बिहार की राजनीति से तेजस्वी यादव ‘गायब’, संकट में आरजेडी

तेजस्वी की गैरमौजूदगी को लेकर विरोधी उनपर निशाना साध रहे हैं. वहीं पार्टी के नेता और उनके सहयोगी भी जवाब देने में असमर्थ हैं. कांग्रेस नेता मदन मोहन झा ने कहा कि तेजस्वी कहां हैं ये तो उन्हीं से पूछा जाना चाहिए. वहीं राबड़ी देवी ने कहा कि तेजस्वी बैठे नहीं हैं, किसी काम में व्यवस्त हैं.

पटना: लोकसभा चुनाव में हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ‘अज्ञातवास’ में चले गए हैं. आरजेडी की हार की समीक्षा बैठक के बाद 29 मई से ही तेजस्वी ‘गायब’ हैं. तेजस्वी के ‘गायब’ होने के बाद न केवल उनके विरोधी उनपर निशाना साध रहे हैं, बल्कि पार्टी के नेता और उनके सहयोगी भी इसका जवाब देने में असमर्थ हैं.

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आमतौर पर लोकसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय रहने वाले तेजस्वी ने चमकी बुखार से राज्य के उत्तरी हिस्से में 150 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद ट्वीटर पर भी संवेदना के दो शब्द नहीं लिख पाए हैं. तेजस्वी के ट्विटर अकाउंट पर गौर किया जाए तो उनका आखिरी ट्वीट 11 जून का है, जिसमें उन्होंने अपने पिता और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थी.

सवाल उठ रहा है कि आखिर तेजस्वी यादव विपक्ष की भूमिका क्यों नहीं निभा रहे हैं? मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के जिलों में चमकी बुखार से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. लेकिन इतने बड़े मुद्दे पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की चुप्पी लोगों को खल रही है. स्थिति यह है कि पिछले दिनों मुजफ्फरपुर के कई स्थानों पर पोस्टर लगाकर तेजस्वी यादव के बारे में जानकारी देने वाले को 5,100 रुपये इनाम देने की घोषणा की गई थी.

गौरतलब है कि वर्तमान समय में बिहार की राजनीति में तेजस्वी विपक्ष के चेहरे के रूप में जाने जाते हैं. तेजस्वी यादव को उनके समर्थक बिहार का भावी मुख्यमंत्री कहते हैं. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी सूबे में वह विपक्ष का चेहरा रह चुके हैं. इधर, शुक्रवार को विधानमंडल का मानसून सत्र भी शुरू हो गया है लेकिन तेजस्वी नदारद हैं.

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और तेजस्वी की मां राबड़ी देवी से जब इस संबंध में पूछा गया तो वह भड़क गईं और पत्रकारों से कहा, “तेजस्वी आपके ही घर में हैं.” लेकिनबाद में उन्होंने संभलते हुए कहा, “तेजस्वी जी जल्द ही आएंगे, वह किसी काम में व्यस्त हैं. वह बेकार नहीं बैठे हैं.”

आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र कहते हैं कि राजद नेतृत्वविहीन नहीं है. आरजेडी में कई नेता हैं. उन्होंने दावा किया कि जल्द ही तेजस्वी वापस लौटेंगे.

आरजेडी की सहयोगी पार्टी कांग्रेस भी अब तेजस्वी के ‘गायब’ होने पर खुलकर नहीं बोल पा रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि तेजस्वी कहां हैं, यह तो उन्हीं से पूछा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब वह आएंगे, आप लोगों को बता देंगे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा हालांकि विपक्ष पर सवाल उठाए जाने को गलत मानते हैं. वे कहते हैं, “आजकल किसी भी बात में विपक्ष से सवाल किया जा रहा है. सवाल तो सरकार से पूछे जाने चाहिए थे, जो पूरी तरह एईएस को रोकने में नाकाम रही है.” गौरतलब है कि तेजस्वी दो जून को उनकी पार्टी की ओर से आयोजित इफ्तार और लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन के मौके पर आयोजित समारोह में भी उपस्थित नहीं हुए थे.

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