Gwalior Health News: ग्वालियर। प्रदेश के पांच सरकारी मेडिकल कालेजों के 1060 चिकित्सा छात्र नियम तोड़कर गायब हो गए हैं। इन्होंने एमबीबीएस और पीजी की पढ़ाई के बाद न तो गांव में डाक्टरी की और न ही ग्रामीण क्षेत्रों में ड्यूटी न करने के एवज में जमा की जाने वाली बांड राशि जमा की। प्रदेश में ऐसे बांड डिफाल्टर छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा भोपाल स्थित सरकारी मेडिकल कालेज से पढ़ाई कर चुके छात्रों की है। समय-समय पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ऐसे डाक्टरों को नोटिस भेजने की खानापूर्ति करता रहा, लेकिन सख्त कार्रवाई न होने से इन पर कोई असर नहीं पड़ा।

नईदुनिया ने इस संबंध में पड़ताल की, तब सामने आया कि भोपाल के ऐसे सबसे ज्यादा छात्र हैं, जबकि दूसरे नंबर पर इंदौर के चिकित्सा छात्र हैं। यह नियम 2002 में लागू हुआ था। इसके बाद समय-समय पर बांड राशि बढ़ाई गई। एमबीबीएस और पीजी के लिए अलग-अलग बांड राशि है, साथ ही सामान्य और आरक्षित वर्ग के लिए भी अलग है। 1060 में से कई छात्र ऐसे हैं, जो सालों पहले पढ़ाई पूरी कर चुके हैं, लेकिन न बांड राशि जमा की, न ही ग्रामीण क्षेत्र में सेवा की। इस पूरी कवायद के पीछे उद्देश्य था कि ग्रामीण इलाकों में लोगों को डाक्टर उपलब्ध हो सकें, लेकिन डाक्टर ग्रामीण इलाकों में जाना ही नहीं चाहते। यही वजह है कि ऐसे डिफाल्टर छात्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मार्च में ऐसे छात्रों को मप्र मेडिकल काउंसिल के निर्देश पर मेडिकल कालेजों की ओर से नोटिस जारी किए गए, इसके बाद भी कुछ ही छात्रों ने बांड राशि जमा की। अधिकांश छात्रों ने नोटिस को भी गंभीरता से नहीं लिया। इस मामले में डीएमई डा.जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि ऐसे छात्रों की सूची तैयार की गई है, ऐसे छात्रों का पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

मेडिकल कालेजः एमबीबीएस बांड डिफाल्टर- पीजी डिप्लोमा- पीजी डिग्री- कुल संख्या

भोपाल- 74- 116- 116- 306

इंदौर- 59- 128- 95- 282

ग्वालियर- 65- 43- 78-186

जबलपुर- 44- 41- 52- 137

रीवा- 25- 57- 67- 149

नाेटः यह आंकड़े मप्र मेडिकल काउंसिल से मिली जानकारी के अनुसार हैं

विश्लेषण: एमबीबीएस के बाद पीजी डिग्री करने वाले सबसे ज्यादा छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा नियम तोड़ा। ऐसे 408 छात्र पूरे प्रदेश के हैं। वहीं पीजी डिप्लोमा के 385 छात्र हैं, जबकि एमबीबीएस के 267 छात्र हैं। पीजी डिग्री करने के बाद नियम तोड़ने वाले सबसे ज्यादा छात्र भोपाल के हैं, ऐसे छात्रों की संख्या भोपाल में 116 है। जबकि पीजी डिप्लोमा के बाद नियम तोड़ने वाले सबसे ज्यादा छात्र इंदौर के हैं, इनकी संख्या 128 है।

कहां के कितने छात्रों ने कितनी बांड राशि जमा कराई:

भोपाल- 4381 छात्र- 21.81 करोड़ रुपये

इंदौर- 4646 छात्र – 20.13 करोड़ रुपये

ग्वालियर- 4221 छात्र- 15.59 करोड़ रुपये

जबलपुर- 4244 छात्र – 11.86 करोड़ रुपये

रीवा- 2197 छात्र – 8.62 करोड़ रुपये

वर्जन:

ऐसे जो भी चिकित्सा छात्र हैं, जिन्होंने बांड राशि जमा नहीं की और न ही ग्रामीण क्षेत्र में सेवा दी। ऐसे छात्रों को नोटिस जारी किए गए हैं, अगर इनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया तो इनके पंजीयन निरस्त किए जाएंगे। इसे लेकर सभी मेडिकल कालेजों के डीन को निर्देशित किया है।

डा.जितेंद्र शुक्ला, डीएमई