नई आबकारी नीति से कांच उद्योग को मिली ‘ऑक्सीजन’:देसी शराब की बोतलें संवारेंगी फिरोजाबाद के कांच का कारोबार, 12 कारखानों में बनना शुरू हुईं बोलतें
फिरोजाबाद शहर केवल कांच की चूड़ियों के लिए ही नहीं बल्कि कांच उद्योग के लिए भी जाना जाता है। कोरोना काल की मार से जूझ रहे कांच कारोबार का भविष्य शराब की बोतलें संवारेंगी। नई आबकारी नीति के तहत जिले के कांच कारखानों में शराब की बोतलें बनना शुरू हो गई हैं। शहर से हर रोज 5 लाख से अधिक बोतलों की शराब कंपनियों को आपूर्ति हो रही है।
नई आबकारी नीति से बढ़ा रोजगार
2 साल पहले तक देसी शराब की बिक्री प्लास्टिक की बोतल में होती थी। इसके बाद असेप्टिक ब्रिक पैक (टेट्रा पैक) में बिक्री शुरू हुई। इसमें देसी शराब को कागज, प्लास्टिक और एल्यूमीनियम फ्वाइल से तैयार पैकिंग में बेचा जाता है। प्रदेश सरकार की पहल के बाद अब ट्रेटा पैक की विदाई हो गई है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए लागू नई आबकारी नीति में देसी शराब की बिक्री सिर्फ कांच की बोतलों में ही करने का प्रावधान किया है। इससे कांच उद्योग को पंख लगेंगे। शहर के ऑटोमैटिक प्लांट पर देशी शराब की बोतलें बन रही हैं। कांच उत्पादन के साथ ही शराब कंपनियों को प्रतिदिन 5 लाख से अधिक बोतलों की आपूर्ति हो रही है।
उद्यमियों को है उम्मीद और बढ़ेगा कारोबार
यूपीजीएमएस अध्यक्ष राजकुमार मित्तल का कहना है, प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति से फिरोजाबाद के कांच उद्योग को कोरोना की मार से बचाने में काफी मदद मिली है। शराब कंपनियों को प्रतिदिन 5 लाख से अधिक बोतलों की आपूर्ति की जा रही है। प्रमुख उद्यमी मुकेश बंसल टोनी का कहना है, देसी शराब की बिक्री कांच की बोतल में होने से जिले की अर्थव्यवस्था में काफी सुधर आएगा। इससे शराब कंपनियों को भी फायदा होगा। कांच की एक बोतल 5 बार प्रयोग में आ सकती है, जबकि ट्रेटा पैक एक बार ही चलता है।
इन कंपनियों की बन रही बोतलें
रेडिको खेतान, इंडिया ग्लाइकोल, उन्नाव डिस्टलरी, वेब डिस्टलरी, रायल स्टैग, इंपीरियल ब्लू, ब्लैंडर स्प्राइड, रायल स्टैग, बेग पाइपर, रेड नाइट, पीटर स्काच, एरिटोक्रेट, बीयर मेक डबल नंबर वन, किंग फिशर सहित अन्य कंपनियों को कांच की बोतलें बन रही हैं।
इन कारखानों में बनती हैं बोतलें
सीताराम ग्लास वर्क्स, पूजा ग्लास वर्क्स, एडवांस ग्लास, मित्तल सिरेमिक, गीता ग्लास वर्क्स, नवीन ग्लास वर्क्स, मीरा ग्लास वर्क्स, एसआर ग्लास, जीएम ग्लास, आनंद ग्लास सहित डेढ़ दर्जन से अधिक कारखानों में कांच की बोतल तैयार हो रही हैं।
विदेशों में भी हो रहा एक्सपोर्ट
प्रमुख उद्यमियों का कहना है कि शहर से साउथ अफ्रीका, दुबई, भूटान, नेपाल, अर्जेंटीना सहित अन्य देशों में शराब, दूध व तेल की बोतल का एक्सपोर्ट किया जा रहा है।
यहां भी बनती हैं कांच की बोतलें
फिरोजाबाद के साथ कांच की बोतल हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, गुजरात व बेस्ट बंगाल में भी बनती हैं। उद्यमियों का कहना है कि फिरोजाबाद की अपेक्षा अन्य प्रदेशों में कांच की बोतल बनाने के काफी बड़े प्लांट लगे हैं।
कारोबार पर एक नजर
- डेढ़ दर्जन से ज्यादा ऑटोमैटिक प्लांट में तैयार होती हैं बोतलें।
- 10 हजार से अधिक मजदूरों को मिला रोजगार।
- कांच उद्योग से 5-6 करोड़ हर महीने कारोबार बढ़ने की उम्मीद।
- कांच उद्योग की अर्थव्यवस्था हो रही मजबूत।
- सरकार को मिलेगा अधिक राजस्व।