ऊंची इमारत में आग लगी तो होगा बड़ा हादसा! … इटली से कानपुर आई 5 करोड़ की हाइटेक प्लेटफॉर्म मशीन खराब और 30% स्टाफ है कम
दिल्ली में अग्निकांड में 27 लोगों की मौत के बाद दैनिक भास्कर की टीम ने कानपुर में फायर ब्रिगेड मुख्यालय पर पड़ताल की तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। अगर कानपुर की किसी ऊंची बिल्डिंग में आग लगी तो तबाही मचना तय है। क्योंकि यहां पर इटली से आई हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीन चार सालों से खराब पड़ी है। यह मशीन 14 मंजिल की इमारत में फंसे लोगों को निकालने और आग बुझाने में सक्षम है।
इतना ही नहीं 30% स्टाफ भी कम है। कंडम हुई फायर ब्रिगेड मशीनों के बदले में नई मशीनों का प्रस्ताव कई सालों से ठंडे बस्ते में पड़ा है। संसाधनों के अभाव में दमकल कर्मी जूझ रहे हैं।
इटली की मशीन को बनाने के लिए नहीं मिल रहे इंजीनियर
सीएफओ एमपी सिंह ने बताया कि कानपुर में हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीन इटली से 5 करोड़ की कीमत से सन 2015 में आई थी। इसकी खास बात यह है कि अग्निकांड के दौरान 14 मंजिल तक ऊंची बिल्डिंग में फंसे लोगों को आसानी से इससे नीचे उतारा जा सकता है। इसके साथ ही आग बुझाने का भी काम इस मशीन की मदद से ऊंचाई तक किया जा सकता है। कई बार इसकी मदद से ऊंची इमारतों में अग्निकांड के दौरान लोगों की जान बचाई गई, लेकिन 2019 में ये मशीन खराब हो गई और एक दर्जन से ज्यादा बार इटली से आई हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीन बनवाने के लिए मुख्यालय पत्र भेजा गया, लेकिन चार साल बाद भी सुधार नहीं हो सका। फायर ब्रिगेड के अफसरों का कहना है कि अगर कानपुर की किसी ऊंची बिल्डिंग में आग लगी तो हालात बेहद खराब हो जाएंगे। इसे जल्द से जल्द ठीक करवा देना चाहिए।
सात फायर ब्रिगेड मशीने कंडम, एक भी नए नहीं मिले
सीएफओ एमपी सिंह ने बताया कि कानपुर में सात फायर ब्रिगेड मशीने कंडम हो गईं और उसे नीलाम कर दिया गया, लेकिन उनकी जगह पर एक भी नया वाहन नहीं मिल सका है। जबकि कई बार प्रपोजल बनाकर लखनऊ मुख्यालय भेजा गया है। अभी तक नए वाहन भेजने का कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।
एक्सपर्ट ऑपरेटर की डिमांड तक नहीं हो सकी पूरी
फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने बताया कि विभाग का हाल बेहद खराब है। हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीन पांच करोड़ की कीमत से खरीद तो ली गई, लेकिन ऑपरेटर आज तक नहीं मिल सका है। इटली से आए एक्सपर्ट ने उसे ऑपरेट करने के लिए एक सामान्य सा प्रशिक्षण दिया था। इससे विभाग के कर्मचारियों को उसे ऑपरेट करने में बेहद परेशानी होती है। ऑपरेटर के लिए भी विभाग से मांग की गई थी, लेकिन आज तक कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला है।
कानपुर में 8 फायर स्टेशन, एक निर्माणाधीन और एक प्रस्तावित
कानपुर में फजलगंज फायर स्टेशन मुख्यालय है। इससे जुड़े हुए अलग-अलग इलाके जैसे लाटूश रोड, कर्नलगंज, मीरपुर कैंट, जाजमऊ, किदवई नगर, घाटमपुर और बिल्हौर में फायर स्टेशन बने हुए हैं। इससे आग लगते ही स्थानीय फायर स्टेशन से फौरन गाड़ी पहुंचकर आग पर काबू पा सके। कानपुर आउटर के नर्वल में एक नया फायर स्टेशन बनाने के लिए काम तेजी से चल रहा है। जबकि बिठूर में फायर स्टेशन बनाने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।
30 फीसदी स्टाफ कम, ओवरलोड होने से परेशान फायरमैन
कानपुर फायर ब्रिगेड संसाधन ही नहीं स्टाफ की कमी से भी जूझ रहा है। कानपुर में आठ फायर सेफ्टी ऑफिसर (FSO) होने चाहिए, लेकिन सिर्फ चार हैं। जबकि यहां पर एफएसओ के नौ पद हैं। जबकि एफएसएसओ के 17 पद हैं, लेकिन सिर्फ 6 एफएसएसओ हैं। 40 ड्राइवरों के पद हैं, लेकिन मौजूदा समय में सिर्फ 32 हैं। लीडिंग फायर मैन के 40 पद हैं, लेकिन मौजूदा समय में सिर्फ 34 हैं। फायर मैन के 250 पद हैं, लेकिन सिर्फ 190 फायर मैन ही मौजूदा समय में हैं। भारी आबादी होने वाले शहर में करीब 30 फीसदी स्टाफ कम होने से फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को रोजाना जूझना पड़ रहा है।
एफएसओ बोले- मुख्यालय को पूरी जानकारी
एफएसओ एमपी सिंह ने बताया कि संसाधनों का अभाव और मैनपावर की कमी की जानकारी मुख्यालय को कई बार लिखित में जानकारी भेजकर डिमांड की जा चुकी है। इसके साथ ही इटली की हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीन बनाने के लिए कई बार इंजीनियर की डिमांड की गई है। लेकिन, अभी तक कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल सका है।