ग्वालियर में फूड सेफ्टी विभाग ने लगाया 3 लाख रुपये का जुर्माना, कोर्ट ने घटाकर किया 35 हजार
कोर्ट ने कहा कि गलत जुर्माना लगाया है। खाद्य पदार्थों के विक्रय के बदले में जाे जुर्माना लगाया था, उसको लेकर उल्लेख नहीं किया गया …
जिला एवं सत्र न्यायालय से खाद्य कारोबारी भीष्मकुमार आनंददानी को बड़ी राहत मिल गई। फूड सेफ्टी विभाग ने जो 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, उसे घटाकर 35 हजार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जुर्माना लगाते वक्त तथ्यों पर विचार नहीं किया गया। गलत जुर्माना लगाया है। खाद्य पदार्थों के विक्रय के बदले में जाे जुर्माना लगाया था, उसको लेकर उल्लेख नहीं किया गया कि कितने लोगों को नुकसान हुआ है। यह कितना नुकसानदायक है।
फूड सेफ्टी अधिकारी गाेविंद नारायण सरगैया 12 अप्रैल 2019 को दोपहर 1 बजे अभिहित अधिकारी के नेतृत्व में अपनी टीम के साथ रामचंद्र खुंबादी का मकान, एबी रोड, गिरवाई, ग्वालियर स्थित फर्म जेबी फूड प्रोडक्ट पर टीम ने निरीक्षण किया था। मौके पर खाद्य कारोबार कर रहे व्यक्ति को अपने पद परिचय व अभिप्राय से अवगत कराकर फर्म का निरीक्षण कराने के लिए कहा गया था। पूछताछ के दाैरान काराेबारी ने अपना नाम भीष्म कुमार आनंददानी बताया व स्वयं को फर्म का मालिक बताया था। टीम के कहने पर काराेबारी ने फर्म का लायसेंस, रजिस्ट्रेशन दिखाया था, जो वैध पाया गया। गवाह संदीप शर्मा की उपस्थिति में फर्म का निरीक्षण किया गया। यहां पर विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ रखे हुए थे, जिन्हें शीतपेय बनाने में उपयोग किया जाना था। इन खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए। इन्हें सील बंद कर जांच के लिए भेजा गया। यह खाद्य पदार्थ अमानक पाए गए। इसको लेकर उनके ऊपर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इस जुर्माने की राशि को जिला न्यायालय में चुनौती दी गई थी। याचिकर्ता का कहना था कि खाद्य विभाग ने जुर्माना लगाने से पहले तथ्यों पर विचार नहीं किया। जो जुर्माना लगाया है, वह न्याय संगत भी नहीं है। विभाग की ओर से अपील का विरोध किया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जुर्माने की राशि घटा दी।