भिंड गौरी सरोवर की हरियाली पर कुल्हाड़ी का हमला ….

भिंड में सवा सौ पेड़ों का होगा कत्ल, लोगों में आक्रोश….

भिंड नगर पालिका शहर के हृदयस्थल गौरी सरोवर के किनारे की हरियाली पर कुल्हाड़ी चलने की तैयारी शुरू हो चुकी है। सवा सौ पेड़ों का कत्ल करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इन पेड़ों की हरियाली का कत्ल करके सरोवर के किनारे तीन करोड़ की लागत से सड़क और रिटर्निंगवाल बनाई जाना है। हालांकि नगर पालिका नये पेड़ लगाने का दावा कर रहा है। नपा के इस निर्णय से शहर के.पर्यावरण प्रेमियों में आक्रोश बना है।

शिफ्टिंग पर खर्च ज्यादा, नपा ने हाथ किए खड़े

गौरी सरोवर किनारे लगे पेड़ों को बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमियों ने आवाज बुलंद की तो नगरपालिका के अफसरों ने दिल्ली में पेड़ शिफ्ट करने वाली एक निजी कंपनी से संपर्क किया। पैड़ शिफ्टिंग पर खर्च प्रति पेड़ 10 हजार से अधिक का खर्च आ रहा है। ऐसे में एक्सपर्ट से सलाह ली गई है हालांकि नपा मशीनों से पेड़ों को शिफ्ट करवाने की तैयारी में था । नगरपालिका के अफसरों का कहना है कि शिफ्ट करने वाले ने एक पेड़ के एवज में 10 हजार रुपये शिफ्टिंग चार्ज मांगा था। नपा यह चार्ज भी देने को तैयार है, लेकिन शिफ्टिंग के दौरान 80 फीसदी पेड़ों के नष्ट हो जाते हैं। महज 20 फीसदी पेड़ ही बचने की बात बताई गई। इससे नपा के जिम्मेदार अफसरों ने दिल्ली से मशीन बुलाकर शिफ्टिंग टाल दी। अब स्थानीय स्तर से ही शिफ्टिंग की जा रही है। साथ ही जो पेड़ हट रहे हैं, उसके स्थान पर मय ट्री-गार्ड के 500 पौधे रोपने की तैयारी है।

10-12 वर्ष आयु के पेड़ः

यहां बता दें, गौरी सरोवर किनारे तत्कालीन जज आदित्य रावत ने जन जागरूकता के जरिए पौधे रोपने का काम किया था। इसके बाद शहर के समाजसेवियों और पर्यावरण प्रेमियों ने भी सरोवर किनारे पौधे रोपे। वर्ष 2015-16 में तत्कालीन कलेक्टर डा. इलैया राजा ने जन सहयोग से गौरी सरोवर का सौंदर्यीकरण शुरू करवाया। इस दौरान भी शहर के समाजसेवियों और पर्यावरण प्रेमियों ने पौधे रोपे थे। वर्तमान में सरोवर किनारे जो पेड़ लगे हैं या जो काट दिए गए, उनकी आयु 10-12 वर्ष है। इसी से लोग पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे हैं।

पेड़ों के बचाने के लिए देर रात हुई बैठक

गौरी सरोवर किनारे लगे पेड़ों को बचाने के लिए रविवार को समाजसेवियों, पर्यावरण प्रेमियों ने बैठक की है। बैठक में पेड़ों को बचाने की बात पर मशविरा किया गया है। पेड़ों को बचाने के लिए एनजीटी और हाईकोर्ट जाने पर भी चर्चा की गई है। बैठक में मौजूद लोगों का कहना है कि शहर के लोगों की भावनाएं इन पेड़ों से जुड़ी हुईं हैं। नगरपालिका के जिम्मेदार अधिकारी चाहें तो इन पेड़ों को बचाया जा सकता है, लेकिन अधिकारी पेड़ काटने की जिद पर अड़े हुए हैं। इससे पर्यावरण को तो नुकसान होगी ही, साथ ही लोगों की भावनाएं आहत होंगीं। बैठक में राहुल कुशवाह, नितिन दीक्षित, डा. मनोज कुमार जैन सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

500 पौधे रोपे जाएंगे

गौरी सरोवर किनारे जो पड़े हटाए जाएंगे, उन्हें भी शिफ्टिंग का प्रयास किया जा रहा है। इन पेड़ों के स्थान पर सरोवर किनारे 500 पौधे रोपे जाएंगे। इसके लिए जल्द ही टेंडर भी निकला जाएगा।

सुरेंद्र कुमार शर्मा, सीएमओ, नपा भिंड

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