नोएडा के 5 लाख बायर्स को RBI का झटका … अब तक फ्लैट पर नहीं मिला कब्जा, रेपो रेट बढ़ाने से सालाना 25 से 50 हजार तक बढ़ी EMI

अपना आशियाना हासिल करने के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में दर-दर भटक रहे 3 लाख फ्लैट खरीदारों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट बढ़ाने के फैसले से तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि फ्लैट खरीदारों को आशियान मिला नहीं, बैंक की EMI के साथ किराया चुकाना पड़ रहा है। संकट के इस दौर में अब आर्थिक बोझ भी वहन करना पड़ेगा। इससे 5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार।
नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार।

दोनों तरह के फ्लैट बायर्स की बढ़ी मुसीबत
नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया, खरीदार पहले से ही फ्लैट पर कब्जे की मांग को लेकर शासन-प्रशासन, प्राधिकरण और रेरा तक के चक्कर काट रहे हैं। उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। अब रेपो दर बढ़ने से केवल फ्लैट खरीदार ही प्रभावित नहीं हुए हैं, बल्कि 2 लाख उन फ्लैट खरीदारों की भी परेशानी बढ़ गई है, जिन्हें फ्लैट पर अवैध तरीके से कब्जा तो मिल गया है, लेकिन आशियाने का मालिकाना हक हासिल नहीं हुआ।

महासचिव श्वेता भारती।
महासचिव श्वेता भारती।

ऐसे बढ़ा 25 से 50 हजार तक का आर्थिक बोझ
महासचिव श्वेता भारती ने बताया, पहले 50 लाख रुपए के होम लोन पर 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर के हिसाब से सालाना साढ़े 3 लाख रुपए का ब्याज देना पड़ता था। रेपो दर बढ़ने से अब ब्याज दर में 0.5 प्रतिशत वार्षिक का इजाफा हो गया है। ऐसे में 3 लाख 75 हजार रुपए ब्याज राशि वार्षिक चुकानी पड़ेगी। इससे 25 हजार रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया। इसी प्रकार से जिन्होंने एक करोड़ रुपए का 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से यदि ऋण लिया था तो उन्हें सालाना 8 लाख रुपए ब्याज देना पड़ रहा था। औसतन 0.5 प्रतिशत ब्याज दर बढ़ाने पर सालाना 50 हजार रुपए अधिक ब्याज राशि चुकानी पड़ेगी।

लीड बैंक अधिकारी वेद रतन।
लीड बैंक अधिकारी वेद रतन।

5 लाख होम लोन धारक
जबकि फ्लैट की बुकिंग करते समय बिल्डर ने कहा था कि समय पर फ्लैट का कब्जा दिया जाएगा। यदि नहीं दिया गया तो मासिक जुर्माना वहन किया जाएगा। अभी तक फ्लैट नहीं मिला है और जुर्माना देने की बात तो भूल ही जाइए। EMI और मकान का किराया दोनों का आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। लीड बैंक अधिकारी वेद रतन ने बताया, जिले में 42 बैंक की 528 बैंक शाखाओं में 5 लाख से अधिक होम लोन धारक हैं, जिन पर रेपो दर बढ़ने से EMI की राशि में बढ़ोतरी होगी।

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