सर्विस चार्ज के नाम पर रेस्टोरेंट में वसूले जाते हैं ज्यादा पैसे; जानिए इससे जुड़े नियम और बचने के तरीके
सबसे पहले इन दो सवालों का जवाब दें…
- क्या आप रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं?
- क्या आप Zomato, Swiggy, Ola, Uber जैसे प्रोवाइडर्स से खाना ऑर्डर करते हैं?
अगर जवाब हां है तो ये खबर आपके काम की है। इसे पढ़ने के बाद आपको खाने का बिल कम देना होगा। दरअसल, देशभर के रेस्टोरेंट में ग्राहकों से खाने-पीने के बिल में सर्विस चार्ज जोड़कर मांगा जाता है। इससे आपको खाने-पीने का पैसा ज्यादा देना पड़ता है। इस बात से कई लोग अनजान हैं। इसकी वजह यह है कि हम में से ज्यादातर लोग बिल में सिर्फ पैसे देखते हैं। वे यह चेक नहीं करते हैं कि कौन–कौन से टैक्स और चार्ज हमसे रेस्टोरेंट ओनर ले रहे हैं।
केंद्र सरकार ने 2 जून को सर्विस चार्ज को लेकर एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में रेस्टोरेंट से जुड़े संगठन, Zomato, Swiggy, Delhivery, Zepto, Ola, Uber जैसे प्रोवाइडर्स को बुलाया गया है।
सवाल उठता है कि क्या ग्राहकों को रेस्टोरेंट में बिल के साथ सर्विस चार्ज देना जरूरी है? अगर नहीं तो इसके लिए कैसे मना कर सकते हैं।
सवाल- सर्विस चार्ज आखिर है क्या?
जवाब- जब आप किसी प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदते हैं तो उसके लिए कुछ पैसे देने पड़ते हैं। इसे ही सर्विस चार्ज कहते हैं। यानी होटल या रेस्टोरेंट में खाना परोसने और दूसरी सेवाओं के लिए ग्राहक से सर्विस चार्ज लिया जाता है। ग्राहक भी होटल या रेस्टोरेंट से बिना सवाल-जवाब किए सर्विस चार्ज के साथ पेमेंट कर देते हैं। हालांकि, ये चार्ज ट्रांजैक्शन के समय ही लिया जाता है न की सर्विस लेते वक्त।
इन जगहों पर लिया जाता है सर्विस चार्ज
- होटल या रेस्टोरेंट में खाने के बाद सर्विस चार्ज लिया जाएगा।
- बैंक में कोई ट्रांजैक्शन करने के बाद सर्विस चार्ज लिया जाएगा।
- ट्रैवल और टूरिज्म की एजेंसियों में भी सर्विस चार्ज देना पड़ता है।
गुरुवार को होने वाली बैठक में केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले के विभाग रेस्टोरेंट, होटल और ऑनलाइन फूड डिलीवरी पर जुड़ने वाले सर्विस चार्ज को लेकर चर्चा करने वाली है।
सवाल- सरकार ने अचानक इस मामले में बैठक क्यों बुलाई?
जवाब- मीडिया रिपोर्ट और उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) पर ग्राहकों की तरफ से दर्ज शिकायतों को देखने के बाद केंद्र सरकार ने बैठक बुलाने का फैसला किया है।
सवाल- कैसे पता चलेगा कि खाना खाने के बाद आपके बिल में सर्विस चार्ज जोड़ा गया है?
जवाब- इसके लिए सबसे पहले नीचे लगी फोटो पर नजर डालिए।
आपको भी जब बिल दिया जाएगा तो उसमें वैट, सर्विस चार्ज, सर्विस टैक्स, SGST और CGST जैसी सारी चीजें लिखी रहेंगी। आप टोटल पेमेंट के ऊपर पढ़ सकते हैं कि आखिर खाने के अलावा आपसे किस-किस चीज का चार्ज लिया जा रहा है।
NRAI (नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया) को लिखा गया पत्र
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने NRAI अध्यक्ष को पत्र लिखकर बताया कि ग्राहकों को सर्विस चार्ज देने के लिए मजबूर किया जाता है। जब ग्राहक इस तरह की पेमेंट को हटाने के लिए कहते हैं तो उन्हें गुमराह किया जाता है और सर्विस चार्ज को सही ठहराया जाता है।
सवाल- अगर होटल या रेस्टोरेंट ग्राहक से जबर्दस्ती सर्विस चार्ज मांगे तो क्या कर सकते हैं?
जवाब- ग्राहक इस बात का विरोध कर सकते हैं और उपभोक्ता अदालत में जाकर शिकायत कर सकते हैं।
2017 में सर्विस चार्ज पर जारी की गई थी गाइडलाइन
- अप्रैल 2017 कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने बिल में सर्विस चार्ज जोड़ने पर एक गाइडलाइन जारी की थी।
- मिनिस्ट्री ने कहा कि इस कॉलम को खाली छोड़ना चाहिए और इसके भुगतान का मामला कस्टमर की इच्छा पर छोड़ना चाहिए।
- होटल और रेस्टोरेंट को यह तय नहीं करना चाहिए कि कस्टमर को कितना सर्विस चार्ज देना है। यह कस्टमर के विवेक पर छोड़ना चाहिए।
आपने ध्यान दिया है कि
कैसे सर्विस चार्ज नाम बदल कर लिया जा सकता है
ऐसा जरूरी नहीं होटल या रेस्टोरेंट वाले आपसे सर्विस चार्ज के नाम से ही एक्स्ट्रा पैसे लें। इसे कई बार बुकिंग फीस, ट्रैवल में सिक्योरिटी फीस, बैंकों में अकाउंट मेंटेनेंस फीस और कस्टमर सर्विस के नाम पर पैसे वसूला जाता है।
अब भी आपको समझ में यह बात नहीं आई तो आसान शब्दों में समझते हैं। हम एक कार खरीदने जाते हैं– वहां हमसे सर्विस चार्ज के नाम अलग-अलग तरह की फीस ली जाती है। यह चार्ज एसेसरीज फिटिंग चार्ज के नाम हो सकती है या फिर कई जगह इसे प्री डिलिवरी इंस्पेक्शन चार्ज के तौर पर वसूला जाता है। कुछ दुकानदार को क्रेडिट कार्ड स्वाइप करने के बदले भी पैसे लेते हैं।
यहां ऐसे लिया जाता है सर्विस चार्ज
बैंक– यहां फिक्स्ड रेट पर चार्ज लिया जाता है। अकाउंट खोलते वक्त बैंक आपसे मंथली फीस का जिक्र करता है। जिसे वह मेंटेनेंस चार्ज कहता है। हर महीने के अंत में बैंक यह चार्ज काट लेता है। बैंक अपने ATM की सेवा के बदले भी चार्ज लेता है।
एयरलाइन कंपनियां– ओवरवेट और ओवरसाइज बैगेज फीस के नाम पैसे लिए जाते हैं। अगर आप टिकट कैंसिल करवाते हैं, तब भी आपको चार्ज चुकाना होता है। फ्लाइट में अपनी मनपसंद सीट चुनने के लिए चार्ज, कई बार इंटरटेनमेंट, वाईफाई के नाम पर भी चार्ज लिया जाता है।