MP में 2.37 लाख लोगों को रोजगार की तैयारी .. एक साल में 37 क्लस्टर बनेंगे, यहां लगेगी 3 हजार इंडस्ट्री
मध्यप्रदेश में इंदौर सहित 22 जिलों में MSME मंत्रालय एक साल में 37 क्लस्टर लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। यह क्लस्टर अलग-अलग इंडस्ट्री सेक्टर के होंगे। जिसमें लगभग 10283.35 करोड़ की पूंजी का निवेश होगा। सरकार द्वारा लॉन्च किए जा रहे इन 37 क्लस्टर में 3 हजार उद्योग स्थापित होंगे। जिससे मप्र में लगभग 2 लाख 37 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
MSME मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने ……… को बताया कि प्रदेश में 4 क्लस्टर ने काम शुरू कर दिया है। अगले 3 महीनों में 15 क्लस्टर और काम शुरू कर देंगे। यह पहली बार है जब प्रदेश के 22 जिलों के औद्योगिक विकास और रोजगार के लिए एक साल में 37 क्लस्टर लॉन्च होंगे। इंदौर रीजन में 6 क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। सकलेचा ने बताया कि इन क्लस्टर में 3 हजार नए उद्योग स्थापित होंगे। इसमें 63 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और डेढ़ लाख को अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलेगा।
इंदौर में 6 क्लस्टर से 18 हज़ार लोगों को रोजगार
37 क्लस्टर में से इंदौर में 6 क्लस्टर लॉन्च किए जाएंगे। इन 6 क्लस्टर में लगभग 585 नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे। जिससे लगभग 18 हजार 300 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। इंदौर में विकसित हो रहे 6 क्लस्टर में लगभग 1 हजार 20 करोड़ रुपए की पूंजी का निवेश होगा। बताया जा रहा है कि 13 मई को स्टार्टअप लॉन्चिंग के साथ ही इंदौर में सीएम 2 क्लस्टर को लॉन्च कर सकते हैं।
उज्जैन, खंडवा और खरगोन में 5 क्लस्टर
इंदौर के पास उज्जैन में इंजीनियरिंग और प्लास्टिक क्लस्टर बनेंगे, जहां पर 10 उद्योग स्थापित होंगे। जिससे 42 करोड़ रुपए का निवेश के साथ 200 लोगों को रोजगार मिलेगा। बुरहानपुर में 2 टैक्सटाइल क्लस्टर में 355 उद्योग लगेंगे। यहां 900 करोड़ का निवेश और 11 हजार 600 को रोजगार मिलेगा। खंडवा में एक ग्रीन क्लस्टर बनेगा जहां 35 करोड़ निवेश होंगे। 8 जिलों में फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर बनेंगे, जिसमें 205.20 करोड़ का निवेश होगा।
22 जिलों में शुरू होंगे 37 क्लस्टर
प्रदेश के 8 जिलों में नए MSME टूल रूम बनेंगे
मंत्री सकलेचा ने बताया कि इंदौर के अलावा प्रदेश के 8 जिलों में नए MSME टूल रूम सेंटर बनाए जाएंगे। इसमें खरगोन, सागर, नीमच, सतना, ग्वालियर, सिंगरौली, छिंदवाड़ा और शहडोल के सेंटर शामिल होंगे। इन सेंटर के लिए केंद्र सरकार प्रत्येक सेंटर में मशीनरी और उपकरणों के लिए 20-20 करोड़ रुपए का अनुदान दे रही है।