Delhi Crime … पैड मशीन से चुरा चुके हैं 500 से ज्यादा कारें, पुलिस ने दो चोरों को दबोचा, जानिए क्या था कार चुराने का तरीका

आरोपी कुछ सालों में पुश बटन से स्ट्रार्ट होने वाली 500 से ज्यादा कारें चुरा चुके हैं। ये दिल्ली व यूपी कारें चुराकर उन पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर बिहार समेत कई राज्यों में बेच देते थे।
दक्षिण-पूर्व जिले के वाहन चोरी निरोधक दस्ते(एएटीएस) ने दो ऐसे वाहन चोर को गिरफ्तार किया है जो पैड मशीन से आधुनिक कारों को चुराते थे। ये पुश बटन से स्ट्रार्ट होने वाली कारों को ही चुराते थे।
आरोपी कुछ सालों में पुश बटन से स्ट्रार्ट होने वाली 500 से ज्यादा कारें चुरा चुके हैं। ये दिल्ली व यूपी कारें चुराकर उन पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर बिहार समेत कई राज्यों में बेच देते थे। पुलिस ने इनके पास से पांच लग्जरी कारें, आठ रिमोट चाबी व टूलकिट बरामद की है।

दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार जिले में वाहन चोरी की वारदातों को देखते हुए एएटीएस प्रभारी रामकुमार व एएसआई विनोद कुमार की देखरेख में विशेष टीम गठित की गई।

इस पुलिस टीम को 15 मई को सूचना मिली थी कि दो वाहन चोर चोरी की टाटा हैरियर से सरायकालेखां की तरफ से मदनपुर खादर रेड लाइट की तरफ आएंगे और मथुरा होकर आगरा जाएंगे। एसआई रामकुमार की टीम ने मदनपुर खादर रेडलाइट पर घेराबंदी की। तभी टाटा हैरियर कार आती हुई दिखाई दी।

एसआई रामकुमार ने कार चालक को रूकने का इशारा किया तो आरोपी ने कार की स्पीड़ बढ़ा दी। पुलिस टीम ने बेरिकेड की मदद से कार को रूकवा कर आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों की पहचान इटावा, यूपी निवासी भूपेंद्र उर्फ अमित उर्फ महेश(40) केशव उर्फ भानू(24) के रूप में हुई।

आरोपी जिस कार में घूम रहे थे वह इंद्रिरापुरम, गाजियाबाद इलाके से चुराई गई थी। इनकी निशानदेही पर चार लग्जरी कारें बरामद की गईं। दोनों आरोपी शराब व ड्रग्स लेने के आदि हैं।

ये दिल्ली, एनसीआर व यूपी से लग्जरी कारें चुराकर बिहार आदि राज्यों में भेजते थे। भूपेंद्र इटावा, यूपी का हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ हत्या, डकैती व रॉबरी के 24 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। केशव के खिलाफ गेम्बलिंग एक्ट का एक मामला दर्ज है। ये इटावा में एक दुकान में टेक्नीशियन का काम करता था।

पैड मशीन से चुराते थे लग्जरी कारें 
आरोपी लग्जरी कारें ही चुराते थे। पुश बटन से स्ट्रार्ट होने वाली कारों की साइड शीशे पर एक विन नंबर होता है। ये विन नंबर को पैड मशीन से स्कैन कर लेते थे और इसके बाद ये कार को डीकोड कर लेते थे। डीकोड होते ही कार का दरवाजा खुल जाता था। इसके बाद ये कार को पुश बटन से स्ट्रार्ट करके ले जाते थे। ये इटावा, यूपी से बस में आते थे और नोएडा उतरते थे। नोएडा उतरने के बाद ये दिल्ली-एनसीआर में कारें चोरी करते थे। कार को चुराकर से पार्किंग में खड़ा कर देते थे। एक-दो दिन में ये पार्किंग से कार को ले जाते थे। ये कार पर फर्जी नंबर प्लेट लाकर बिहार व अन्य राज्यों में बेच देते थे। 

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