहा है।
सरकार की घोषणा के बाद देशी शराब की कीमत भी कम कर दी थी। इसके अलावा ठेकेदारों ने अपनी तरफ से भी कीमतों को कर करना शुरू कर दिया है। एक दूसरे की ग्राहकी खिचने के लिए सारा खेल रचा जा रहा है। अंग्रेजी के साथ देशी दुकान होने से भी कारोबार पर ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। मजेदार बात ये है कि देशी शराब ज्यादातर मजदूर तबका पीता है। कम कीमत करने पर दूर-दूर जाने में भी हिचक नहीं रहा है।
बीयर महंगी
गर्मी का मौसम होने की वजह से अभी सबसे ज्यादा बिक्री बीयर की हो रही है। दुकानों से ङ्क्षसगल बोतल या केन फुल कीमत पर बेची जा रही है। ठेकेदारों को मालूम है कि सिर्फ तीन माह का कारोबार है। ऊपर से ठंडी करके अलग देना पड़ती है। एक-एक, दो-दो नग लेना ग्राहक की मजबूरी है। ये जरूर है कि पूरी पेटी लेने वालों को उसमें भी कम कीमत ली जा रही है।
गर्मी का मौसम होने की वजह से अभी सबसे ज्यादा बिक्री बीयर की हो रही है। दुकानों से ङ्क्षसगल बोतल या केन फुल कीमत पर बेची जा रही है। ठेकेदारों को मालूम है कि सिर्फ तीन माह का कारोबार है। ऊपर से ठंडी करके अलग देना पड़ती है। एक-एक, दो-दो नग लेना ग्राहक की मजबूरी है। ये जरूर है कि पूरी पेटी लेने वालों को उसमें भी कम कीमत ली जा रही है।
बड़े ठेकेदार भेज रहे गुजरात
गुजरात में शराब बंदी है, लेकिन बड़े पैमाने पर अवैध रूप से माल जा रहा है। इंदौर के कई बड़े शराब ठेकेदार काम पर लगे हुए हैं। आबकारी विभाग ने भी आंख बंद कर रखी है, क्योंकि उन्हें मालूम है कि इतने महंगे ठेके उठाने वाले कारोबारी करोड़ों रुपए निकालेंगे कहां से और 85 प्रतिशत माल उठाकर खपाएंगे कहां से। इस वजह से उन्होंने ध्यान देना कम कर दिया।
गुजरात में शराब बंदी है, लेकिन बड़े पैमाने पर अवैध रूप से माल जा रहा है। इंदौर के कई बड़े शराब ठेकेदार काम पर लगे हुए हैं। आबकारी विभाग ने भी आंख बंद कर रखी है, क्योंकि उन्हें मालूम है कि इतने महंगे ठेके उठाने वाले कारोबारी करोड़ों रुपए निकालेंगे कहां से और 85 प्रतिशत माल उठाकर खपाएंगे कहां से। इस वजह से उन्होंने ध्यान देना कम कर दिया।