खरगोन के दंगाइयों से होगी नुकसान की वसूली:खिड़की के टूटे कांच का भी बाजार दर से होगा हिसाब; जानिए पूरी प्रक्रिया
दंगे में तोड़फोड़ या दूसरी वजह से सरकारी और प्राइवेट प्रॉपर्टीज को होने वाले नुकसान की भरपाई वाले नियम तय हो गए हैं। इसमें क्लेम ट्रिब्यूनल को यह अधिकार दे दिया गया है कि किसी के घर, दुकान, दफ्तर या दूसरी प्रॉपर्टी में मेटल्स से जुड़ी चीज के साथ संगमरमर की टाइल्स को भी नुकसान हुआ है तो उसका पैसा भी बाजार दर से लौटाया जाएगा। इसमें छत निर्माण, दरवाजे, खिड़कियों को बनाने में इस्तेमाल किए गए स्टील, लोहे, एल्यूमीनियम, कांच, महंगी लकड़ी, पत्थर भी शामिल है। ट्रिब्यूनल बाजार दरों से नुकसान की भरपाई कराएगा। यह निर्णय खरगोन दंगे के बाद किया गया है।
यह नियम तब अधिसूचित हुए हैं, जब खरगोन दंगे के बाद एक ट्रिब्यूनल मौके पर पहुंचकर पीड़ित पक्ष के आवेदन लेने में लगा है। मप्र लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली नियम 2022 में ट्रिब्यूनल को मिलने वाले अधिकार भी साफ कर दिए गए हैं। साथ ही राज्य सरकार भी चाहे तो एक ही घटना पर एक से अधिक ट्रिब्यूनल तय मियाद तक बना सकेगी। लेकिन, कोई भी ट्रिब्यूनल एक सदस्यीय नहीं होगा। हर ट्रिब्यूनल में एक अध्यक्ष और एक या इससे अधिक सदस्य होंगे।
दावेदार को मौका
- दावेदार अपना दावा व्यक्तिगत रूप से ला सकेगा और उसे खुद प्रस्तुत भी कर सकेगा। वह चाहे तो पसंद का वकील भी रख सकेगा।
- सुनवाई सार्वजनिक होगी, लेकिन दावेदार या दूसरा पक्ष चाहे तो सुनवाई बंद कमरे में की जा सकेगी।
- क्लेम कमिश्नर को बताना पड़ेगा कि उसने दावा आवेदन क्यों खारिज किया।
क्लेम ट्रिब्यूनल के ये होंगे अधिकार
- राज्य सरकार तीन अधिकारियों का पैनल ट्रिब्यूनल को भेजेगी। उन्हीं में से एक को ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष क्लेम कमिश्नर नियुक्त करेंगे।
- दावेदार का आवेदन और मूल्यांकन रिपोर्ट देखने के बाद क्लेम कमिश्नर ट्रिब्यूनल को अपना मत देंगे।
- ट्रिब्यूनल फोटो, वीडियो या सीसीटीवी फुटेज के लिए पुलिस, निजी संस्थान या किसी व्यक्ति को बोल सकेगा।
- ट्रिब्यूनल के फैसले को 90 दिन के अंदर हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।
मुआवजा ऐसे दिलाया जाएगा
ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद यदि प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वाला भरपाई नहीं करता तो कलेक्टर की जवाबदारी होगी कि वह हर्जाने की रकम समय पर दिलवाए। सरकारी प्रॉपर्टी के नुकसान के मामले में राजपत्रित अधिकारी को मूल्यांकनकर्ता नियुक्त किया जाएगा।