बिजली इंजीनियर बोला-सरकार बेइमानी से बनी, विधायक खरीदे गए … जबलपुर में बिजली कंपनी के MD के सामने बिफरा; छीनना पड़ा माइक

जबलपुर में प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों और विशेषज्ञों के मंथन कार्यक्रम में एक जूनियर इंजीनियर (जेई) समस्या बताते हुए बिफर पड़ा। इंजीनियर ने कहा- हमारे अफसर पहले कमीशन खाना बंद करें। सरकार तक कमीशन जाता है। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ही जब विधायकों को खरीदकर बनी तो इस सरकार से कर्मचारी क्या उम्मीदें करें? हमारे अधिकारी बेईमानी कर रहे हैं। वो अपनी बेईमानी बंद कर दें। मेरा सोचना तो ये हैं कि सरकार ही बेईमानी से बनी है। विधायकों को खरीदा लिया गया, सरकार गिरा दी गई। इतना बोलते ही उनसे माइक छीन लिया गया। इंजीनियर तरंग ऑडिटोरियम में मंथन कार्यक्रम में बोल रहे थे।

प्रदेश की सभी 6 बिजली कंपनियों और विशेषज्ञों की मौजूदगी में पिछले दिनों 5, 6 व 7 मई को मंथन कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। ये वीडियो आखिरी दिन 7 मई का है। इसका वीडियो अभी सामने आया है। आउटसोर्सिंग के पक्ष-विपक्ष में ओपन फॉर कार्यक्रम हो रहा था। इस चर्चा में सभी को अपनी बात रखने की छूट दी गई थी, तभी जबलपुर शहर के दक्षिण संभाग में पदस्थ जेई सदन पांडे उठे और अधिकारियों व सरकार को खरी-खरी सुना डाली। अधिकारियों को कमीशनखोर तो सरकार को बेईमान बता डाला। बोला कि मंथन से कुछ नहीं होता, पहले बिजली विभाग में शोषण का खेल बंद होना चाहिए। कमीशनखोरी बंद हो, सब ठीक हो जाएगा।

जेई का विवादों से रहा है पुराना नाता
जेई सदन पांडे से अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद माइक ले ली गई। उन्होंने भी माइक देते हुए कहा कि, जो कहना था बोल दिया। अब कुछ नहीं कहना। अधिकारी मंच से पूछते रहे ये कौन है? बता दें कि सदन पांडे इसके पूर्व भी इस तरह के सार्वजनिक कार्यक्रमों में बेबाकी से अपनी बात रख चुके हैं। इसके चलते वह कई बार निलंबित भी हो चुके हैं। हालांकि उन पर भी आरोप लगता रहता है कि वह विभाग का काम नहीं करते।

30 साल की नौकरी में 40 बार ट्रांसफर हो चुका है
जेई सदन पांडे 30 साल की नौकरी में 40 बार ट्रांसफर की सजा पा चुके हैं। वहीं 5 बार निलंबित किए जा चुके हैं। वर्तमान में भी निलंबित चल रहे हैं। दो बार इंक्रीमेंट रोका जा चुका है। कार्यक्रम के आखिरी दिन के कार्यक्रम में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे, पावर मैनेजमेंट कंपनी के एमडी विवेक पोरवाल, तीनों वितरण कंपनियों के एमडी, पावर ट्रांसमिशन और जनरेशन कंपनी के एमडी, सभी कंपनियों के एससी, सीई, जेई, एई, लाइनमैन, और विशेषज्ञ भी मौजूद थे।

मैं तो एमडी को सच बता रहा था : सदन पांडे
सदन पांडे ने बताया कि मैं तो पावर मैनेजमेंट कंपनी के एमडी विवेक पोरवाल को सच बता रहा था। बस यही बता रहा था कि बिजली की गाइडलाइन का सही तरीके से पालन करा दिया जाए, बिजली कंपनी लाभ में आ जाएगी। आउटसोर्स कर्मचारियों को श्रम कानूनों का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा। उन्हें भी साप्ताहिक अवकाश मिलना चाहिए। कर्मचारियों का शोषण हो रहा है।

समर्थन में आया यूनाइटेड फोरम

मंथन कार्यक्रम में अधिकारियों के सामने जिस साफगोई से जेई सदन पांडे ने अपनी बात रखी और बेबाकी से सच बताया। उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। लोग उनके हिम्मत की दाद दे रहे हैं। कर्मचारियों की आवाज उठाने वाला यूनाइटेड फोरम भी उनके समर्थन में आगे आया है। फोरम के सुनील कुरेले, एसके पचौरी, बृजमोहन विश्वकर्मा, जुबेर खान, अवधेश दीक्षित सहित अन्य ने कहा कि अधिकारियों की हां में हां मिलाने से अच्छा है कि उन्हें जमीनी सच्चाई से अवगत कराया जाए। हालांकि जेई सदन पांडे को अपनी साफगोई पर समय-समय पर कीमत चुकानी पड़ी है।

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