लोकसभा में बोले गृह मंत्री अमित शाह, ‘जम्मू-कश्मीर में 6 महीने और बढ़ाया जाए राष्ट्रपति शासन’
नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू और कश्मीर के हालातों के संबंध में लोकसभा में जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने सदन में दो प्रस्ताव पेश किए. उन्होंने जम्मू और कश्मीर में मौजूदा समय में जारी राष्ट्रपति शासन को अगले 6 महीने के लिए बढ़ाए जाने की सिफारिश की. उन्होंने इस दौरान कहा कि हमारी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसके साथ ही अमित शाह ने सदन में जम्मू-कश्मीर में आरक्षण संबंधित संशोधन का प्रस्ताव भी पेश किया.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आरक्षण संशोधन का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि इससे राज्य के लोगों को काफी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. सीमा पर हने वाले लोग गोलीबारी के बीच रहते हैं. जम्मू और कश्मीर में क्षेत्रीय संतुलन बड़ा मुद्दा है. सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम लगातार जम्मू और कश्मीर के हालात पर नजर रखे हैं. सीमा पर स्थित क्षेत्रों में बंकरों का निर्माण उस तय समय में ही पूरा होगा, जो पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा तय किया गया था. हमारे लिए हर व्यक्ति की जान महत्वपूर्ण है.
गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में पेश किए गए आरक्षण संशोधन प्रस्ताव के संबंध में कहा कि जम्मू-कश्मीर आरक्षण कानून, 2004 में संशोधन के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगने वाले कठुआ के 70 गांव, सांबा के 133 और जम्मू के 232 गांवों में रहने वाले 3 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार है जब जम्मू और कश्मीर में चुनाव के समय हिंसा नहीं हुई है.उधर कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन 6 महीने बढ़ाए जाने संबंधी गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव का विरोध किया. कांग्रेस का कहना है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन अब न बढ़ाया जाए. जम्मू और कश्मीर भारत का महत्वपूर्ण राज्य है.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के दो दिनी दौरा से लौटे हैं. इस दौरान उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ गुरुवार को राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी. गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस के निरीक्षक अरशद अहमद खान के घर पहुंचे थे और परिजनों से मुलाकात कर उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनका पूरा ध्यान रखेगी. अनंतनाग जिले में 12 जून को हुए आतंकवादी हमले में घायल होने के बाद खान की उपचार के दौरान मौत हो गई थी.