40 देशों में फैली इंदौर की महक:जेड ब्लैक के गैरेज से निकलकर इंटरनेशनल ब्रांड बनने की कहानी… MP की ऐसी इकलौती कंपनी
अब कंपनी का अगरबत्ती का प्रमुख ब्रांड Zed Black 3-in-1 सहित अन्य ब्रांडों का एक्सपोर्ट दुनिया के 40 देशों में होता है। कंपनी का सालाना टर्न ओवर 800 करोड़ रुपए है। कंपनी की प्रमुख ब्रांड जेड ब्लैक अगरबत्ती की डिमांड ऐसी है कि हर दिन 3 करोड़ अगरबत्तियां 15 लाख के पैकेट में सेल होकर देश-विदेश को महका रही है।
मूलत: इंदौर में रहने वाले प्रकाश अग्रवाल 1980 के दशक में एक कपड़े की दुकान पर काम करते थे। तब पिता का जनरल स्टोर था। करीब 7 साल तक जॉब करने के बाद खुद उद्योग शुरू करने का मन बनाया। प्रकाश अग्रवल ने बताया कि उन्होंने दो-तीन अलग-अलग बिजनेस शुरू किए लेकिन नहीं चले। इस पर मां मोहिनी देवी ने कहा कि इसके बजाय किसी अगरबत्ती की एजेंसी से लो। इस पर उन्होंने एजेंसी ली। इस दौरान पता चला कि ज्यादातर अच्छी सुगंधित अगरबत्तियां मैसूर, बेंगलुरु आदि शहरों से इंदौर आती है। इस पर उनके मन में आया कि क्यों न ऐसी सुगंधित अगरबत्तियां खुद ही बनाई जाए। बस यह सोचकर 1992 में इसकी शुरुआत की। तब परिवार का एक छोटा से गैरेज हुआ करता था। इसे गैरेज से उन्होंने अगरबत्ती उद्योग शुरू किया। उनके साथ उनके भाई श्याम व राजकुमार अग्रवाल का भी सहयोग रहा। यहां से धीरे-धीरे शुरू कर विस्तार किया। इसके तहत अलग-अलग सुगंध की अगरबत्ती बनाना शुरू की।
व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता का पेंच
जब कंपनी का नाम रखने की बात आई तो पहले विचार आया कि परिवार या अन्य किसी के नाम से रखा जाए लेकिन ध्यान आया कि शहर में मैसूर, बेंगलुरु या बाहर की अगरबत्तियों के नाम से लोग ज्यादा विश्वास रखते हैं इसलिए नाम मैसूर दीप परफ्युमरी हॉउस रखा। आकलन सही निकला और लोगों ने विश्वास किया कि उक्त कंपनी की अगरबत्तियां गुणवत्ता वाली होगी। कुछ समय बाद इंदौर, देवास, उज्जैन के बाद प्रदेश से तेजी से ऑर्डर आना शुरू हुए। इसका कारण अगरबत्ती की विशेष तरह की महक मंदिरों, घरों व अन्य धार्मिक स्थलों पर लोगों को काफी अच्छी लगने लगी। लोगों से फीडबैक मिला कि अगरबत्ती मंदिर में जल रही हो या बाहर, उसकी महक उन्हें तरोताजा कर देती है। इस फीडबैक के बाद कई प्रकार की महक वाली अगरबत्तियों का निर्माण शुरू किया।
अब दोनों बेटे भी संभालते हैं कारोबार
इसी कड़ी में सबसे ज्यादा प्रतिसाद जेड ब्लैक को मिला। कंपनी ने इसके साथ ही उच्च गुणवत्ता वाली धूप बत्ती, धूप कोन, धूप स्टिक्स, तेल आदि पर जोर दिया। कंपनी ने जेड ब्लैक के अलावा मंथन धूप और धूप बत्ती, मंथन सांबरनी कप, एरोमिक्स, आरोग्यम कपूर, फ्रेश पाइनएप्पल, गौवेड सांबरानी कप सहित कई प्रकार के प्रोडक्ट्स लॉन्च किए। इस बीच अग्रवाल के बड़े बेटे अंकित अग्रवाल ने MBA करते हुए कारोबार संभालना शुरू कर दिया। उन्हें भी 18 साल हो गए हैं। इसके बाद उनके छोटे अंशुल अग्रवाल दिल्ली आईआईटी से इंजीनियरिंग कर कारोबार से जुड़ गया।
इसलिए नहीं रखे देवी-देवताओं के नाम
अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न प्रकार की अगरबत्तियों के ब्रांड के नाम देवी-देवताओं, धार्मिक ग्रंथ के आधार पर रखे जा सकते थे लेकिन इनके उपयोग के बाद लोग इन्हें कचरे में फेंक देते और अपमान होता। इस कारण इनके नाम भगवान वाले नहीं रखे। फिर इंग्लिश नाम सोचने का मन बनाया लेकिन भारत के लोग इंग्लिश नाम के ब्रांड को नहीं खरीदते। इसके चलते फिर जेड ब्लैक सहित अन्य सामान्य की तरह रखे गए क्योंकि लोगों को मैसूर नाम की कंपनी पर भरोसा है।
सुगंधित अगरबत्ती का प्रोडक्शन मां के जिम्मे
कंपनी की मुख्य फैक्टरी देवास में है। इसके अलावा शिप्रा, मांगलिया, देवास नाका और सांवेर रोड पर भी बड़ी यूनिट्स है। खास बात यह कि इस सुगंध उद्योग में परिवार की महिलाओं का भी खास योगदान है। बकौल अंकित अगरबत्ती की सुगंध की क्वालिटी, वैरायटी, नई सुगंध आदि मां अमिता अग्रवाल संभालती है। उनके द्वारा सुगंध फाइनल करने के बाद ही पैकिंग का रूप तय होता है और नई अगरबत्ती लॉन्च की जाती है।
भारत में तीसरे स्थान पर कंपनी
अगरबत्ती उद्योग में आज MDPH देश में तीसरे स्थान पर है। कंपनी की जेड ब्लैक 3-इन-1 के ब्रांड ऐंबैस्डर दिग्गज क्रिकेटर एमएस धोनी है, जो जेड ब्लैक के लिए ‘प्रार्थना होगी स्वीकार’ के साथ धूम मचा रहे हैं। ऐसे ही बॉलीवुड के सुपर स्टार ऋतिक रोशन कंपनी की धूप ब्रांड “मंथन धूप’ के ब्रांड ऐंबैस्डर है। यह मंथन धूप देश के उत्तरी राज्यों में ज्यादा लोकप्रिय है। अगरबत्ती पैकेटों की कीमत अधिकतम 350 रुपए तक है। कीमतें कम इसलिए है कि अगरबत्ती सामान्य जन खरीद सके।
लाखों किमी तक इंदौर की फैली खुशबू
कंपनी अमेरिका, ब्राजील, इथियोपिया, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, दुबई सहित 40 से ज्यादा देशों में अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करती है। कंपनी के विभिन्न यूनिट्स में 4 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं। कंपनी का टारगेट करीब 150 देशों को अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करना है। इसके लिए कंपनी 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार देगी।
मंदिरों में चढ़ाए हजारों क्विंटल फूलों का होगा उपयोग
ऐसे ही कंपनी ने यूपी की हेल्प अस ग्रीन नामक कंपनी से एक एमओयू साइन किया है। उक्त कंपनी मप्र के मंदिरों सहित धार्मिक स्थलों, आयोजन से उपयोग किए गए फूलों-हारों को एकत्रित कर उसे सुगंध के लिए प्रोसेस कर हमें देगी। कंपनी नेचुरल सुगंध का अपने प्रोडक्ट्स के लिए उपयोग करेगी। कंपनी अगरबत्ती बनाने के लिए बैंबू स्टिक्स, जॉस पावडर, चारकोल पावडर, परफ्यूम कंपाइड का इस्तेमाल कर उसे डीप करती है। फिर पैकिंग कर सेल किया जाता है। कंपनी गुलाब, मोगरा, खस, चंदन, तुलसी, कपूर आदि की सुगंध वाली अगरबत्तियों के साथ साथ फ्रूट फ्रैगरेंसी जैसे मैंगो, पाइनेप्पल, चेरी आदि सुगंध वाली अगरबत्तियों का निर्माण करती है। कई अगरबत्तियां दो फलों या दो फूलों की मिली-जुली महक के साथ उपलब्ध है।