श्रीलंका में गृह युद्ध का खतरा ….. 12 से ज्यादा मंत्रियों के घर फूंके, प्रधानमंत्री आवास में गोलीबारी ?
श्रीलंका में आर्थिक संकट से उपजा असंतोष अब गृह युद्ध की वजह बन सकता है। सोमवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे विपक्ष के दबाव में इस्तीफा दे चुके हैं। उनके इस्तीफे से नाखुश समर्थकों ने राजधानी कोलंबो में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। जिसके बाद उनके विरोधी भी उग्र हो गए। जब राजपक्षे के समर्थकों ने कोलंबो छोड़कर जाने की कोशिशें कीं। उनकी गाड़ियों को जगह-जगह निशाना बनाया गया।
दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने हंबनटोटा में महिंदा राजपक्षे के पुश्तैनी घर को आग के हवाले कर दिया। वहीं, राजधानी कोलंबो में पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो को कार सहित झील में फेंक दिया गया। विपक्षी नेताओं ने महिंदा को गिरफ्तार करने की मांग की है। इनका कहना है कि महिंदा ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों को उकसाया और हिंसा भड़काई।
इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हुई है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हैं। अब तक 12 से ज्यादा मंत्रियों के घर जलाए जा चुके हैं। श्रीलंका में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर +94-773727832 और ईमेल ID cons.colombo@mea.gov.in जारी की गई है।

श्रीलंका संकट के बड़े अपडेट्स…
- श्रीलंकाई सांसद जनक बंडारा तेनाकून के दांबुला स्थित घर में आग लगा दी गई।
- श्रीलंका बार एसोसिएशन ने लोगों को घरों से नहीं निकलने की अपील की।
- प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मंत्री रोहिता अबेगुणवर्धने के आवास पर हमला किया।
- हिंसक प्रदर्शनों के बीच सोमवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया।
प्रधानमंत्री आवास के अंदर फायरिंग
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, सोमवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने PM के आधिकारिक आवास ‘टेम्पल ट्री’ का मेन गेट तोड़ दिया और यहां खड़े ट्रक में आग लगा थी। इसके बाद आवास के अंदर गोलीबारी भी की गई। उग्र होती भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग की।

श्रीलंका 1996 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने PM आवास पर हिंसा के लिए श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (SLPP) पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। रणतुंगा ने कहा कि SLPP ने ही लोगों की हिंसक भीड़ को इकट्ठा किया था।
श्रीलंकाई सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की मौत
बीते दिन श्रीलंकाई सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की मौत की खबर भी सामने आई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमरकीर्ति ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर दी थी और बाद में भीड़ से बचने के लिए बिल्डिंग में छिप गए। यहीं से उनका शव बरामद हुआ है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि उनकी मौत किस वजह से हुई है।

एक महीने में 2 बार लगा आपातकाल
खराब आर्थिक हालात के मद्देनजर आम लोगों ने शुक्रवार को नेशनल असेंबली में हिंसक प्रदर्शन किए थे। इसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने फिर से इमरजेंसी लगाने की घोषणा की थी। श्रीलंका में एक महीने बाद दोबारा आपातकाल लगाया गया है। इसके पहले 1 अप्रैल को भी इमरजेंसी लगाई गई थी, जिसे 6 अप्रैल को हटा दिया गया था।