नशा और तेज रफ्तार छीन रहीं जिंदगियां
16 माह में सड़क हादसों में 470 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। इसमें करीब 70 प्रतिशत हादसों की वजह तेज रफ्तार और नशाहै….
– लोगों की मौत हुई हादसों में वर्ष 2019 से अप्रैल 2022 तक
ग्वालियर। 17 साल का हर्ष हिंगवे। सपना था- मार्शल आर्ट चैंपियन बनना, थाईलैंड के कठिन मार्शल आर्ट मुईथाई की भी प्रैक्टिस करने लगा था। अपने माता-पिता का इकलौता था, इसलिए पूरे घर का लाड़ला। 29 अप्रैल की शाम करीब 7.30 बजे अपने दोस्तों देवांग तोमर और अंशुमान तिवारी के साथ बहोड़ापुर स्थित आनंद नगर इलाके में सड़क किनारे खड़े होकर बात कर रहा था। तभी काले रंग की फाच्र्युनर गाड़ी एमपी07 सीएच 2626 सामने से आई। फाच्र्युनर करीब 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में थी। अचानक गाड़ी बहकी और सड़क किनारे खड़े हर्ष को टक्कर मार दी, हर्ष हवा में उछला और जमीन पर गिर पड़ा। शरीर खून से लथपथ हो गया, आसपास के लोग गंभीर रूप से घायल हर्ष को अस्पताल लेकर पहुंचे। हर्ष के पिता हिम्मतलाल हिंगवे 16 दिन तक चार अस्पतालों में अपने बेटे को लेकर भटकते रहे, उन्हें उम्मीद थी कि उनका लाड़ला फिर से मुस्कुरा उठेगा, लेकिन तेज रफ्तार गाड़ी की टक्कर लगने से हर्ष के शरीर का अंग-अंग टूट गया था। आखिर 15 मई की सुबह 10.30 बजे उसकी सांसें थम गईं।
विश्लेषण: 16 माह में 2544 हादसे हुए
जनवरी 2021 से अप्रैल 2022 के बीच 16 माह में 2544 हादसे हुए। जिसमें 470 लोगों की मौत हुई और 1857 लोग घायल हुए। इसमें से 427 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। बाकी लोग सामान्य घायल हुए। नईदुनिया ने विश्लेषण किया तो सामने आया जिन हादसों में मौत हुई, उसमें से करीब 70 प्रतिशत मामलों में हादसों की वजह तेज रफ्तार और नशे में ड्राइवर का गाड़ी चलाना था। इसलिए सबसे ज्यादा खतरनाक हादसे की वजह यही है।
यह हैं जिम्मेदार : बीएन प्रजापति, निरीक्षक ट्रैफिक पुलिस
इंटरसेप्टर व्हीकल का प्रभारी इन्हें बनाया गया है। इन पर ही जिम्मेदारी है, ओवरस्पीड में दौड़ रहे वाहनों पर कार्रवाई की। सोमवार को जब …..संवाददाता ने इनसे इंटरसेप्टर व्हीकल से कार्रवाई के बारे में पूछा तो इन्हें व्हीकल की लोकेशन तक नहीं पता थी।