ग्वालियर। आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईओडब्ल्यू की छापेमारी के दायरे में आए निलंबित सहायक शिक्षक प्रशांत सिंह परमार के दो कालेजों को गुपचुप दूसरे जिलों में शिफ्ट करने की जांच की जाएगी। नईदुनिया ने गत 12 मई के अंक में सहायक शिक्षक के बीएड कालेजों का नाम नहीं था जेयू की सूची में, निरीक्षण से पहले किया शामिल और 16 मई के अंक में सहायक शिक्षक के जो कालेज मौके पर थे ही नहीं, उन्हें जेयू ने कर दिया शिफ्ट शीर्षकों से समाचार प्रकाशित कर इस मामले का राजफाश किया था। इसके चलते जेयू के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी ने जांच कमेटी बनाई है। यह कमेटी राजस्व विभाग के दस्तावेजों के आधार पर मामले की जांच करेगी। निरीक्षण दल में शामिल रहे अफसरों की भूमिका भी जांची जाएगी।

उल्लेखनीय है कि जेयू द्वारा निरीक्षण के लिए तैयार की गई सूची में एक से तीन साल पुराने 16 बीएड कालेज और दो एमबीए कालेजों का नाम शामिल थे। इस सूची में प्रशांत परमार के श्योपुर जिले के कराहल एजुकेशन कालेज और ग्वालियर के आइडियल कालेज का नाम शामिल नहीं था। जेयू के अफसरों ने गुपचुप तरीके से इन कालेजों का नाम शामिल कर स्थान परिवर्तन की अनुमति भी दे दी। कराहल एजुकेशन कालेज को ग्वालियर और ग्वालियर के आइडियल कालेज को भिंड के मेहगांव में शिफ्ट कर दिया गया। मामले का खुलासा तब हुआ, जब पता चला कि इन कालेजों का संचालन जिस भूमि पर करना बताया गया है, राजस्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक वहां कोई भवन ही नहीं बना है।

रिपोर्ट के आधार पर इन कालेजों की संबद्घता समाप्त की जाएगी

आपके माध्यम से राजस्व विभाग की रिपोर्ट से संबंधित तथ्यों का पता चलने पर मामले की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर इन कालेजों की संबद्घता समाप्त की जाएगी। इसके अलावा पूर्व में निरीक्षण करने वाले दल के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।

डा. केशव सिंह गुर्जर, डीसीडीसी जीवाजी विश्वविद्यालय